कांग्रेस पार्षद-सरपंच के खिलाफ FIR दर्ज: सूदखोरों से परेशान इंजीनियर ने की आत्महत्या, SSP के नाम लिखा सुसाइड नोट...

Update: 2022-09-23 08:16 GMT

बिलासपुर। 16 सितंबर को सरपंच व पार्षद की सूदखोरी से तंग आकर इंजीनियर ने जहर खाकर आत्महत्य कर ली थी। मरने से पहले इंजीनियर ने एसएसपी के नाम चार पन्नो का सुसाइड नोट लिखा था। इसमें सरपंच और पार्षद पर कर्ज के नाम पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। सकरी पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही थी। पर अब एसएसपी के निर्देश पर कांग्रेसी पार्षद, कांग्रेस नेता व सरपंच व एक अन्य सूदखोर पर आत्महत्या के लिए उकसाने व कर्जा एक्ट का एफआईआर दर्ज कर लिया गया है।

पूरा मामला सकरी थाना क्षेत्र का हैं। आसमां सिटी के रहने वाले ऋषभ निगम(38) इंजीनियर थे। पिता शिव कुमार रिटायर्ड रेंजर हैं। मंगला चौक में ऋषभ की बिजली दुकान थी। उन्होंने सूदखोरों से करीब चार लाख रुपये उधार लिए थे। पैसा देने के बाद भी सूदखोर ब्याज वसूलते रहे। इससे वे उबर नहीं पाए और मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान रहने लगे। दो दिन पहले उन्होंने घर में जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में ग्राम पंचायत हांफा के सरपंच व कांग्रेस नेता संदीप मिश्रा व सकरी के पार्षद अमित भारते व एक अन्य जितेंद्र मिश्रा पर ब्याज के लिए परेशान करने का आरोप लगाया है।

आत्महत्या से पहले एसपी के नाम पर चिठी लिखा:-

आत्महत्या करने से पहले ऋषभ ने बिलासपुर एसपी के नाम पर एक चिट्ठी लिखी। इसके बाद जहर खाकर आत्महत्या कर ली। जहर खाने के बारे में परिजनों को पता चला तो उसे गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। एसपी के नाम लिखी चिट्ठी में तीन लोगों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है।जिनमें कांग्रेसी पार्षद अमित भारते, ग्राम हांफ़ा के सरपंच संदीप मिश्रा व एक अन्य सूदखोर जितेंद्र मिश्रा के नाम शामिल हैं।

जिनके नाम शामिल हैं उन्होंने कोरोना के दौरान मृतक ऋषभ को व्यापार बढ़ाने के लिए दस लाख रुपये उधार दिया था। ऋषभ ने ब्याज के तौर पर 25 से 30 लाख रुपये पटाये थे बावजूद इसके सूदखोरों की मांग कम नही हो रही थी। वे चक्रवृद्धि ब्याज मांग रहे थे।

इस मामले में सकरी पुलिस मर्ग कायम कर जांच कर रही थी। जिससे नाराज परिजनों ने एसएसपी पारुल माथुर से मिलकर जुर्म दर्ज करने की मांग की। तब एसएसपी ने मर्ग डायरी मंगवा कर अवलोकन किया और परिजनों के बयान दर्ज कर एफआईआर के निर्देश दिये। जिसके बाद पुलिस ने परिजनों का बयान दर्ज कर आरोपी कांग्रेस पार्षद अमित भारते, ग्राम हांफ़ा के सरपंच संदीप मिश्रा व जितेंद्र मिश्रा पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने पर 306,34 व कर्जा एक्ट का एफआईआर दर्ज कर लिया है।

महीने का 30 प्रतिशत ब्याज, चक्रवृद्धि होती थी वसूली

इंजीनियर ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा है। इसमें उन्होंने लिखा की सूदखोर हर 10 दिन में 10 प्रतिशत की दर से ब्याज वसूलते। ब्याज में देरी होने पर उसे मूल रकम में जोड़ देते। इस तरह सूदखोरों ने मूल की रकम से ज्यादा ब्याज वसूली। इसके बाद भी उसे परेशान करते। सूदखोरों की प्रताड़ना से उन्होंने आत्महत्या की राह चुनी।

पुलिस के बयान में यह भी पता चला कि आरोपियों ने मृतक ऋषभ की पत्नी के गहने मन्नपुरम गोल्ड लोन, व मुथूट गोल्ड लोन में गिरवी रखकर सवा लाख रुपये का लोन ऋषभ के नाम पर ले लिया था। व उसके नाम से 15 हजार का सीमेंट भी उधार लिया था। उसकी क्रेटा कार को अपने नाम से बिक्री नामालिखवा कर दबाव पूर्वक दूसरे के पास गिरवी रखवा दिया। उसकी इलेक्ट्रॉनिक दुकान से भी सूदखोर दो लाख का सामान जबरन उठा कर ले गए थे। जुर्म दर्ज होनेक बाद तीनों आरोपी फरार हो गए हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।

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