Chhattisgarh News: क्‍या सच में पनौती है मंत्रियों के ये बंगले, इनमें जो भी रहा वह हार गया चुनाव: गृह प्रवेश से ठिठके...

Chhattisgarh News: देश की राजनीति में शुभ-अशुभ और टोटको का बड़ा महत्‍व दिखता है। अधिकांश नेता कोई भी काम करने से पहले मुहूर्त जरुर देखते हैं। इस चक्‍कर में कई बार अंधविश्‍वास को भी बढ़वा देने का आरोप लग जाता है। ऐसा ही कुछ छत्‍तीसगढ़ में सरकारी बंगलों के साथ हो रहा है।

Update: 2024-01-06 12:56 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की विष्‍णुदेव साय सरकार के सभी 11 मंत्रियों को राजधानी में सरकारी बंगला अलाट हो गया है। सबसे वरिष्‍ठ विधायक और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को वहीं बंगला मिला है जिसमें वे पिछले करीब 20 साल से रह रहे हैं। बाकी मंत्रियों को पूर्व मंत्रियों का बंगला दिया गया है। ये बंगले राजधानी के शंकर नगर, सिविल लाइन और जेल रोड पर स्थिति हैं।

ज्‍यादातर बंगलों को पूर्व मंत्रियों ने खाली कर दिया है अब वहां नए मंत्री के स्‍वागत की तैयारी चल रही है। बंगलों का रंगरोगन करने के साथ ही अन्‍य काम किया जा रहा है। जिन मंत्रियों को बंगला आवंटित किया गया है उनके हिसाब से कुछ बलाव भी किए जा रहे हैं। इन सबके बीच कुछ बंगलों को लेकर दिलचस्‍प स्थिति बन गई है। इन बंगलों पर पनौती या मनहूस होने का ठप्‍पा लग गया है। वजह यह है कि वहां जो भी रहा वह अगला चुनाव हार गया है। यही वजह है कि जिन मंत्रियों को यह बंगला मिला है वे वहां गृह प्रवेश करने से कतरा रहे हैं। सूत्र बता रहे हैं कि दो मंत्रियों ने बंगला बदलने का आग्रह किया है।

मंत्रियों के लिए आरक्षित जिन सरकारी बंगलों को मनहूस की श्रेणी में रखा गया है उनमें एक बंगला जेल रोड पर है और बाकी दो शंकर नगर में। तीनों बंगले मंत्री दयालदास बघेल, टंक राम वर्मा और लक्ष्‍मी राजवाड़े को आवंटित किया गया है।

मंत्री दयालदाल बघेल को जेल रोड स्थित बी-5/5 बंगला मिला है। कांग्रेस सरकार के दौरान इस बंगले में मंत्री गुरु रुद्र कुमार रहते थे। इस बार वे दयालदास बघेल के ही हाथों चुनाव हार गए हैं। रुद्र कुमार से पहले तत्‍कालीन सरकार के गृह मंत्री ननकीराम कंवर रहते थे। कंवर 2013 का विधानसभा चुनाव हार गए थे।

दूसरा बंगला है शंकर नगर का डी-5/10 कांग्रेस सरकार में इस बंगले में मंत्री मोहम्‍मद अकबर रहे थे। अकबर इस बार चुनाव हार गए हैं। अब यह बंगला विष्‍णुदेव साय सरकार में मंत्री टंकराम वर्मा को मिला है। अकबर से पहले इस बंगले में रामेसवक पैकरा रहते थे। मंत्री रहते पैकरा भी अगला चुनाव हार गए थे।

कुछ इसी तरह का संयोग शंकर नगर स्थित एक और मंत्री के बंगले के साथ जुड़ा हुआ है। यह बंगला है डी 7-8। इस बार यह बंगला विष्‍णुदेव साय सरकार में एक मात्र महिला मंत्री लक्ष्‍मी राजवाड़े को मिला है। कांग्रेस सरकार में यह बंगला मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम को मिला था। डॉ. टेकाम पूरे समय विवादों में घिरे रहे। कांग्रेस के विधायकों ने ही उन पर गंभीर आरोप लगाए। नतीजा मंत्री की कुर्सी भी चली गई और चुनाव में टिकट भी नहीं मिला। डॉ.टेकाम से पहले इस बंगले में भाजपा सरकार के मंत्री महेश गागड़ा रहते थे। गागड़ा 2018 में चुनाव हार गए। इस बार भी उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा है।

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