सबसे ज्यादा वोटिंग CG में: कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में 98.4% मतदान; मंडावी का निधन, 5 बाहर, 2 बीमार इसलिए नहीं पहुंचे
रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए सोमवार को राजीव भवन में वोटिंग हुई। इसमें सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित सभी मंत्री, सांसद और विधायकों ने हिस्सा लिया। हालांकि विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मनोज मंडावी के निधन और 5 लोगों के बाहर होने और दो लोगों का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वोट नहीं डाल सके। 307 में से 299 वोट ही डले। इस तरह यहां 98.4 प्रतिशत मतदान हुआ। देश में सबसे ज्यादा वोटिंग प्रतिशत छत्तीसगढ़ में दर्ज किया गया। चुनाव अधिकारी हुसैन दलवई ने भी यहां मतदान किया।
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर चुनाव मैदान में थे। अध्यक्ष के चुनाव के लिए सुबह 10 बजे से पूरे देशभर में मतदान की शुरुआत हुई। राजधानी रायपुर में कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन को मतदान केंद्र बनाया गया था। यहां सबसे पहले पीसीसी अध्यक्ष मरकाम ने वोटिंग की। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में अच्छा रुझान देखने को मिला। सवा बजे तक 210 वोट डल गए थे। इसके घंटेभर बाद 268 वोट डाले गए थे। वहीं, 2.53 तक 285 वोट डले। मतदान के लिए निर्धारित समय चार बजे तक 299 वोट डले। अब 19 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी और नए अध्यक्ष का ऐलान होगा।
मरकाम बोले- कांग्रेस में लोकतंत्र, भाजपा ने बताया ढकोसला
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के मतदान से साबित हो गया है कि किसी राजनैतिक दल में लोकतंत्र है तो वह कांग्रेस है। देशभर में कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों में राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रत्याशियों के लिए गुप्त मतदान किया। यह कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र का परिचायक है। कांग्रेस के अलावा दूसरे किसी भी राजनैतिक दल चाहे वह राष्ट्रीय हों या क्षेत्रीय, किसी ने भी अपने अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए चुनाव नहीं करवाया होगा।
मरकाम ने कहा कि स्वयं को पार्टी विद डिफरेंस का दंभ भरने वाली भाजपा में तो कभी पार्टी के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों का चुनाव नहीं होता। पार्टी के शीर्ष में बैठे हुए चंद नेता जिसे चाहते हैं, अपनी सुविधानुसार अध्यक्ष बना देते हैं। पहले अटल-आडवाणी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर अपनी पसंद के व्यक्ति को नियुक्त करते थे, अब मोदी-शाह वही करते हैं। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता है तो संघ अपनी पसंद के व्यक्ति को अध्यक्ष बना देता है। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से भाजपाध्यक्ष बनाने की सहमति बनी, लेकिन भाजपा का कोई भी नेता यह नहीं बता सकता कि नड्डा के चुनाव के लिए मतदाता कौन था? उन्होंने नामांकन कब भरा? भाजपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कार्यक्रम कब घोषित किया गया? दरअसल भाजपा में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। भाजपा मोदी-शाह की जेबी संगठन बन गया है।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता दीपक म्हस्के ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को ढकोसला बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष उसे ही बनाया जाएगा, जो गांधी परिवार को पसंद हो। कांग्रेस के लिए चुनाव सिर्फ दिखावा है।