Chhattisgarh DGP: NPG एक्सक्लूजिव: आईपीएस स्वागत दास की छत्तीसगढ़ वापसी फंस गई ACC में, प्रधानमंत्री लेंगे फैसला, ये है DOPT के नियम...

Chhattisgarh DGP: आईपीएस स्वागत दास को छत्तीसगढ़ का नया डीजीपी अपाइंट करने से पहले स्टेट लौटने के लिए परमिशन लेना होगा। कैबिनेट की अप्वाइंटमेंट कमिटी से फाइल वापिस होने के बाद एक बार फिर से फाइल गई है कमिटी के पास। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इन दिनों व्यस्त कार्यक्रम चल रहा है। समझा जाता है अयोध्या में 22 जनवरी के रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद ही इस पर फैसला लेंगे। पढ़िये अप्वाइंटमेंट कमिटी ने पहली बार उनकी अनुमति क्यों रोकी।

Update: 2024-01-17 14:49 GMT

Chhattisgarh DGP: रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई सरकार आने के बाद डीजीपी बदलने की चर्चाएं तेज हैं। डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल हालांकि अभी 5 अगस्त तक है मगर अटकलों का बाजार गर्म है कि विष्णुदेव सरकार नया डीजीपी बनाए जाने के पक्ष में है। इसकी वजह यह है कि संगठन का सरकार पर काफी प्रेशर है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी डीजीपी को लेकर काफी शिकायतें की गई थी। हालांकि, अशोक जुनेजा पर पिछली सरकार का कोई लेवल नहीं है...बीजेपी के रमन सिंह सरकार में भी वे अच्छे पोजिशन पर रहे। रमन सिंह ने उन्हें खुफिया चीफ बनाया था।

बहरहाल, नए पुलिस महानिदेशक के लिए सीनियरिटी के हिसाब से स्वागत दास, राजेश मिश्रा, पवनदेव और अरुणदेव गौतम का नाम है। राजेश मिश्रा का इस महीने रिटायरमेंट है। और स्वागत दास दिल्ली में मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर में स्पेशल सिकरेट्री पोस्टेड हैं। वे मध्यप्रदेश के दौर में ही 1994 में सेंट्रल डेपुटेशन पर आईबी चले गए थे। वे लंबे समय तक आईबी में रहे हैं। अब जुनेजा की जगह पर उनके डीजीपी बनाए जाने की अटकलें बड़ी तेज है। आज सुबह उनके रायपुर आने की खबरें भी फैली। मगर बाद में पता चला कि वे दिल्ली में हैं।

छत्तीसगढ़ के नंबर वन न्यूज वेबसाइट एनपीजी न्यूज ने स्वागत दास के डीजीपी बनाने के बारे में दिल्ली में डीओपीटी के सोर्सेज से तहकीकात किया तो पता चला कि स्वागत दास को होम कैडर में लौटने की फाइल इस महीने के फर्स्ट वीक में अप्वाइंटमेंट कमिटी ऑफ कैबिनेट के पास भेजी गई थी। मगर कमिटी ने फाइल लौटा दी। दरअसल, डीओपीटी के नए नियम के अनुसार केंद्र के सिकरेट्री या उसके समकक्ष अफसर बिना अप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट याने एसीसी की अनुमति के बिना होम कैडर में नहीं लौट सकते। 87 बैच के आईपीएस स्वागत दास भले ही स्पेशल सिकरेट्री इंटरनल अफेयर हैं मगर उनका बैच भारत सरकार के सिकरेट्री के समकक्ष हो गया है। बताते हैं, एसीसी ने दो वजहों से उनकी फाइल लौटा दी। उनमें पहला कारण छत्तीसगढ़ में उनके दो बैच जूनियर 89 बैच के चीफ सिकरेट्री हैं। भारत सरकार के सचिव के समकक्ष अफसर जूनियर के नीचे काम करेगा, यह व्यवहारिक नहीं होगा। अफसरों का कहना था कि स्टेट में अगर स्वागत दास होते तो कोई फर्क नहीं पड़ता...कौन जूनियर है और कौन सीनियर। दूसरी वजह स्वागत दास के पास इंटरनल सिक्यूरिटी में एसपीजी भी आता है। याने सीधा प्रधानमंत्री से जुड़ा मसला है।

बता दें, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पिछले हफ्ते दिल्ली दौरे में अचानक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे। समझा जाता है कि शाह से मुलाकात में ही छत्तीसगढ़ के डीजीपी के लिए चर्चा हुई होगी...खासकर स्वागत दास के संबंध में। इस मामले में ताजा अपडेट यह है कि स्वागत की अनुमति की फाइल दोबारा एसीसी के पास भेजी गई है। एसीसी के हेड प्रधानमंत्री को ही माना जाता है। सो, स्वागत दास के केस में पीएम नरेंद्र मोदी ही फैसला लेंगे कि उन्हें छत्तीसगढ़ लौटने की इजाजत दी जाए या नहीं।

आईबी से आने वाले दूसरे डीजीपी

स्वागत दास का अगर डीजीपी बनते हैं तो बैकग्राउंड के वे दूसरे पुलिस महानिदेशक होंगे। दास से पहले 73 बैच के विश्वरंजन आईबी से आए थे। रमन सिंह सरकार ने डीजीपी ओपी राठौर का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो जाने के बाद उन्हें दिल्ली से बुलाकर डीजीपी बनाया था। हालांकि, विश्वरंजन उस समय आईबी में ज्वाइंट डायरेक्टर थे और स्वागत दास आईबी में लंबी पारी खेलने के बाद मिनिस्ट्री आफ होम में आ गए हैं। स्वागत दास के रिटायरमेंट में 10 महीने बाकी है।

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