Chhattisgarh Assembly Election 2023: CG जीत-हार वाला वोट गणित: 1% से भी कम वोट के अंतर बची थी सत्‍ता, कांग्रेस ने खोद दी 10% की खाई

Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्‍तीसगढ़ राज्‍य बनने के बाद यह पांचवां चुनाव है। इससे पहले हुए 4 चुनावों में 3 बार भाजपा जीती और 1 बार कांग्रेस। इन चारों चुनाव में हर बार समीकरण बदला है। नहीं बदली है तो केवल एक चीज, वह है कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ने का ट्रेंड।

Update: 2023-11-16 07:24 GMT

Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में बाकी बची 70 सीटों पर कल मतदान होना है। इनमें मैदानी क्षेत्र के तीन संभागों के साथ ही आदिवासी बाहुल पहाड़ी संभाग सरगुजा भी शामिल है। दुर्ग संभाग की 8 सीटों पर पहले चरण में मतदान हो चुका है। बाकी बची सीटों पर कल 17 नवंबर को वाट डाले जाएंगे।

1 नवंबर 2000 को अस्तित्‍व में आए छत्‍तीसगढ़ में अब तक 4 बार विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं। पहला चुनाव राज्‍य बनने के ठीक तीन वर्ष बाद 2003 में हुआ था। इसके बाद 2008, 2013 और 2018 में विधानसभा के चुनाव हुए। इनमें पहले 3 चुनावों में भाजपा सरकार बनाने में सफल हुई, जबकि 2018 के चुनाव में बड़े बहुमत के साथ कांग्रेस ने सत्‍ता हासिल किया। अब तक हुए विधानसभा के चुनाव में हर बार चुनावी मुद्दों से लेकर राजनीतिक समीकरण तक अलग-अलग रहे हैं।

इन सबके बीच गौर करने वाली बात यह है कि भले ही भाजपा 3 बार सत्‍ता हासिल की, लेकिन भाजपा की तुलना में कांग्रेस का वोट बैंक स्थिर है। कांग्रेस का वोट शेयर लगातार बढ़ा है। 2003 में कांग्रेस का वोट शेयर लगभग 37 प्रतिशत था, जो 2018 में बढ़कर 43 प्रतिशत तक पहुंच गया। भाजपा ने तीन बार सरकार बनाया, लेकिन दोनों दलों के बीच वोटों का अंतर बहुत कम रहा है।


2003 में हुए राज्‍य के पहले विधानसभा चुनाव में 2.60 प्रतिशत वोट के अंतर से भाजपा ने सरकार बनाया। उस बार भाजपा को 39 और कांग्रेस को लगभग 37 प्रतिशत वोट मिला था। दूसरे चुनाव में दोनों दलों का वोट शेयर बढ़ा, लेकिन वोटों का अंतर घटकर 1.70 प्रतिशत रह गया। 2008 में भाजपा को भाजपा का वोट शेयर बढ़कर करीब 40 और कांग्रेस का 38 प्रतिशत पहुंच गया। 2013 में भी दोनों दलों का वोट शेयर बढ़ने का सिलसिला जारी रहा। भाजपा को 42 प्रतिशत से कुछ ज्‍याद तो कांग्रेस को भी लगभग 42 प्रतिशत ही वोट मिला। भाजपा महज 0.70 प्रतिशत वोट के अंतर से सरकार बना पाई। यानी हार के बावजूद किसी भी चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर कम नहीं हुआ।

इसके विपरीत 2018 में भाजपा का वोट शेयर धड़ाम से नीचे गिर गया। पार्टी का वोट शेयर 42 से गिरकर सीधे करीब 34 प्रतिशत पर आ गया। जो 2003 के 39 प्रतिशत से भी कम है। इसके विपरीत कांग्रेस का वोट शेयर 43 प्रतिशत के करीब पहुंच गया। दोनों के वोटों के बीच सीधे 10 प्रतिशत का अंतर आ गया है।



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