VIDEO-मंत्री लखमा के साथ CM भी झूमे: मांदर बजाकर झूमते हुए नजर आए मुख्यमंत्री भूपेश, बोले- विकास का द्वार बनेगा छिंदनार का पुल
दंतेवाड़ा, 25 जनवरी 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छिंदनार का यह पुल इस पूरे अंचल के लिए विकास का द्वार सिद्ध होगा। इस पुल के बनने से इंद्रावती नदी के दोनों तरफ के गांव जुड़ेंगे, बल्कि इससे लोगों तक शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी सुविधाएं भी आसानी से पहुंचेगी बघेल आज दंतेवाड़ा जिले के छिंदनार में इन्द्रावती नदी पर 47 करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित छिंदनार ब्रिज पुल के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर दंतेवाड़ा जिले के निवासियों को 251 करोड़ के 814 विकास कार्यों सौगात दी। इस दौरान मुख्यमंत्री और मंत्री कवासी लखमा मांदर बजाकर झूमते हुए नजर आये।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में नदी के उस पार पंचायत विकास के लिए 10 करोड़ रूपए की राशि, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुआकोण्डा में नवीन भवन के निर्माण के लिए 2 करोड़ 50 लाख रूपए, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटेकल्याण के र्जीणोंद्धार के लिए 2 करोड़ रूपए, स्वरोजगार के लिए 5 करोड़ मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर में चंदखुरी कौशल्या माता मंदिर की तर्ज पर ज्योति कलश कक्ष के निर्माण, छिंदनार पुल के निर्माण में बलिदान देने वाले पाहुरनार के पूर्व सरपंच स्वर्गीय पोसेराम कश्यप के नाम पर पुल के नामकरण की घोषणा की। उन्होंने छिंदनार पुल के निर्माण में शहीद हुए प्रधान आरक्षक स्वर्गीय लक्ष्मीकांत द्विवेदी की शहादत को नमन किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छिंदनार में बना यह पुल साधारण पुल नहीं है, यह दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर जिले को और बस्तर से अबूझमाड़ को जोड़ने वाला पुल है। पहले पढ़ाई के लिए बच्चों को नांव से नदी पारकर इस पर आना पड़ता था। आपात स्थिति में इलाज के लिए नांव से नदी पार करने में बहुत दिक्कत होती थी। अब 108 और 112 की भी इन गांवों तक पहुंच होगी। अब यह पुल सही मायने में विकास का द्वार है। इसके जरिये अब गांव में आंगनबाड़ी, स्कूल भवन निर्माण, विद्युतीकरण जैसे कार्य तेजी से होने लगे है। प्रशासन के लोग इन गांवों में पहुंच रहे हैं जिससे अबूझमाड़ में बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। इस अंचल में आवागमन सुविधाओं की बढ़ोत्तरी के लिए अन्य स्थानों पर पुलों का निर्माण किया जा रहा है, इससे लोगों तक विकास की योजनाएं पहुंच सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तुमरीगुंडा गांव में 2 करोड़ से अधिक राशि की लागत से 18 पारों में 18 ट्रांसफार्मर लगाकर शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। इसी प्रकार नदी के उस पार के क्षेत्र में भी विद्युतीकरण के लिए भी 3.91 करोड़ रूपए की लागत के कार्य स्वीकृत किए गए है। उनमें पाहुरनार में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। चेरपाल में काम प्रगति पर है। जलजीवन मिशन के कार्य भी शुरू करेंगे। जिससे आदिवासी भाईयों को भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। आज तक इस क्षेत्र के लोग मुलभूत सुविधाओं से वंचित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुल का निर्माण आसान काम नहीं था। इसके लिए कई सुरक्षा जवानों ने दिन-रात तैनात रह कर सुरक्षा का काम किया है। जवानों ने निर्माण कार्य में प्राणों की बाजी लगाकर सहयोग दिया। इन जिलों में लगातार रोजगार सृजन के लिए काम किया जा रहा है। आज तक जिन मूलभूत सुविधाओं से दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोग दूर थे, अब उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। जिला पुलिस, सीआरपीएफ, और सभी सुरक्षा बल के जवानों ने इस पुल के निर्माण में चौक-चौबंद सुरक्षा प्रबंध किए, इस निर्माण के दौरान जवान शहीद हुए मैं उन्हें नमन करता हूं। जवानों को ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं। इस क्षेत्र में सोलर पैनल और विद्युतीकरण के माध्यम से 8000 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्रफल की योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनांचलों में लोगों को रोजगार देने के लिए कोदो, कुटकी, रागी, मक्का समेत अन्य मिलेट्स की खरीदी और मुर्गी, बकरी, कड़कनाथ, अंडा उत्पादन और वनोपज के वैल्यू एडीशन के माध्यम से रोजगार के नए मार्ग खुले हैं। दंतेवाड़ा जिले में अमचुर निर्माण के लिए नये तरीके अपनाये गए जिससे यहां के लोगों की आमदनी बढ़ी है। आज यहां का डेनेक्स पूरे हिंदुस्तान को कपड़ा पहनाने का काम कर रहा है। हमारी आदिवासी बहनंे यहां निपुणता से कपड़े बना रही हैं। डेनेक्स में 700 बेटियां काम कर रही है। जिन्हें 8 से 10 हजार की प्रतिमाह आमदनी हो रही है। इसके साथ ही 400 अन्य बेटियों को भी कपड़ा निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को लघु वनोपज खरीदी, वैल्यू एडिशन, कृषि नवाचार, मसाला निर्माण के जरिए काम दिया जा रहा है। हम आदिवासियों की आय बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों की ऋण माफी के साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से उनकी उपज का उचित मूल्य देने का काम किया है। लघु वनोपजों की संख्या भी 7 से बढ़ाकर 52 कर दी गई है। इसके साथ ही इनके वेल्यू एडिशन का कार्य भी किया जा रहा है। इन कार्यों से जनता का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ा है। नदी उस पार 300 से अधिक वनाधिकार के पट्टे दिए गए हैं। इन्द्रावती नदी के पार अब इन पुल के निर्माण के साथ ही चेरपाल, तुमरीगुण्डा, पाहुरनार, कौरगांव सहित अनेक गांवों तक पहुंचने और वहां के लोगों को आने-जाने की सुविधा के साथ ही वर्षों पुराना सपना पूरा हुआ है। अब इन गांवों में भी बीजापुर, सुकमा की तरह तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए फड़ का निर्माण किया जाएगा, जिससे यहां के लोग भी 4 हजार रूपए का आय प्राप्त कर सकेंगे।
इन योजनाओं से वनांचलों में रहने वाले आदिवासियों के आय में वृद्धि हो रही है। पुल बनने से 272 लोगों को पेंशन स्वीकृति, बैंक खाता की सुविधा मिली है। सुपोषण केन्द्र से 372 लोग लाभांवित हुए हैं। इन दो सालों में ही नदी के उस पर गांव में 70 मोटर सायकल एवं 13 चार पहिए की खरीदी की गई है। विकास की किरणें अब अबुझमाड़ में पहुंचने लगी है। कार्यक्रम को जिले के प्रभारी मंत्री एवं उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा और सांसद दीपक बैज एवं स्थानीय विधायक देवती महेन्द्र कर्मा, बीजापुर विधायक विक्रम साह मण्डावी ने भी संबोधित किया। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष तुलिका कर्मा, जिला पंचायत सदस्य सुलोचना कर्मा, पार्टी पदाधिकारीगण अवधेश सिंह गौतम, शकील रिजवी, वीरेन्द्र गुप्ता, विमल सुराना, सुभाष सुराना एवं अन्य जनप्रनिधिगण, पुलिस महानिरीक्षक आनन्द छाबड़ा, पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज पी. सुन्दर राज, आयुक्त बस्तर संभाग श्याम गावड़े, कलेक्टर दीपक सोनी, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, सीईओ जिला पंचायत आकाश छिकारा, एसडीएम अबिनाश मिश्रा, संयुक्त कलेक्टर सुरेन्द्र ठाकुर, अपर कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे सहित जिले के अधिकारी/कर्मचारीगण व बड़ी संख्या में जनसमूह उपस्थित थे।