तीन राज्यों की जॉइंट मीटिंग : विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़, आंध्र और तेलंगाना के पुलिस अफसर बैठे, नक्सलियों के खिलाफ बनी ऐसी रणनीति

Update: 2023-06-10 14:09 GMT

Joint Meeting of Three States Against Naxalites

रायपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले शनिवार को पुलिस मुख्यालय में तीन राज्यों के पुलिस अफसरों की जॉइंट मीटिंग हुई. इस मीटिंग में तीनों राज्यों के पुलिस प्रमुखों के साथ केंद्र सरकार, केंद्रीय पुलिस बल के अधिकारी भी शामिल हुए. इसमें नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी रणनीति पर बात हुई. दरअसल, इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव है. छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर सुकमा और बीजापुर जिले की सीमाएं तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से जुड़ी हुई हैं. बीजापुर और सुकमा ऐसे दो जिले हैं, जो नक्सलियों का गढ़ है. यहां शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती होती है. इस हिस्से के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों ने मिलकर ऐसा प्लान बनाया है, जो बरसात के दिनों में भी जारी रहेगा.

नक्सल समस्या से जूझ रहे छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश का जो हिस्सा एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है, वही नक्सलियों की सबसे बड़ा गढ़ है, जिसे भेदने के लिए सुरक्षा बल लगे हुए हैं. बड़े पैमाने पर पुलिस और सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद नक्सली अपनी करतूतों में कामयाब हो जाते हैं. केंद्र सरकार का फोकस है कि तीनों राज्यों की पुलिस और वहां तैनात सीआरपीएफ के जवान मिलकर जॉइंट ऑपरेशन करें. एक-दूसरे को खुफिया सूचनाएं शेयर करें. इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार के प्रतिनिधि की मौजूदगी में तीनों राज्यों के सीनियर पुलिस अधिकारियों ने आने वाली चुनौतियों और उससे बचने के रास्तों के संबंध में चर्चा की.

मुख्य रूप से चर्चा इंटर स्टेट को-ऑर्डिनेशन, खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान, फोकस एरिया में जॉइंट ऑपरेशन, सुरक्षा विहीन क्षेत्रों में रणनीतिक बढ़त, माओवादियों के सप्लाई नेटवर्क पर कार्यवाही आदि पर केंद्रित थी. छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने राज्य सरकार की नीतियों और अपनी प्लानिंग के बारे में बताया. सीआरपीएफ के स्पेशल डीजी वितुल कुमार व अन्य अधिकारियों ने अपनी भूमिका के बारे में जानकारी दी. तीनों राज्यों की प्लानिंग और सीआरपीएफ की भागीदारी के साथ कुछ रणनीति तैयार की गई है. नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन किस तरीके से चलाया जाएगा, यह जानकारी गोपनीय रखी गई है.


2024 से पहले नक्सलवाद खत्म

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के कोरबा में आयोजित सभा में यह बोल चुके हैं कि 2024 से पहले नक्सलवाद खत्म कर दिया जाएगा. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के को-ऑर्डिनेशन में नक्सल प्रभावित सभी राज्यों में जॉइंट ऑपरेशन चलाने पर फोकस किया जा रहा है. दरअसल, बॉर्डर एरिया का लाभ उठाते हुए नक्सली एक राज्य की पुलिस से बचने के लिए दूसरे राज्य में छिप जाते हैं. इसलिए जॉइंट ऑपरेशन पर जोर दिया जा रहा है. यही नहीं, खुफिया सूचनाओं को भी सभी राज्य एक-दूसरे से शेयर कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी.

Full View

बारिश के बाद भी ऑपरेशन जारी

गर्मी का समय नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए महत्वपूर्ण समय होता है. इस समय का लाभ उठाकर कई नए कैम्प खोले गए हैं. इन कैम्पों की मदद से एरिया डॉमिनेशन यानी नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बलों की धाक जमाने का काम किया जा रहा है. जिन हिस्सों को नक्सलियों का कोर जोन कहा जाता है, वहां भी सीआरपीएफ के कैम्प स्थापित कर और नई सड़कें बनाकर लोगों के आने-जाने के लिए खोला जा रहा है. इससे नक्सलियों का क्षेत्र सिमटते जा रहा है. ऑपरेशन की इसी कड़ी में बारिश के दौरान भी नियमित रूप से ऑपरेशन चलाया जाएगा.

Tags:    

Similar News