छत्तीसगढिय़ावाद: भाजपा भी छत्तीसगढिय़ावाद के रास्ते पर, PM की सभा के पोस्टर में छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में बनाए गए मंच पर छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर और स्थानीय नेताओं के भाषण में राम के ननिहाल का जिक्र सुनाई दिया।
एनपीजी एक्सक्लूसिव
रायपुर। 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी और प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल ने शपथ ली, इसके बाद से एक नई बयार छत्तीसगढ़ में चली। और ये थी ठेठ छत्तीसगढिय़ावाद की। सरकार और खुद सीएम ने लगातार छत्तीसगढ़ की अस्मिता की बात की, तीज-त्योहारों की बात की। बोरे-बासी को अलग पहचान दिलाई।
यही कारण है कि तीन महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा ने भी छत्तीसगढिय़ावाद की राह पकड़ ली है। इसका जीता-जागता उदाहरण शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में देखने को मिली। मंच से लेकर पीएम मोदी के भाषण में पूरी तरह से छत्तीसगढिय़ावाद साफ नजर आया। ऐसा हम क्यों कह रहे हैं, इसे आपको समझाने के लिए आज की चुनावी सभा के मंच और भाषण के बारे में विस्तार से समझाते हैं..
सबसे पहले मंच नजर डालते हैं
प्रधानमंत्री शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर में थे। यहां वे दो अलग-अलग कार्यक्रम में शामिल हुए। पहला कार्यक्रम सरकारी था, इसलिए मंच भी शासकीय नजर आया। लेकिन दूसरा कार्यक्रम भाजपा का विजय संकल्प महारैली पूरी तरह से राजनैतिक था। मंच के ठीक पीछे बनाए गए बैकड्रॉप में जो चौंकाने वाली तस्वीर थी, वो थी छत्तीसगढ़ महतारी की। क्योंकि इसके पहले हाल ही में भाजपा के तीन बड़े कार्यक्रम हुए हैं, जिसमें ऐसा कुछ नजर नहीं आया। पहला कार्यक्रम 22 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का था। दुर्ग के इस कार्यक्रम में मंच पर लगे पोस्टर में छत्तीसगढ़ महतारी की कोई तस्वीर नहीं थी। इसी तरह 30 जून को बिलासपुर के जेपी नड्डा के कार्यक्रम में और 1 जुलाई को कांकेर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कार्यक्रम के पोस्टर में भी छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर नहीं थी।
पीएम मोदी का भाषण
विजय संकल्प महारैली के दौरान पीएम मोदी ने जब अपना संबोधन शुरू किया तो उनका पहला शब्द था, भारत माता की जय। इसके बाद उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ महतारी की जय, माता बम्लेश्वरी की जय, माता दंतेश्वरी की जय, मां महामाया की जय, बाबा भोरमदेव की जय, गुरुघासीदास बाबा की जय, जय बुढ़ा देव। इस जयघोष के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन की शुुरूआत की। इसके अलावा उन्होंने कई मौके पर छत्तीसगढ़ी शब्दों का प्रयोग किया।
स्थानीय नेताओं ने किया राम को याद
इधर, स्वागत भाषण के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि राम के ननिहाल में आपका स्वागत है। इसी तरह जब पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह बोलने आए तो उन्होंने भी भांचा राम का जिक्र किया।
अब ये समझिए ऐसा क्यों
दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार पिछले चार सालों से छत्तीसगढिय़ावाद, लोक संस्कृति, तीज-त्योहार को लेकर अच्छा काम कर रही है। यही नहीं प्रदेश सरकार ने चंदखुरी में कौशल्या धाम स्थापित किया। यहां राम की बड़ी मूर्ति स्थापित की गई। यही नहीं राम वनगमन पथ का निर्माण कर राम मंदिर जैसे मुद्दे भी भाजपा से छीन लिए। यही कारण है कि अब भाजपा भी छत्तीसगढिय़ावाद के रास्ते पर चल रही है, ताकि आम आदमी इससे जुड़े रहे।