यूथ कांग्रेस के 2.95 लाख वोट रिजेक्ट: छत्तीसगढ़ यूथ कांग्रेस चुनाव में बड़ी गड़बड़ी सामने आई... फेक आईडी-तस्वीर से बनाए थे 16 लाख से ज्यादा मेंबर

यूथ कांग्रेस चुनाव के अंतर्गत 12 मई से 12 जून तक चलाया गया था मेंबरशिप ड्राइव। 17.31 लाख से ज्यादा ऑनलाइन इंट्री हुई थी।

Update: 2022-08-02 09:32 GMT

Congress 

रायपुर। छत्तीसगढ़ यूथ कांग्रेस चुनाव में स्क्रूटनी के बाद बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इलेक्शन के लिए बनाई गई स्क्रूटनी कमेटी ने 2.95 लाख वोट रिजेक्ट कर दिया है। वहीं, 6.57 लाख से ज्यादा वोटों को होल्ड कर दिया गया है। स्क्रूटनी के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक 7.10 लाख वोटों को ही सही पाया गया है। अब जिन वोटों को होल्ड किया गया है, उन पर दावा आपत्ति मंगाई जाएगी। इनमें सही दस्तावेज सामने आने पर ही एक्सेप्ट किया जाएगा। हालांकि जानकारों का कहना है कि दावा आपत्ति के बाद भी आंकड़ों में मामूली इजाफा होगा। इसका सीधा असर चुनाव पर पड़ेगा। बता दें कि मेंबरशिप ड्राइव के दौरान आकाश शर्मा और मोनू अवस्थी का पलड़ा भारी था। अब क्या स्थिति है, यह बताने से पहले सभी दावेदारों ने अपने वोटों की गिनती शुरू कर दी है।


निष्पक्ष चुनाव के लिए कठिन प्रक्रिया

यूथ कांग्रेस के चुनाव निष्पक्ष हों और सही मेंबर जुड़ें, इसलिए पार्टी ने कठिन प्रक्रिया अपनाई थी। इसके अंतर्गत ऑनलाइन मेंबरशिप कराई गई। हर दावेदार ने अपने सदस्य बनाए थे। यही वोट काउंट माने गए। इससे पहले परफॉर्मर्स की लिस्ट जारी की गई थी। इस लिस्ट में प्रदेश अध्यक्ष के लिए 22 लोगों के नाम थे। इनमें एक बड़ा उलटफेर तब सामने आया जब भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध हरितवाल ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद मुख्य रूप से आकाश शर्मा और मोनू अवस्थी के बीच मुकाबले की बात होने लगी थी। मेंबरशिप ड्राइव के दौरान सांसद विधायकों द्वारा भी अपने समर्थकों के जरिए अपनी पसंद के दावेदारों के पक्ष में सदस्य बनाने की बात आ रही थी।


वोट जोड़ने के लिए नाम, पते, फोटो फर्जी

एक महीने की मेंबरशिप ड्राइव के बाद कुल 1731325 ऑनलाइन इंट्री हुई थी। इनमें 1661590 लोगों के लिए मेंबरशिप फीस जमा की गई थी, जबकि 69735 की फीस जमा नहीं थी। हालांकि बाद में कुछ लोगों की फीस जमा हुई और 68 हजार 53 ऐसे थे, जिनकी मेंबरशिप फीस जमा नहीं की गई। इसके बाद जब स्क्रूटनी शुरू हुई, तब ज्यादा से ज्यादा मेंबर बनाने के लिए मची होड़ की सच्चाई सामने आई। दावेदारों ने फर्जी आईडी, फेक फोटो, नंबर और पते तक डाले थे। ऑनलाइन मेंबरशिप के दौरान लाइव तस्वीर और एक वीडियो अपलोड करना था। इसमें भी धांधली हुई है। इन सभी को रिजेक्ट कर दिया गया है। वहीं, इसी तरह के कारणों से साढ़े छह लाख मेंबरशिप को होल्ड पर रखा गया है। स्क्रूटनी के बाद अब चुनाव ने रोमांचक मोड़ ले लिया है।



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