CG Vishnu Cabinet: मंत्रियों के शपथ पर ऐसे लगा ब्रेक...पढ़िये नए और पुरानों को मंत्री बनाने अंदरखाने में क्या हुआ
CG Vishnu Cabinet: कल नया कुर्ता, जैकेट सिलवा कर भावी मंत्री फोन का इंतजार करते रह गए मगर पार्टी ने झटका देते हुए मुख्यमंत्री के साथ सिर्फ दो डिप्टी सीएम का शपथ दिला कर बाकी को वेटिंग में डाल दिया। अब बाकी का शपथ कब होगा, कोई बताने वाला नहीं। राज्यपाल भी चार-पांच रोज के लिए बाहर चले गए हैं। खबर है, 24 दिसंबर से पहले शपथ होना संभव नहीं दिखता।
CG Vishnu Cabinet: रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कल शपथ लेने के बाद कार्यभार संभाल लिया। उन्होंने आज दो डिप्टी सीएम के साथ कैबिनेट की बैठक कर गरीबों के लिए 18 लाख मकान बनाने के फैसले पर मुहर लगा दी। मगर सूबे में यह सवाल बरकरार है कि मुख्यमंत्री के साथ अन्य मंत्रियों ने शपथ क्यों नहीं लिया...और अब शपथ कब होगा...मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्रियों का नंबर लगेगा या नही...? छत्तीसगढ़ के सबसे भरोसेमंद न्यूज प्लेटफार्म एनपीजी न्यूज के पास इस बारे में एक्सक्लूजिव जानकारी है। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व ने शपथ ग्रहण के एक दिन पहले एक लाईन का फैसला ले लिया था...रमन सरकार में मंत्री रहे किसी को भी मंत्री नहीं बनाया जाएगा। विष्णुदेव मंत्रिमंडल में फ्रेश विधायकों को मंत्री बनाया जाए। सीएम के साथ ही दोनों डिप्टी सीएम भी नए हैं। फिलहाल, बाकी बचे 10 में से 8 मंत्री बनाए जाएंगे। दो मंत्रियों के पद खाली रखे जाएंगे। उन्हें लोकसभा चुनाव के बाद विधायकों के पारफारमेंस को देखते भरा जाएगा।
बहरहाल, मंत्रिमंडल पर ब्रेक की बात...खबर है नए विधायकों को मंत्री बनाए जाने के फैसले पर केंद्रीय टीम के एक सदस्य ने अपना विचार प्रगट किया...सारे पुराने नेताओं को एकदम से नजरअंदाज करना मुनासिब नहीं होगा। इसी एक लाइन पर केंद्रीय नेतृत्व ने मंत्रिमंडल के शपथ को स्थगित कर दिया। वरना, सूत्रों का दावा है कि आठ नए विधायकों के नाम फायनल हो गए थे। 12 दिसंबर की देर रात उन्हें सूचना दिया जाता। मगर केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री के शपथ को ओके कर दिया। इसी के साथ मध्यप्रदेश में भी मंत्रियों के शपथ को टाल दिया गया।
हालांकि, सोशल मीडिया में खबर ये भी आ रही कि वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी को देखते भाजपा ने शपथ का फैसला बदला। मगर सियासी प्रेक्षकों का मानना है कि वर्तमान दौर में बीजेपी का कोई नेता केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से नाराज होने की हिमाकत नहीं कर सकता। राजस्थान में जब वसुंधरा राजे सिंधिया कुछ नहीं कर सकीं...पार्टी ने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को राज्य का मुखिया बना दिया। ऐसे में, छत्तीसगढ़ में मंत्री न बनाने पर किसी नेता की नाराजगी जताने का सवाल ही पैदा नहीं होता।