Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: कोई लाख तो कोई हजार वोट के अंतर से बना सांसद: जानिए... छत्‍तीसगढ़ में किसके नाम पर दर्ज है सर्वाधिक व सबसे कम वोट के अंतर से जीत का रिकार्ड

Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: जीत छोटी हो या बड़ी जीत, जीत होती है। इसके बावजूद चुनावी राजनीति में हार- जीत के अंतर पर काफी चर्चा होती है। ऐसा इसिलए क्‍योंकि कई बार यही मार्जिन से नेता की लोकप्रियता और रणनीतिक कुशलता के आंकलन का आधार बन जाती है। ऐसे में हम आपको छत्‍तीसगढ़ के अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी और सबसे छोटी जीत पर डिटेल में जानकारी देने जा रहे हैं।

Update: 2024-03-30 08:39 GMT

Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ राज्‍य बने करीब 24 साल हो गए हैं। इस दौरान 4 बार आम चुनाव हो चुके हैं। राज्‍य बनने के बाद पांचवीं बार आम चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। अब तक के 4 चुनावों में कुल 44 लोग लोकसभा में छत्‍तीसगढ़ का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं। हर बार हार-जीत का अंतर बदलता रहता है। अब तक हुए 4 चुनावों में सबसे बड़ी जीत 3 लाख 91 वोट से ज्‍यादा के अंतर की रही है। वहीं, सबसे छोटी जीत में वोटरों का अंतर 12 सौ के करीब रहा है। सर्वाधिक और सबसे कम वोट के अंतर से सांसद बनने वाले दोनों नेता एक ही पार्टी के हैं।

इनके नाम दर्ज है अब तक की सबसे बड़ी जीत

प्रदेश के इतिहास में अब तक 4 बार हुए लोकसभा चुनाव में सबसे बड़े अंतर से जीत का रिकार्ड विजय बघेल के नाम पर दर्ज है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बघेल ने दुर्ग संसदीय सीट से 3 लाख 91 हजार से अधिक वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं, सबसे कम अंतर की जीत भी भाजपा के नाम पर ही दर्ज है। 2014 में महासमुंद सीट से चंदूलाल साहू 1217 वोट के अंतर से जीते थे। यह प्रदेश के अब तक के इतिहास की सबसे कम मार्जिन वाली जीत है।

2014 में सबसे ज्‍यादा 7 प्रत्‍याशी जीते थे 1 लाख से ज्‍यादा वोट के अंतर से

प्रदेश में लोकसभा की कुल 11 सीटे हैं। राज्‍य बनने के बाद अब तक 2004, 2009, 2014 और 2019 में आम चुनाव हुए हैं। इनमें 2014 में सबसे ज्‍यादा 7 प्रत्‍याशी एक लाख से ज्‍यादा वोट के अंतर से जीते थे। इनमें राजनंदगांव से सांसद चुने गए बीजेपी के अभिषेक सिंह 2 लाख 35 हजार 911 वोट से जीते थे। उस चुनाव में यह राज्‍य में सबसे बड़ी मार्जिन थी। 2014 में दूसरी सबसे बड़ी जीत रायगढ़ से विष्णुदेव साय ने दर्ज की थी। साय 2 लाख 16 हजर 750 वोट से जीते थे। तीसरी बड़ी जीत बीजेपी को बिलासपुर सीट पर मिली थी। वहां लखन लाल साहू 1 लाख 76 हजार 436 वोट के अंतर से जीते थे। बस्‍तर, जांजगीर- चांपा, रायपुर और सरगुजा सीट पर भी मार्जिन एक लाख से अधिक की थी। इन सभी सीटों पर बीजेपी प्रत्‍याशी ने जीत दर्ज की थी।

वर्ष

 सीट 

सांसद 

जीत का अंतर

2019

 दुर्ग 

विजय बघेल

 391978

2019 

रायपुर 

सुनील सोनी 

348238

2014 

राजनंदगांव 

अभिषेक सिंह 

235911

2014 

रायगढ़ 

विष्णुदेव साय 

216750

2014

 बिलासपुर 

लखन लाल साहू 

176436

2009 

सरगुजा 

मुरारीलाल सिंह 

159,548

2019 

सरगुजा 

रेणुका सिंह 

157873

2004 

रायपुर

 रमेश बैस

 129519

2009

 राजनंदगांव 

मधुसूदन यादव 

119074

2004 

महासमुंद 

अजीत जोगी

 118505

2004 

सरगुजा 

नंद कुमार साय 

103452

2009

 बस्तर 

बलिराम कश्यप 

100262

पिछले चुनाव में 5 सीटों पर लाख से अधिक थी मार्जिन

2019 के लोकसभा चुनावों में राज्‍य की 5 सीटों पर हार जीत का फैसला एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से हुआ था। बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव और सरगुजा शामिल हैं। सबसे बड़ी मार्जिन दुर्ग संसदीय सीट पर थी। दुर्ग में विजय बघेल 3 लाख 91 हजार 978 वोट के अंतर से जीते थे। दूसरी बड़ी जीत रायपुर में सुनील सोनी ने 3 लाख 48 हजार 238 के अंतर से हासिल की थी। वहीं तीसरी बड़ी जीत भी बीजेपी के खाते में सरगुजा सीट से गई। वहां रेणुका सिंह ने 1 लाख 57 हजार 873 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी।

पहले और दूसरे में 3-3 सीट पर लाख की मार्जिन

राज्‍य बनने के बाद 2004 में हुए पहले और 2009 में हुए दूसरे आम चुनाव में प्रदेश की 11 सीटों में से 3-3 पर एक लाख वोट के अंतर से हार जीत का फैसला हुआ था। 2004 रायपुर से रमेश बैस ने 1 लाख 29 हजार 519, महासमुंद से अजीत जोगी ने 1 लाख 18 हजार 505 और सरगुजा से नंद कुमार साय ने 1 लाख 3 हजार 452 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं, 2009 में सरगुजा में मुरारीलाल सिंह ने 1 लाख 59 हजार 548, राजनंदगांव में मधुसूदन यादव ने 1 लाख 19 हजार 74 और बस्तर में बलिराम कश्यप ने 1 लाख 262 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी।


वर्ष

 सीट 

सांसद 

वोटो का अंतर

2014 

महासमुंद

 चंदू लाल साहू 

1217

2014 

कोरबा 

डॉ बंशीलाल महतो 

4265

2019

 कांकेर 

मोहन मंडावी 

6914

2009

 दुर्ग 

सरोज पांडे 

9954

2004 

जांजगीर

 करुणा शुक्ला 

11329

2004 

राजनंदगांव 

प्रदीप गांधी 

14323

2014 

दुर्ग 

ताम्रध्वज साहू 

16848

2009 

कांकेर 

सोहन पोटाई 

19228

2009 

कोरबा 

चरण दास महंत 

20737

2019 

कोरबा 

ज्योत्सना महंत 

26349

2004 

सारंगढ़ 

गुहाराम अजगल्ले 

59118

2019 

जांजगीर-चंपा 

गुहाराम अजगल्ली

 83255



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