नईदिल्ली 6 जून 2022. तमिलनाडु के द्रमुक नेता और राज्यसभा सदस्य (DMK MP) टीकेएस एलनगोवन ने विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने हिंदी भाषा पर बयान देते हुए कहा कि हिन्दी केवल अविकसित राज्यों जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मातृभाषा है. मैं हिंदू क्यों सीखूं.?"तमिलनाडु में हिंदी को कथित रूप से थोपना एक संवेदनशील मसला है और द्रमुक ने 1960 के दशक में जनता का समर्थन जुटाने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया था और उसे कामयाबी मिली थी.सत्तारूढ़ दल हिंदी को 'थोपने' के प्रयासों की निंदा करता रहा है.
टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों को देखिए. क्या ये सभी विकसित राज्य नहीं हैं? इन सभी राज्यों में हिंदी मातृभाषा नहीं है.
हालांकि बाद में अपने बयान पर उन्होंने कहा कि मैंने कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है. तमिल समाज एक समतामूलक समाज है और दक्षिण में वर्ग भेद का अभ्यास नहीं करता. उत्तर से भाषा के प्रवेश के कारण इसने हमें भी विभाजित कर दिया है. मैंने जो कहा वह यह था कि जब हिंदी में प्रवेश किया तो यह हमारे लिए उत्तर में लागू की गई सांस्कृतिक प्रथा को ला सकता है.
बता दें, इससे कुछ दिन पहले ही तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने भी हिंदी को लेकर विवादित बयान दिया था.