CG-पेंशन पर रिसर्च स्टोरी: OPS बना कर्मचारियों का फर्स्ट च्वाइस, छत्तीसगढ़ में 1.38 लाख OPS और 762 ने चुना NPS

अभी तक जिन 138926 कर्मचारियों ने OPS या NPS का चुनाव वाला विकल्प भर दिया है उसमें से महज 762 कर्मचारियों ने ही एनपीएस को चुना है वही 138164 कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम यानी पुरानी पेंशन का चयन किया है जो यह सब बताता है कि शासकीय कर्मचारी ओपीएस के साथ है।

Update: 2023-02-23 14:32 GMT

रायपुर। भले ही अर्थशास्त्री और मार्केट विशेषज्ञ एनपीएस को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हों, बड़े सब्जबाग दिखाते हों। लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि आज भी शासकीय कर्मचारियों की पहली पसंद ओल्ड पेंशन स्कीम हीं है छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को एनपीएस और ओपीएस में से किसी एक विकल्प का चुनाव करने की सहूलियत देने के बाद यह स्पष्ट हो गया है।

राज्य में जहां 314739 कर्मचारियों को NPS और OPS में से चुनाव करना है उसमे अब तक 44 प्रतिशत कर्मचारियों ने अपने लिए विकल्प का चुनाव कर लिया है और सबसे ताज्जुब की बात यह है कि जिन कर्मचारियों ने विकल्प पत्र भरा है, उनमें से 99% से भी अधिक कर्मचारियों ने OPS यानी पुरानी पेंशन स्कीम का चुनाव किया है।

अभी तक जिन 138926 कर्मचारियों ने OPS या NPS का चुनाव वाला विकल्प भर दिया है उसमें से महज 762 कर्मचारियों ने ही एनपीएस को चुना है वही 138164 कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम यानी पुरानी पेंशन का चयन किया है जो यह सब बताता है कि शासकीय कर्मचारी ओपीएस के साथ है। जिन कर्मचारियों ने अभी तक विकल्प नहीं भरा है उसमें अधिकांश शिक्षक एल बी संवर्ग है क्योंकि उनकी पुरानी सेवा गणना को लेकर सरकार ने अपने इरादे स्पष्ट नहीं किए हैं और इसके कई प्रावधानों को लेकर शिक्षक असमंजस की स्थिति में हैं ।


इधर इस मुद्दे को लेकर नियमों के जानकार सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे का कहना है,

" शासकीय कर्मचारी सबसे अधिक अपने और अपने परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं क्योंकि उनके महीने की सैलरी फिक्स होती है और उन्हें इस बात की चिंता सदैव सताती है कि यदि वह नहीं रहे तो उनके परिवार का क्या होगा ऐसी स्थिति में जहां एनपीएस केवल जमा राशि से अति अल्प पेंशन का भुगतान करता है वही कर्मचारी के निधन होने पर ओपीएस में सरकार की जिम्मेदारी आ जाती है और ऐसे में अलग-अलग परिस्थितियों में सरकार अंतिम वेतन के 50% से 30% तक की राशि पेंशन के रूप में भुगतान करती है और हर हाल में यह तय होता है कि कर्मचारियों को कम से कम ₹7750 तो मिलेंगे ही जो कि वर्तमान में न्यूनतम पेंशन है यही वजह है कि शासकीय कर्मचारियों का रुझान O.P.S. की तरफ ज्यादा है"।

रही बात शिक्षक एलबी संवर्ग की तो अधिकारियों द्वारा स्पष्ट किया गया है कि सेवा की गणना संविलियन दिनांक से की जाएगी ऐसे में सबसे अधिक नुकसान में वह शिक्षक हैं जिन्होंने सबसे अधिक सेवा दी है और 2028 से पहले रिटायर होने वाले शिक्षक एलबी तो OPS में आ ही नहीं पा रहे हैं क्योंकि उनकी 10 साल की सर्विस भी पूरी नहीं हो पा रही है यही वजह है कि शिक्षक एल बी संवर्ग की तरफ से कम फॉर्म जमा हुए है। जो भी बात निकल कर सामने आई है वह भी मौखिक है इसलिए सरकार को लिखित रूप से इन सब चीजों को स्पष्ट भी करना चाहिए और विकल्प फॉर्म भरने का डेट भी बढ़ाना चाहिए ।

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