गरीबी का फॉर्मूला बदला: दुनिया में गरीबों की संख्या में आई कमी क्योंकि विश्व बैंक ने बदला गणना का फॉर्मूला, जानें अब कौन है गरीब...

दुनियाभर में बेहद गरीब लोगों की संख्या अब 68 करोड़ है। इनकी आमदनी विश्व बैंक द्वारा निर्धारित फॉर्मूले से कम है।

Update: 2022-06-06 09:42 GMT

NPG डेस्क, 06 जून 2022। बेहद गरीब कौन हैं? आप भी सोच में पड़ गए कि कौन हैं...पहले आपको बता दें कि दुनिया में बेहद गरीब लोगों की संख्या में कमी आई है। यह कमी 0.2 प्रतिशत की है। दुनिया की आबादी के हिसाब से गुणा-भाग करें तो 1.5 करोड़ बेहद गरीब लोग घट गए हैं। अब बेहद गरीब लोगों की संख्या 9.1 फीसदी यानी 68 करोड़ है।

अब आपको बताते हैं कि बेहद गरीबों की संख्या में यह हेरफेर कैसे हुआ? दरअसल, विश्व बैंक ने बेहद गरीब लोगों की गिनती का फॉर्मूला बदल दिया है। नए फॉर्मूले के मुताबिक जो व्यक्ति 166 रुपए प्रतिदिन से कम कमाता है, वह बेहद गरीब है। इस फॉर्मूले को परचेजिंग पॉवर पैरिटी कहा जाता है। 2022 से यह फॉर्मूला लागू किया गया है।

पुराना फॉर्मूला 2015 की कीमतों पर आधारित था। तब 147 रुपए प्रतिदिन से कम कमाने वालों को बेहद गरीब माना गया था।

विश्व बैंक ने नए फॉर्मूले के साथ-साथ बेहद गरीब लोगों की संख्या में कमी आने के लिए गरीब अफ्रीकी देशों की क्रय शक्ति में सुधार को जिम्मेदार बताया है। दुनिया के कुल बेहद गरीब लोगों का 62 प्रतिशत हिस्सा अफ्रीकी देशों में निवास करता था। अब इनकी संख्या 58 प्रतिशत हो गई है। हालांकि अब भी सबसे ज्यादा संख्या इन्हीं देशों में है।

भारत में भी गरीबी रेखा से नीचे निवास करने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। 2011 से 2019 तक के आंकड़ों पर गौर करें तो 12.3 प्रतिशत की कमी आई है। इसमें बड़ी वजह ग्रामीण इलाकों में आर्थिक स्थिति में सुधार है।

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