CG_Political News: सीएम भूपेश का बड़ा बयान, कहा- छत्‍तीसगढ़ में ED और IT के लागातार पड़ रहे छापों का एकमात्र कारण यह है कि...हम...

CG_Political News: छत्‍तीसगढ़ में ईडी और आईटी के लगातार छापों को लेकर मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम बघेल ने इसके लिए देश कुछ उद्योगपतियों के हितों को जिम्‍मेदार बताया है।

Update: 2023-07-22 06:17 GMT

CG_Political News रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग (IT) के लगातार छापे पड़ रहे हैं। एक दिन पहले (21 जुलाई) ही ईडी ने राज्‍य के आईएएस दंपत्‍ती और कांग्रेस के एक नेता सहित कुछ अन्‍य लोगों के ठिकानों पर दबिश दी है। इसको लेकर मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम भूपेश ने इन छापों के कारणों का खुलासा किया है।

CG_Political News मुख्‍यमंत्री बघेल ने कहा कि उनके (भाजपा) मित्रों की छत्तीसगढ़ की खदानों पर निगाह है। जिसमें छत्तीसगढ़ की सरकार उनके बीच में आ रही है। इसीलिए छत्तीसगढ़ में लगातार ED समेत केंद्रीय एजेंसियों के छापे पड़ रहे हैं। कुछ भी हो जाए, छत्तीसगढ़ के हित से कोई समझौता नहीं होने देंगे। पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्‍यमंत्री ने मध्‍य प्रदेश और महारारष्‍ट्र का उदाहर देते हुए कहा कि यहां विधानसभा में हमार संख्‍या बल ज्‍यादा है। हमारे 71 विधायक है, तोड़ नहीं प रहे हैं, इसलिए छापे डाल रहे हैं।

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CG_Political News सीएम बघेल ने कहा कि छत्‍तीसगढ़ सबसे छोटा राज्‍य है, लेकिन ईडी, आईटी और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) का सबसे ज्‍यादा छापा यहीं पड़ा है। बघेल ने कहा कि इसका जो कारण मुझे समझ में आ रहा है वो यही है कि उनके जो मित्र हैं, (सीएम का इशारा उद्योगपतियों की तरफ था) उनकी निगाह छत्‍तीसगढ़ के कोयला और लोहा की खदानों पर है। वो उन्‍हें नहीं मिल पा रही है, क्‍योंकि कांग्रेस की सरकार बीच में है। छत्‍तीसगढ़ की खनिज और वन संपदा का सही ढंग से दोहन हो उन्‍हें नुकसान न हो, इसको ध्‍यान में रखते हुए हमने समय- समय पर जो निर्णय लिया है उससे वो काफी क्षुब्‍ध और उनको काफी नुकसान पहुंचा है। बघेली ने कहा कि मैं समझता हूं कि जितना छापा पड़ रहा है उसका एक मात्र कारण यही है।

उल्‍लेखनीय है कि 2020 से लेकर अब तक आईटी, ईडी और डीआरआई दर्जनभर से ज्‍यादा छापे मार चुकी है। केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर अब राज्‍य के आईएएस, राज्‍य प्रशासनिक सेवा के अफसर और सत्‍ताधारी पार्टी के नेताओं के साथ कारोबारी रहे हैं। ईडी की गिरफ्त में आए कुछ अफसर अभी भी जेल में हैं।

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