CG सावधान! यहां खतरा है : पिछले साल 12 महीने में एक चौथाई सड़क दुर्घटनाएं रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर में, इस साल तीन महीने में ये जिले आगे

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने ली परिवहन, पुलिस व संबंधित विभागों की बैठक. बेहतर प्लानिंग के साथ काम करने के निर्देश.

Update: 2023-04-10 15:36 GMT

रायपुर. छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं के ट्रेंड में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. पिछले साल यानी 2022 में 12 महीने में रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में एक चौथाई सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं. इसके विपरीत इस साल तीन महीने में कुछ नए जिलों में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े ज्यादा हैं. राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने परिवहन, पुलिस के साथ-साथ अन्य विभागों को बेहतर प्लानिंग के साथ सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.

महानदी भवन में राज्य स्तरीय समिति की बैठक में मुख्य सचिव जैन ने कहा, सड़क दुर्घटनाओं के कारणों को जानने के लिए घटनाओं का विश्लेषण किया जाना चाहिए. जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा समिति की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाए. सड़क सुरक्षा के संबंध में की जा रही कार्यवाही की प्रगति की निरंतर समीक्षा की जाए. मुख्य सचिव ने सड़क दुर्घटनाओं के नियंत्रण के उपाय, सड़क सुरक्षा जागरूकता और दुर्घटना जन्य क्षेत्रों में एंबुलेंस पहुंचाने, मॉक ड्रिल और दुर्घटना से घायलों को समुचित उपचार सुनिश्चित करने का पूर्व अभ्यास करने और जरूरी व्यवस्था के संबंध में पहले से ही आवश्यक उपाय तय करने के संबंध में अधिकारियों को व्यापक दिशा-निर्देश दिए गए. बैठक में डीजीपी अशोक जुनेजा ने भी सड़क सुरक्षा के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.


सड़क दुर्घटनाओं में आ रही कमी

अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि सड़क सुरक्षा जन जागरूकता और सड़क सुरक्षा के विभिन्न प्रयासों के कारण सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ रही है. 2022 में राज्य की एक चौथाई दुर्घटनाएं रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में घटित हुई हैं. इसके अलावा राजनांदगांव, रायगढ़, कोरबा और बलौदाबाजार में भी सड़क दुर्घटनाएं हुई थी. इस साल जनवरी, फरवरी और मार्च में सर्वाधिक दुर्घटनाएं बलौदाबाजार, धमतरी, मुंगेली, बालोद, कबीरधाम और जशपुर जिले में घटित हुई हैं. सड़क दुर्घटनाएं न हो इसके लिए यातायात शिक्षा और जन-जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. समस्त सड़क एजेंसियों द्वारा चिह्नित ब्लैक स्पॉट, जंक्शन, संकेतक आदि में सुधार के काम किए जा रहे हैं. सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों को लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

बैठक में सभी जिला सड़क सुरक्षा समितियों की नियमित बैठक के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई दुर्घटना जन्य क्षेत्रों में एम्बुलेंस पहुंचाने और दुर्घटना के गोल्डन आवर में घायलों को समुचित उपचार सुनिश्चित किया गया है. इसी तरह नगरीय प्रशासन विभाग को दुर्घटनाजन्य क्षेत्रों पर प्रकाश व्यवस्था, साईन बोर्ड एवं होर्डिंग्स और पार्किंक स्थलों में अतिक्रमण हटाने, आवारा पशुओं से होने वाली दुर्घटनाओं के रोकथाम हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए. आबकारी विभाग को प्रदेश के समस्त देशी-विदेशी मदिरा दुकानों के आस-पास जन जागरूकता संबंधी प्रेरक, फ्लैक्स लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के कारणों के विश्लेषण के लिए इटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा बेस के क्रियान्वयन के लिए परिवहन, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग सहित अन्य निर्माण विभाग द्वारा एजेंसी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है. ड्राइविंग एवं प्रशिक्षण संस्थान में यातायात पुलिस कर्मियों एवं वाहन चालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सतत् रूप से जारी रहेगा. सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के उपचार के लिए सभी मेडिकल कॉलेज एवं जिला चिकित्सालयों में निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस बैठक में जिलों के कलेक्टरों द्वारा अपने जिलों की सड़क सुरक्षा परिदृश्य के संबंध में जानकारी प्रस्तुत की. बैठक में परिवहन विभाग के सचिव एस.प्रकाश, स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव डीडी सिंह सहित संबंधित जिलों के कलेक्टर-एसपी सहित पुलिस, परिवहन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए.

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