Chhattisgarh Election Results Live 2023: छत्तीसगढ़ के ये होंगे संभावित मुख्यमंत्री और उनका संभावित मंत्रिमंडल....डिप्टी सीएम का फार्मूला भी

Chhattisgarh Election Results Live 2023: छत्तीसगढ़ में इतने सीनियर नेता चुनाव जीत गए हैं कि अब उन्हें मंत्रिमंडल बनाने में भी भाजपा को दिक्कत जाएगी। हो सकता है कि इन्हीं में से आधा दर्जन से अधिक नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाया जाए

Update: 2023-12-03 11:21 GMT

Chhattisgarh Election Results Live 2023: रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनना अब लगभग तय हो गया है। ऐसे में, अटकलों का दौर शुरू हो गया है कि सूबे का कौन अगला मुख्यमंत्री होगा और उनका मंत्रिमंडल कैसा रहेगा।

काउंटिंग का ट्रेंड जिस तरह चल रहा था, उसमें विजय बघेल सीएम के दौर में सबसे आगे दिखाई पड़ रहे थे। जाहिर था, आधा दर्जन से अधिक राउंड तक विजय बघेल और सीएम भूपेश बघेल आगे-पीछे होते रहे। विजय अगर जीत जाते तो सीएम के प्रबल दावेदार बन जाते। क्योंकि वे कुर्मी हैं, एज भी उनके पास है, अग्रेसिव भी हैं और सबसे बड़ी बात सीएम को हराकर आते। मगर अब उनकी जीत की संभावनाएं धूमिल हो गई है।

लिहाजा, सीएम के लिए अब मुख्य तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का नाम आगे चल रहा है। भाजपा हाई कमान अगर अनुभव को वरीयता दे ताकि छत्तीसगढ़ में विकास कार्य को ट्रेक पर लाया जा सकें और 20 हजार करोड़ का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित की जा सकें तो रमन सिंह के नाम पर विचार किया जा सकता है।

दूसरे नंबर पर विष्णुदेव साय हैं। चूकि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी इलाकों में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है, सो भाजपा आदिवासी चेहरे को आगे लाना चाहेगी तो विष्णुदेव साय का नाम सबसे उपर होगा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते अरुण साव की दावेदारी को कम नहीं आंकी जा सकती। अध्यक्ष के साथ ही वे साहू समाज से आते हैं। सूबे में ओबीसी में साहू समाज का सर्वाधिक वोट है। याने जनरल में रमन सिंह, ओबीसी में अरुण साव और आदिवासी में विष्णुदेव साय..इन तीन नामों की संभावनाएं नए सीएम के लिए ज्यादा है।

अब रही बात मंत्रियों की। पूर्व आईएएस ओपी चौधरी को वैसे तो सीएम मटेरियल बताया जाता है मगर जिस तरह वे रिकार्ड मतों से जीत दर्ज किए हैं, उन्हें पार्टी डिप्टी सीएम बना दें तो आश्चर्य नहीं। क्योंकि, युवा होने के साथ ही पूर्व ओबीसी वर्ग से हैं। पूर्व आईएएस हैं और संघ तथा दिल्ली के नेताओं का भी उन्हें बरदहस्त हासिल है। बहरहाल, नई सरकार के ये टेंटेंटिव मंत्रिमंडल हो सकता है...आदिवासी वर्ग से रामविचार नेताम, केदार कश्यप, लता उसेंडी, रामकुमार टोप्पो। ओबीसी से अजय चंद्राकर, ओपी चौधरी, और सीएम न बने तो अरुण साव। अनुसूचित वर्ग से पुन्नूराम मोहले। सामान्य से बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल और नए फेस के तौर पर विजय शर्मा को मंत्री बनाया जा सकता है। मोहम्मद अकबर जैसे मंत्री को हराकर विजय शर्मा हिन्दुत्व के नए फेस बने हैं। बिल्‍हा सीट से पूर्व विधानसभा अध्‍यक्ष धरमलाल कौशिक चुनाव जीत गए हैं। उन्‍हें फिर से अध्‍यक्ष की जिम्‍मेदारी दी जा सकती है। 

सूत्रों का दावा है कि संघ की तरफ से सीएम पद के लिए एकदम नया नाम आगे बढ़ाया गया है। नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर फैसले और रणनीति के लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, चुनाव प्रभारी मनसुख मांडविया और सह प्रभारी नितिन नबीन विशेष विमान से दिल्ली से रायपुर के लिए रवाना हो गए हैं। बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल का कहना है कि 2 से 3 दिन में मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाएगा।

सारे एग्जिट पोल और अनुमानों को पीछे धकेलते हुए भाजपा निर्णायक बढ़त के साथ बहुमत हासिल कर चुकी है। फिलहाल आधे से ज्यादा सीटों पर गिनती जारी है। लेकिन जीते हुए और रुझानों में आगे सीटों की बात करें तो फिलहाल भाजपा 57 सीटों और कांग्रेस 33 सीटों पर आगे है। बस्तर में 8 सीट और सरगुजा की सभी 14 सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है। डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत सहित 9 मंत्री पीछे चल रहे हैं। दो राउंड में पीछे होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर बढ़त बना ली है। रुझानों में बीजेपी को मिली बढ़त और बहुमत से बहुत आगे निकल जाने के साथ ही नई सरकार को लेकर हलचल भी तेज हो गई है।

जश्न में डूबी बीजेपी

रुझानों में बढ़त से उत्साहित बीजेपी कार्यकर्ता रायपुर स्थित बीजेपी मुख्यालय में पहुंच रहे हैं। ढोल नगाड़े की धुन पर सैकड़ों कार्यकर्ता थिरक रहे हैं। रंग-गुलाल उड़ रहे हैं और आतिशबाजी के साथ कार्यकर्ता जश्न में डूब गए हैं। कार्यकर्ता एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत की बधाई दे रहे हैं। जय श्रीराम के उद्घोष से पार्टी कार्यालय गूंज रहा है। बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में अरुण साव, पवन साय, संतोष पांडेय के साथ ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जमा हैं।

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