साय के बदले साव का गणित: विष्णुदेव साय बनेंगे एसटी आयोग के उपाध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री का रुतबा मिलेगा!
प्रदेश अध्यक्ष बदलने से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल ने साय से की थी बात और उन्हें पार्टी की इच्छा के बारे में बताया था।
रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के बड़े आदिवासी नेता को केंद्र में जिम्मेदारी मिल सकती है। खबर है कि उन्हें राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके साथ ही केंद्रीय राज्यमंत्री का दर्जा भी मिल सकता है। उनका कार्यक्षेत्र पूरे देशभर का होगा। साथ ही, संवैधानिक शक्तियां भी होंगी।
दरअसल, नए क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, विष्णुदेव साय और संगठन महामंत्री पवन साय के दिल्ली दौरे से ही बदलाव की चर्चा शुरू हो गई थी। जामवाल की मौजूदगी में साय की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बातचीत हुई। इस दौरान छत्तीसगढ़ के हालात पर चर्चा के बाद उन्हें पार्टी की मंशा के बारे में बताया गया। साय ने इस पर अपनी सहमति जताई। इसके बाद नड्डा ने साय के सामने यह पेशकश रखी कि पार्टी ने उनके बारे में क्या सोच रखा है। इसमें एसटी आयोग के उपाध्यक्ष समेत पांच प्रस्ताव थे। साय ने कहा कि वे पार्टी की जो इच्छा होगी, उस पर सहमत होंगे। खबर है कि सोमवार रात को नड्डा ने साय से बातचीत की और उन्हें पार्टी के निर्णय के बारे में बताया।
यह तस्वीर सांसदों की बैठक के बाद की है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल ने परिचयात्मक बैठक ली थी। हालांकि, तब तक पार्टी ने साय को दिल्ली बुलाकर आगे की रूपरेखा तय कर ली थी।
साय और साव ने साथ किया था लंच
दो दिन पहले जब साय दिल्ली दौरे पर थे, तब उन्होंने अरुण साव के साथ लंच किया था। कर्नाटक भवन में वे करीब एक-डेढ़ घंटे साथ रहे। साव पहले से ही प्रदेश अध्यक्ष की रेस में आगे थे। हालांकि इसी बीच पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का विचार शुरू कर दिया था, इसलिए साय के बजाय आदिवासी नेता के नाम पर भी विचार किया था। इसमें एक नाम केदार कश्यप का भी था। ऐसी खबर है कि ऐन चुनाव के समय केदार नहीं चाहते थे कि वे अपना क्षेत्र छोड़कर प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पूरे प्रदेश का दौरा करें। आखिरकार पार्टी ने ओबीसी अध्यक्ष के रूप में साव के नाम पर सहमति दी।