Chhattisgarh Top News Todayरायपुर. छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस सरकार और संगठन साथ मिलकर लड़ेंगे. प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा की मौजूदगी में सीएम हाउस में हुई हाई लेवल मीटिंग में यह तय किया गया है कि यदि ईडी की छापेमारी पॉलिटिकल होगी तो उसका संवैधानिक ढंग से विरोध किया जाएगा. इस बीच 21 मई को पाटन में भरोसे का सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया है. इसमें शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं, 25 मई को झीरम घाटी हत्याकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद 26 मई से बस्तर संभाग से संभागीय बैठकों की शुरुआत होगी.छत्तीसगढ़ की राजनीति में मंगलवार को सुबह उस समय हलचल तेज हो गई, तब प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा अचानक राजधानी पहुंच गईं. इसके बाद एक होटल में मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक शुरू हो गई. सैलजा का प्रोटोकॉल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी नहीं किया गया था, इसलिए इसे औचक दौरा माना गया. एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव करने के लिए भी चुनिंदा लोग ही पहुंचे थे. हालांकि बाद में स्थिति स्पष्ट हुई कि मंत्रियों को पहले से ही सैलजा के दौरे की खबर थी. मंत्रियों की बैठक के बाद अचानक सैलजा के सीएम हाउस पहुंचने की खबर आई. इस बैठक में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सहित चुनिंदा मंत्रियों के शामिल होने की खबर ने कयासों को हवा दे दी. सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं चल निकलीं. हालांकि अधिकृत तौर पर कोई ऐसी बात सामने नहीं आई है, जिससे किसी सियासी तूफान की आहट के रूप में देखा जाए.एक सूचना ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. खबर आई कि बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया और पीएचई मंत्री रूद्र गुरु के बीच किसी तरह का मनमुटाव हुआ. बैठक के बीच ही रूद्र गुरु सीएम हाउस से चले गए. इसी से यह बात भी निकली कि सैलजा ने मंत्रियों को आपसी मनमुटाव खत्म करने की नसीहत दी है, जिससे आने वाले समय में जब पार्टी पूरी तरह चुनावी मोड में हो, तब किसी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो.
Chhattisgarh Top News Todayरायपुर. छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस सरकार और संगठन साथ मिलकर लड़ेंगे. प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा की मौजूदगी में सीएम हाउस में हुई हाई लेवल मीटिंग में यह तय किया गया है कि यदि ईडी की छापेमारी पॉलिटिकल होगी तो उसका संवैधानिक ढंग से विरोध किया जाएगा. इस बीच 21 मई को पाटन में भरोसे का सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया है. इसमें शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं, 25 मई को झीरम घाटी हत्याकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद 26 मई से बस्तर संभाग से संभागीय बैठकों की शुरुआत होगी.छत्तीसगढ़ की राजनीति में मंगलवार को सुबह उस समय हलचल तेज हो गई, तब प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा अचानक राजधानी पहुंच गईं. इसके बाद एक होटल में मंत्रियों के साथ वन-टू-वन बैठक शुरू हो गई. सैलजा का प्रोटोकॉल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी नहीं किया गया था, इसलिए इसे औचक दौरा माना गया. एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव करने के लिए भी चुनिंदा लोग ही पहुंचे थे. हालांकि बाद में स्थिति स्पष्ट हुई कि मंत्रियों को पहले से ही सैलजा के दौरे की खबर थी. मंत्रियों की बैठक के बाद अचानक सैलजा के सीएम हाउस पहुंचने की खबर आई. इस बैठक में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सहित चुनिंदा मंत्रियों के शामिल होने की खबर ने कयासों को हवा दे दी. सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं चल निकलीं. हालांकि अधिकृत तौर पर कोई ऐसी बात सामने नहीं आई है, जिससे किसी सियासी तूफान की आहट के रूप में देखा जाए.एक सूचना ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. खबर आई कि बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया और पीएचई मंत्री रूद्र गुरु के बीच किसी तरह का मनमुटाव हुआ. बैठक के बीच ही रूद्र गुरु सीएम हाउस से चले गए. इसी से यह बात भी निकली कि सैलजा ने मंत्रियों को आपसी मनमुटाव खत्म करने की नसीहत दी है, जिससे आने वाले समय में जब पार्टी पूरी तरह चुनावी मोड में हो, तब किसी तरह की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो.