Chhattisgarh News: कलेक्टर साहब की कार के शीशों में लगी है काली फिल्म... एसपी बोले, साहब से बात करूंगा
Chhattisgarh News: मनेन्द्रगढ़। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक देश में कोई भी व्यक्ति अपनी गाड़ी की शीशों में काली फिल्म नहीं लगा सकता। पुलिस समय समय पर काली शीशों वाली गाड़ियों पर कार्रवाई करती है। चालान काटा जाता है।
लेकिन मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के कलेक्टर की इन दिनों काली फ़िल्म लगी गाड़ी चर्चा का विषय बनी हुई है।
क्यों किया गया बेन
काला शीशा लगे वाहन के अंदर कौन है, अपराधी है या वीआईपी... इसका पता न तो पुलिस को चल पाता है और न ही जनता को। काले शीशे लगे वाहनों का उपयोग अक्सर आपराधिक गतिविधियों के लिए होता आया है। कारों से हत्या और अपहरण की वारदातों को अंजाम दिया जाता रहा है। आपराधिक चरित्र वाले लोग अपनी पहचान छिपाने के लिए ऐसे वाहनों का उपयोग करते रहे हैं, इसीलिए काले शीशों को बेन किया गया है।
क्या है नियम
केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के नियम 100 के तहत वाहनों की खिड़कियों के शीशे काले या रंगीन नहीं होने चाहिए। इस नियम के अनुसार वाहनों की खिड़कियों के साइड विंडो के शीशे 50 प्रतिशत और आगे-पीछे का शीशा 70 प्रतिशत पारदर्शी होना चाहिए। केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली, 1989 के नियम (2) के तहत वाहनों में लगे काले शीशे को हटाने का प्रावधान है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 177 और 179 के तहत काला शीशा लगाने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। ऐसे में कलेक्टर के वाहन में ग्लास में काली फिल्म होना गलत है।
मैं कलेक्टर सर से बात करूंगा...
यातायात नियमों का पालन करना सभी के लिए जरूरी है। अफसर हों या जनप्रतिनिधि, सभी को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। काली फ़िल्म लगे वाहनों में सफर करना गलत है। मैं काली फ़िल्म हटाने को लेकर कलेक्टर सर से बात करूंगा।
टीआर कोशिमा
एसपी, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर