हड़ताल पर सरकार की तरफ से बातचीत के कोई संकेत नहीं, कर्मचारी नेता के अपमानजनक बोल पर सरकार कहीं खफा तो नहीं...?

Update: 2022-07-26 08:42 GMT

रायपुर। डीए और एचआरए की लंबित मांग को लेकर कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। राज्य बनने के बाद यह पहला मौका होगा, जब हड़ताल को व्यापक समर्थन मिला है। बता दें, फेडरेशन को 76 विभिन्न संगठनों का समर्थन मिला है। यही वजह है कि राजधानी से लेकर जिला और तहसील, ब्लॉक तक सरकारी कामकाज ठप्प हो गया है। स्कूलों में तालेबंदी जैसी स्थिति है। चूकि शिक्षक हड़ताल पर हैं, लिहाजा बच्चे कल से स्कूल नहीं आ रहे। अमूमन सभी सरकारी स्कूलों की यही स्थिति है। फेडरेशन ने 25 से 29 जुलाई तक कलमबंद हड़ताल का आव्हान किया है।

हड़ताल का आज दूसरा दिन है। लेकिन, सरकार की तरफ से अभी बातचीत के कोई संकेत नहीं मिल रहे। जबकि, विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। ऐसे समय में हड़ताल को दूर आमतौर पर छुट्टी तक नहीं मिलती। विभाग प्रमुख पहले से आदेश निकाल देते हैं, सत्र तक कोई छुट्टी नहीं। वैसे कल 27 जुलाई को मानसून सत्र का अवसान हो जाएगा। उसके बाद दो दिन याने 29 को हड़ताल समाप्त हो जाएगी। 29 के बाद 30 और 31 को शनिवार और रविवार का अवकाश रहेगा। एक अगस्त से सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में कामकाज फिर से प्रारंभ हो जाएगा।

हड़ताल को लेकर सरकार की ओर से बातचीत की अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। जबकि, सहायक शिक्षकों की पिछले दिनों हड़ताल हुई थी तो बार-बार सरकार की तरफ से कहा जा रहा था कि बातचीत के लिए उनका दरवाजा खुला हुआ है। स्कूल शिक्षा मंत्री और सिकरेट्री से कई दौर की वाता्र हुई भी। लेकिन, इस बार कंप्लीट हड़ताल है...विधानसभा चल रहा। फिर भी सरकार की तरफ से बुलाकर बात करने का कोई संकेत नहीं, इस पर कर्मचारी नेताओं में भी कानाफूसी शुरू हो गई है। कुछ नेताओं को यह भी खटक रहा कि कर्मचारी नेता के अपमानजनक बोल से सरकार कहीं नाराज तो नहीं हो गई है। क्योंकि, मानसून सत्र के बाद भी हड़ताल से पहले सरकार ने बुलाकर बात नहीं की। सरकार के अधिकारी चाहते तो सत्र का हवाला देकर हड़ताल को रोकवा सकते थे। सत्र की बात पर फेडरेशन भी हड़ताल को आगे-पीछे करने पर शायद तैयार हो जाता। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। ज्ञातव्य है, हड़ताल की तैयारी के दौरान एक कर्मचारी नेता का वीडियो जमकर वायरल हुआ था, जिसमें वे सूबे के एक ब़ड़े राजनीतिक शख्सियत के बारे में मारपीट जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे। अब भले ही ये मामला न हो, मगर कर्मचारी नेताओं के बीच ये बात चर्चा में जरूर है।

कामधाम ठप्प, सरकार को रेवन्यू देने वाला रजिस्ट्री तक बंद....

राज्य बनने के बाद यह पहला मौका होगा, जब विधानसभा का सत्र चल रहा है और अधिकारी, कर्मचारी हड़ताल पर हैं। अभी तक यही होते आया है कि विधानसभा सत्र प्रारंभ होने से हफ्ता भर पहले कर्मचारियों, अधिकारियों को सत्र के दौरान मुख्यालय न छोड़ने का आदेश दे दिया जाता था। इस दौरान आमतौर पर छुट्टी भी नहीं मिलती थी। लेकिन, इस बार डीए और एचआरए की मांग के कारण आज से आफिसों में कामकाज ठहर सा गया।

हालांकि, विधानसभा सत्र की घोषणा से पहले ही कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने हड़ताल का ऐलान कर दिया था। इसे शिक्षक संघों ने समर्थन देने का भरोसा दिया था। यही वजह है कि आफिसों से लेकर स्कूलों तक में तालेबंदी की स्थिति है। मंत्रालय से लेकर विभागाध्यक्ष भवन में वीरानी छाई हुई है। विधानसभा काम के सिलसिले में कई अधिकारी आज खुद ही गाड़ी चलाते नया रायपुर पहुंचे। क्योंकि, उनका ड्राईवर हड़ताल पर है। जिन अधिकारियों का पुराना रायपुर में भी बैठने का इंतजाम है, वे नया रायपुर नहीं गए। सरकारी स्कूलों में आज एक भी टीचर स्कूल नहीं गया। बच्चों को पता था कि मास्टरजी लोग हड़ताल पर रहेंगे, सो बच्चे भी स्कूल नहीं आए।

फेडरेशन की हड़ताल को अभूतपूर्व सफलता मिली है। राजधानी रायपुर से लेकर जिलों, तहसीलों और ब्लॉक मुख्यालयों में सरकारी कामकाज ठप्प पड़ गया है। स्कूलों में हड़ताल के कारण एक तो बच्चें नहीं आए, और थोड़े बहुत आए, उनके लिए मध्यान्ह भोजन नहीं बन पाया। शिक्षकों के ट्रेनिंग प्रोग्राम निरस्त कर दिए गए हैं। हड़ताल के कारण बिलाईगढ़ में आयोजित बालवाड़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। यहां तक कि सरकार को राजस्व देने वाला पंजीनय विभाग पर ताले लटके हैं। इससे जमीनों की रजिस्ट्री भी रुक गई है।

राजस्व दफ्तरों में पटवारियों व राजस्व कार्यालयों में हड़ताल के चलते फौती नामांतरण बटवारें जाती निवास आमदनी बनाने का काम प्रभावित हो रहा हैं। पंजीयन कार्यालय में कर्मचारियों के नही होने से रजिस्ट्री नही हो पा रही हैं। यही हाल निर्माण कार्यो का हैं। डिप्लोमा व ग्रेजुएट इंजीनियरो के हड़ताल में रहने के चलते निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही दफ्तरों के बंद रहने से करोड़ो का बिल भुगतान आदि भी रुक जाएगा।

खेती बाड़ी के समय से कृषि विभाग में हड़ताल के चलते खाद्य व बीज आबंटन व कृषि सम्बंधित कार्य भी प्रभावित है। साथ ही कृषि कालेज,इंजीनियरिंग कालेज, आईटीआई व अन्य कालेज भी प्रभावित हुए हैं। जिसके चलते एडमिशन व परीक्षा भी प्रभावित हो रहे हैं। यहां तक कि स्वामी विवेकानंद टेक्नीकल यूनिवर्सिटी ने परीक्षा स्थगित करने का एलान तक कर दिया है। पिछली बार की तरह इस बार भी सर्व शिक्षक संघ समेत कई शिक्षा संगठनों ने आंदोलन को समर्थन देने का फैसला लिया है।

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