CG-ऑनलाइन सट्टा: सटोरी बन पहुंची पुलिस... इंजीनियर, इकोनॉमिस्ट, तकनीशियन, फार्मासिस्ट गिरफ्तार...270 अकाउंट की जानकारी
बिलासपुर। मुख्यमंत्री की ऑनलाइन जुआ सट्टा को खत्म करने की घोषणा के बाद न्यायधानी पुलिस इसको संजीदगी से लेते हुए ऑनलाइन जुए- सट्टे के प्लेटफॉर्म में घुसी है। महादेव व रेड्डी अन्ना ऑनलाइन बेटिंग के माध्यम से सट्टा खिलवाने वाले एप्लिकेशन से 22 हजार सट्टा खेलने वालों की जानकारी निकाल ऑनलाइन सट्टा सिस्टम को संचालित करने वाले 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही पुलिस को 270 बैंक अकाउंट नंबर, 200 वीआईपी मोबाइल नंबर में व्हाट्सएप एक्टिव आईडी केसाथ ही 10 से अधिक वेबसाइट की जानकारी मिली है।
युवा पीढ़ी को सट्टे की लत के चलते बर्बाद होता देख मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीजीपी को ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ सख्त कानून बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही डीजीपी अशोक जुनेजा ने ऑनलाइन सट्टे के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही के निर्देश सभी पुलिस अधीक्षकों को जारी किए है। मुख्यमंत्री की घोषणा व डीजीपी के निर्देशों के बाद इसकी शुरआत राजधानी पुलिस ने करते हुए सबसे पहले गाड़ी में घूम घूम कर ऑनलाईन सट्टा खिलाने वालों को बीते रविवार को गिरफ्तार करके कर दी थी। जिसके बाद अब न्यायधानी पुलिस भी ऑनलाइन सट्टे का चक्रव्यूह तोड़ने के लिए घुसी है। एसएसपी पारुल माथुर ने ऑनलाइन सट्टे के सिस्टम की जानकारी जुटा उस पर तगड़ा प्रहार करने की मातहतों के साथ मिलकर योजना बनाई थी। इसी क्रम में पुलिस अपने मुखबिरों के माध्यम से ऑनलाइन सट्टा खिलाने वालो की जानकारी जुटा रही थी।
सटोरिया बन सट्टेबाजो तक पहुँची पुलिस:-
ट्रेडिनशनल तरीका अपनाने पर पुलिस को कोई विशेष फायदा नही हो रहा था। जिसके बाद एसीसीयू के प्रभारी हरविंदर सिंह व चकरभाठा टीआई मनोज नायक ने सट्टा खिलाड़ी बन सटोरियों के सिस्टम में घुसने की प्लानिंग की। उन्होंने अपनी कार्ययोजना एसएसपी पारुल माथुर से साझा की। योजना को समझ कर एसएसपी ने एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल के सुपरविजन में प्लान में आगे बढ़ने का निर्देश दिये। जिसके बाद पुलिस टीम ने ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले प्लेटफॉर्म महादेव व रेड्डी अन्ना की इंटरनेट में ओपन सोर्स सर्विसेज व टेलीग्राम से जानकारी जुटाई। इसमें से सट्टा खिलाने वाले कई नंबरों की जानकारी मिली।। जानकारी जुटा पुलिस टीम ने सटोरिया बन इन नंबरो में सट्टा खेलने के लिए बैटिंग करने हेतु फोन किया। पुलिस टीम निरंतर फोन पर सटोरियों से सट्टा में रकम लगाने के बहाने संपर्क करती रही। इस तरह से पुलिस व एसीसीयू टीम ने चार आरोपियों को चकरभाठा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। इसमें सबसे पहले पुलिस ने पेंड्रा निवासी शैलेश जायसवाल को उठाया। उससे पूछताछ में पता चला कि मामले में बाकी मोंगरा कोरबा निवासी विकास कर्ष भी शामिल हैं। जिसकी गिरफ्तारी हेतु सायबर के सब इंस्पेक्टर प्रसाद सिन्हा को भेजा गया और कोरबा से उसकी गिरफ्तारी हुई। एक आरोपी राहुल ढिरही की गिरफ्तारी अकलतरा से की गई। चौथे आरोपी सोनाकुमार मरावी को सिरगिट्टी से गिरफ्तार किया गया।
विदेश से संचालन...
महादेव व अन्ना एप के संचालक विदेशों में बैठते हैं और देश मे ऑन सट्टा चलवाते है। देश मे एक से अधिक ब्रांच इसकी कोलकाता, दिल्ली, पंजाब, उतर प्रदेश, उड़ीसा,राजस्थान, हरियाणा महाराष्ट्र और गोवा में संचालित होने की पुलिस को जानकारी मिली। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे इन एप में बतौर कर्मचारी नौकरी करते हैं। उन्हें नौकरी शुरू करने से पहले बकायदा एक हफ्ते की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाती है। फिर नौकरी शुरू इनके द्वारा किया जाता है।
ब्रांच मैनेजर का मोनो हाथ मे महादेव:-
अन्ना रेड्डी एप में एक काउंटर चलाने के लिए 3 से 4 व्यक्ति लगते हैं। जबकि महादेव के एक कॉउंटर के लिए 8 से 10 लोग लगते हैं। गिरफ्तार आरोपियों में से शैलेश जायसवाल महादेव सट्टे का ब्रांच मैनेजर है। ब्रांच मैनेजर पद की पहचान आईडी यह है कि उसके हाथ मे महादेव लिखा हुआ टैटू बना होता है। शैलेश जायसवाल के हाथ में टैटू बना हुआ है। वह इंजीनियर है उसने 2014 में भिलाई के रूंगटा कॉलेज से इंजीनियरिंग इलेक्ट्रिकल ब्रांच से पासआउट किया है।। विकास कर्ष शंकराचार्य कॉलेज भिलाई से 2015 में बीकाम पास किया है जो महादेवा एप का अर्थशास्त्री था। राहुल ढिरही आईटीआई किया हुआ है जिसके द्वारा गेम खिलाई जाता था। इसने फिटर ट्रेड में आईटीआई किया था। जबकि सोनकुमार मरावी फार्मा सिस्ट था। जिसके द्वारा रकम की लेनदेन हेतु बैंक खाते अरेंज किया जाता था।
20 हजार में नौकरी करता था ब्रांच मैनेजर:-
ऑनलाइन रकम कैसे लगाए इसकी जानकारी ऑनलाइन प्लेटफार्म टेलीग्राम पर उपलब्ध है। टेलीग्राम में वीडियो के माध्यम से बताया गया है कि सट्टा खेलने के इक्छुक लोग उक्त विडियो को देखकर रकम लगाने हेतु दिए गए नंबर में संपर्क करते है। जिनके द्वारा एक टोकन मनी खाते में जमा करवाई जाती है और फिर सट्टा खेलने के लिए लिंक भेजते हैं। ब्रांच मैनेजर के पद पर काम करने वाले शैलेश जायसवाल ने बताया कि उसने 13 हजार से नौकरी शुरू की थी अब उसकी सैलरी 20 हजार पहुँच गयी है। वह पेंड्रा का मूल निवासी हैं और बिलासपुर में रह कर यह काम करता था। एक सामान्य ऑफिस की तरह ही इनके ठिकानों में स्टाफ के द्वारा कार्य का वितरण होता है। दुसरो का बैंक खाता प्राप्त करना, सट्टा खेलने वालों का खाता नंबर व व्हाट्सएप नंबर बदल कर प्रोवाइड करना, स्पोर्ट्स आदि के माध्यम से हिसाब किताब करना।
22 हजार व्यक्तियों के द्वारा सट्टा खेलने के मिले सबूत:-,
पुलिस की जांच में पता चला कि कम पढ़े लिखे व्यक्तियों के व गरीब तबके के व्यक्तियों के खाता नंबर का जुगाड़ कर उनमें रकम मंगवाई जाती है। जिसकी जानकारी खाता धारकों को भी नही लगती और उन्हें कुछ रकम दे दिया जाता है। पुलिस को छतीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों के 270 अलग अलग बैंकों के एकाउंट, 200 से अधिक वीआईपी मोबाइल नंबर व दस से अधिक वेबसाइट मिली है। उपरोक्त बैटिंग साइट्स और मोबाइल नंबर को इंटरनेट व टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से रिमूव ब्लॉक कराने का कार्य किया जा रहा है। एथिकल हैकिंग के माध्यम से उपरोक्त बैटिंग साइड में सट्टा खेलने वाले लगभग 22 हजार व्यक्तियों की जानकारी मिली। पुलिस को जांच में पता चला है कि भिलाई में इन एप के दो मास्टर माइंड रहते है। जो बीच बीच मे महानगर में जाकर ट्रेनिंग लेते रहते हैं। इनके द्वारा ही भिलाई के तकनीकी कॉलेज के छात्रों को इस काम मे आने का झांसा दिया जाता है।
ये हुई जब्ती, चार आरोपी गिरफ्तार:-
पुलिस को 4 लाख नगद, 2 लैपटॉप, 16 मोबाइल फोन,9 एटीएम, 3 पैन कार्ड,6 आईकार्ड, 6 चेक बुक, 4 पास बुक, 2 बुक आहरण और जमा पर्ची आरोपियों से मिली है। पुलिस ने शैलेश जायसवाल (30), विकास कर्ष (29), राहुल ढिरही (22) सोनाकुमार मरावी (33) वर्ष शामिल हैं।