Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: कोई लाख तो कोई हजार वोट के अंतर से बना सांसद: जानिए... छत्तीसगढ़ में किसके नाम पर दर्ज है सर्वाधिक व सबसे कम वोट के अंतर से जीत का रिकार्ड
Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: जीत छोटी हो या बड़ी जीत, जीत होती है। इसके बावजूद चुनावी राजनीति में हार- जीत के अंतर पर काफी चर्चा होती है। ऐसा इसिलए क्योंकि कई बार यही मार्जिन से नेता की लोकप्रियता और रणनीतिक कुशलता के आंकलन का आधार बन जाती है। ऐसे में हम आपको छत्तीसगढ़ के अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी और सबसे छोटी जीत पर डिटेल में जानकारी देने जा रहे हैं।
Chhattisgarh Loksabha Chunav 2024: रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बने करीब 24 साल हो गए हैं। इस दौरान 4 बार आम चुनाव हो चुके हैं। राज्य बनने के बाद पांचवीं बार आम चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। अब तक के 4 चुनावों में कुल 44 लोग लोकसभा में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हर बार हार-जीत का अंतर बदलता रहता है। अब तक हुए 4 चुनावों में सबसे बड़ी जीत 3 लाख 91 वोट से ज्यादा के अंतर की रही है। वहीं, सबसे छोटी जीत में वोटरों का अंतर 12 सौ के करीब रहा है। सर्वाधिक और सबसे कम वोट के अंतर से सांसद बनने वाले दोनों नेता एक ही पार्टी के हैं।
इनके नाम दर्ज है अब तक की सबसे बड़ी जीत
प्रदेश के इतिहास में अब तक 4 बार हुए लोकसभा चुनाव में सबसे बड़े अंतर से जीत का रिकार्ड विजय बघेल के नाम पर दर्ज है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बघेल ने दुर्ग संसदीय सीट से 3 लाख 91 हजार से अधिक वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं, सबसे कम अंतर की जीत भी भाजपा के नाम पर ही दर्ज है। 2014 में महासमुंद सीट से चंदूलाल साहू 1217 वोट के अंतर से जीते थे। यह प्रदेश के अब तक के इतिहास की सबसे कम मार्जिन वाली जीत है।
2014 में सबसे ज्यादा 7 प्रत्याशी जीते थे 1 लाख से ज्यादा वोट के अंतर से
प्रदेश में लोकसभा की कुल 11 सीटे हैं। राज्य बनने के बाद अब तक 2004, 2009, 2014 और 2019 में आम चुनाव हुए हैं। इनमें 2014 में सबसे ज्यादा 7 प्रत्याशी एक लाख से ज्यादा वोट के अंतर से जीते थे। इनमें राजनंदगांव से सांसद चुने गए बीजेपी के अभिषेक सिंह 2 लाख 35 हजार 911 वोट से जीते थे। उस चुनाव में यह राज्य में सबसे बड़ी मार्जिन थी। 2014 में दूसरी सबसे बड़ी जीत रायगढ़ से विष्णुदेव साय ने दर्ज की थी। साय 2 लाख 16 हजर 750 वोट से जीते थे। तीसरी बड़ी जीत बीजेपी को बिलासपुर सीट पर मिली थी। वहां लखन लाल साहू 1 लाख 76 हजार 436 वोट के अंतर से जीते थे। बस्तर, जांजगीर- चांपा, रायपुर और सरगुजा सीट पर भी मार्जिन एक लाख से अधिक की थी। इन सभी सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी।
वर्ष | सीट | सांसद | जीत का अंतर |
2019 | दुर्ग | विजय बघेल | 391978 |
2019 | रायपुर | सुनील सोनी | 348238 |
2014 | राजनंदगांव | अभिषेक सिंह | 235911 |
2014 | रायगढ़ | विष्णुदेव साय | 216750 |
2014 | बिलासपुर | लखन लाल साहू | 176436 |
2009 | सरगुजा | मुरारीलाल सिंह | 159,548 |
2019 | सरगुजा | रेणुका सिंह | 157873 |
2004 | रायपुर | रमेश बैस | 129519 |
2009 | राजनंदगांव | मधुसूदन यादव | 119074 |
2004 | महासमुंद | अजीत जोगी | 118505 |
2004 | सरगुजा | नंद कुमार साय | 103452 |
2009 | बस्तर | बलिराम कश्यप | 100262 |
पिछले चुनाव में 5 सीटों पर लाख से अधिक थी मार्जिन
2019 के लोकसभा चुनावों में राज्य की 5 सीटों पर हार जीत का फैसला एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से हुआ था। बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव और सरगुजा शामिल हैं। सबसे बड़ी मार्जिन दुर्ग संसदीय सीट पर थी। दुर्ग में विजय बघेल 3 लाख 91 हजार 978 वोट के अंतर से जीते थे। दूसरी बड़ी जीत रायपुर में सुनील सोनी ने 3 लाख 48 हजार 238 के अंतर से हासिल की थी। वहीं तीसरी बड़ी जीत भी बीजेपी के खाते में सरगुजा सीट से गई। वहां रेणुका सिंह ने 1 लाख 57 हजार 873 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी।
पहले और दूसरे में 3-3 सीट पर लाख की मार्जिन
राज्य बनने के बाद 2004 में हुए पहले और 2009 में हुए दूसरे आम चुनाव में प्रदेश की 11 सीटों में से 3-3 पर एक लाख वोट के अंतर से हार जीत का फैसला हुआ था। 2004 रायपुर से रमेश बैस ने 1 लाख 29 हजार 519, महासमुंद से अजीत जोगी ने 1 लाख 18 हजार 505 और सरगुजा से नंद कुमार साय ने 1 लाख 3 हजार 452 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं, 2009 में सरगुजा में मुरारीलाल सिंह ने 1 लाख 59 हजार 548, राजनंदगांव में मधुसूदन यादव ने 1 लाख 19 हजार 74 और बस्तर में बलिराम कश्यप ने 1 लाख 262 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी।
वर्ष | सीट | सांसद | वोटो का अंतर |
2014 | महासमुंद | चंदू लाल साहू | 1217 |
2014 | कोरबा | डॉ बंशीलाल महतो | 4265 |
2019 | कांकेर | मोहन मंडावी | 6914 |
2009 | दुर्ग | सरोज पांडे | 9954 |
2004 | जांजगीर | करुणा शुक्ला | 11329 |
2004 | राजनंदगांव | प्रदीप गांधी | 14323 |
2014 | दुर्ग | ताम्रध्वज साहू | 16848 |
2009 | कांकेर | सोहन पोटाई | 19228 |
2009 | कोरबा | चरण दास महंत | 20737 |
2019 | कोरबा | ज्योत्सना महंत | 26349 |
2004 | सारंगढ़ | गुहाराम अजगल्ले | 59118 |
2019 | जांजगीर-चंपा | गुहाराम अजगल्ली | 83255 |