Cyrus Mistry passes away मसिर्डीज कार का एयरबैग खुलने के बाद भी टाटा कंपनी के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री की जान चली गई, 4 तारीख को जन्मे सायरस 4 तारीख को ही दुनिया से चले गए, जानिए टाटा जैसी कंपनी के शीर्ष पद तक कैसे पहुंचे सायरस
एनपीजी डेस्क
Cyrus Mistry passes away: टाटा कंपनी के पूर्व चेयरमैन और जाने-माने उद्योगपति सायरस मिस़़्त्री का आज कार हादसे में निधन हो गया। वे कार से अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे। महाराष्ट्र के पालघर के पास उनकी मर्सिर्डीज कार डिवाइडर से टकरा गई। एक्सीडेंट इतना भीषण था कि कार के सभी एयरबैग खुलने के बाद भी सायरस को बचाया नहीं जा सका। उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि सायरस मिस्त्री जिस मर्सिडीज की जिस एसयूवी में सवार थे वो काफी ज्यादा सेफ्टी फीचर्स के साथ आती है। कंपनी की कारों को दुनिया की सबसे सुरक्षित कारों में से एक माना जाता है। सुरक्षा के कई फीचर्स से लैस मर्सिडीज की एसयूवी में सवार होने के बाद भी अगर जिंदगी मौत के आगे हार जाए तो फिर क्या उपाय रह जाते हैं।
ये मर्सिडीज सबसे सुरक्षित कारों में शामिल हैं। जिस एसयूवी में मिस्त्री सवार थे वो मर्सिडीज की जीएलसी 220डी 4 मैटिक एसयूवी थी। कंपनी की इस एसयूवी में प्री-सेफ सिस्टम आता है। इसके साथ इसमें एक्टिव पार्किंग असिस्ट विद पार्कट्रॉनिक, 360 डिग्री कैमरा व्यू, नी बैग, टायर प्रैशर मॉनिटरिंग सिस्टम, हाई बीम असिस्ट, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन जैसे फीचर्स आते हैं। इनके अलावा इसमें ओवर स्पीडिंग वॉर्निंग सिस्टम भी आता है जिसमें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर एसयूवी में बीप बजती है और 120 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड होते ही लगातार बीप बजती है जिससे एसयूवी सवार को पता चलता है कि उनकी स्पीड काफी ज्यादा हो चुकी है और अब स्पीड कम करने की जरूरत है। एसयूवी में ड्राइवर और पैसेंजर के लिए सात एयरबैग भी मिलते हैं। एसयूवी को यूरो एनसीएपी से 5 स्टार रेटिंग भी मिली हुई है।
सायरस के साथ एक अजीब संयोग रहा....वे 4 जुलाई 1968 को जन्मे और 4 सितंबर को उनका देहावसान हो गया। याने चार को ही जन्मे और इसी तारीख को उन्होंने अलबिदा कह दिया। साइरस रतन टाटा के रिश्ते में भी आते हैं। वे फिलहाल शापूरजी पालोनजी ग्रुप के प्रमुख थे।
आइये जानते हैं उनके जन्म से लेकर अबतक की कहानी:-
साइरस मिस्त्री का पूरा नाम साइरस पल्लोनजी मिस्त्री है। उनका जन्म 4 जुलाई 1968 में मुंबई में हुआ था। उनके पिताजी पल्लोनजी मिस्त्री व माता पैटसी पेरिन दुबाश था। उनकी माँ आयरलैंड की रहने वाली थी। इसलिए उन्होंने आयरलैंड की नागरिकता ले रखी थी। उनकी स्कूली शिक्षा मुंबई के ही कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से शुरू हुई।।फिर उन्होंने सन 90 में लंदन यूनिवर्सिटी के इंपीरियल कॉलेज लंदन से सिविल इंजीनियरिंग किया। और फिर 96 में लंदन के ही लंदन यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की पढ़ाई की। साइरस मिस्त्री की पत्नी का नाम रोहित चागला है
The untimely demise of Shri Cyrus Mistry is shocking. He was a promising business leader who believed in India's economic prowess. His passing away is a big loss to the world of commerce and industry. Condolences to his family and friends. May his soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2022
दो बेटे है फिरोज मिस्त्री और जहान मिस्त्री
उनके परिवार की कंस्ट्रक्शन कंपनी शापूरजी पल्लोनजी लिमिटेड में डायरेक्टर के रूप में 91 से काम शुरू किया। टाटा संस् को मिस्त्री ने 1 सितंबर 2006 को ज्वाइन किया। पिता के रिटायरमेंट लेने के बाद उन्होंने टाटा एलेक्सी लिमिटेड में 24 सितंबर 1990 से लेकर 26 अक्टूबर 2009 तक काम किया और टाटा पावर लिमिटेड को 18 सितंबर 2006 तक डायरेक्टर के रूप में काम किया।
Shocking #CyrusMistry died in a road accident pic.twitter.com/XemOnZMKDr
— Utkarsh Singh (@utkarshs88) September 4, 2022
दिसंबर 2013 में उन्हें टाटा समूह वक चेयरमैन बनाया गया। जनवरी 14 में उन्होंने इसकी जिम्मेदारी सम्हाली। टाटा समूह में टाटा पॉवर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, टाटा टेलीसर्विसेस, इंडियन होटल्स, टाटा ग्लोबल ब्रेवरेज व टाटा कैमिकल्स कम्पनियां थी। 24 अक्टूबर 2016 में टाटा समूह के बोर्ड मेंबर्स ने साइरस मिस्त्री को हटा दिया था जिसके बाद फिर से एक बार रतन टाटा दुबारा टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने थे।
साइरस कारों के काफी शौकीन रहे हैं। वे खाने के भी काफी शौकीन हैं और अक्सर यूरोप में छुट्टियां मनाने परिवार के साथ जाते रहते हैं। उनके पास पुणे व लंदन में भी मकान है। मुंबई में हुए आतंकी हमले में घायल व मारे गए लोगो के परिवार की मदद में भी रतन टाटा काफी सक्रिय थे। कहा जाता है कि रतन टाटा तभी उनकी नजरो में चढ़ गए थे। देश के सबसे अमीर परिवारों में से एक परिवार के इस होनहार उद्योगपति के निधन से देश को काफी छति पहुँची है।