विधानसभा ब्रेकिंग: छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मुद्दे पर जोरदार हंगामे के बाद पहले दिन की कार्यवाही स्थगित

Update: 2023-01-02 08:35 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मुद्दे पर शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में जोरदार हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से भारी शोर-शराबे के बाद सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी। इसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई, तब फिर से दोनों पक्षों ने हंगामा किया। भारी शोर-शराबे के कारण कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

प्रश्नकाल के बाद पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आदिवासियों के आरक्षण पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सदन से विधेयक पारित होने के बाद अब तक लागू नहीं हो पाया है। इस पर विपक्ष के विधायकों ने भी राज्य सरकार को घेरा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। भारी हंगामे और शोर-शराबे के कारण स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने कार्यवाही तीन मिनट के लिए स्थगित कर दी।

जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा शुरू हो गया। सत्ता पक्ष के विधायकों ने आरक्षण में देरी के लिए राजभवन को जिम्मेदार ठहराया। इस बीच विधानसभा स्पीकर डॉ. महंत ने कहा कि राजभवन और राज्यपाल के प्रति मर्यादा का पालन हो। राज्यपाल पर की गई टिप्पणी बर्दाश्त नहीं है। राज्यपाल पर कोई अशोभनीय बात सदन की मर्यादा के विपरीत है। दोनों पक्षों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित हो रही थी। इसे देखते हुए स्पीकर ने आज पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।

सत्ता पक्ष की ओर से बार-बार 31 दिन बाद भी विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। इस बीच विपक्ष के सदस्य क्वांटिफाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करने लगे और हंगामा करते हुए गर्भगृह तक पहुंच गए। इसके बाद विपक्ष के विधायक स्वयमेव निलंबित कर दिए गए। विधायक नारेबाजी करते हुए निकले और गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए। इधर, स्पीकर ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।

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