CG RSS की योजना बैठक : छत्तीसगढ़ प्रांत की टोली आज शाम बैठेगी, चार दिनों तक योजनाओं पर मंथन; सामाजिक समरसता, गौ संवर्धन पर भी बात

Update: 2023-04-13 08:17 GMT

रायपुर. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के छत्तीसगढ़ प्रांत प्रमुखों सहित जिले स्तर के अधिकारी आज से चार दिनों तक योजनाओं पर मंथन करेंगे. आज शाम प्रांत की टोली बैठेगी, जो योजना बैठक के एजेंडे तय करेगी. इसके बाद प्रांतीय कार्यकारिणी, विभाग व जिले के प्रमुख भी शामिल होंगे. प्रांतीय टोली में प्रांत संघ चालक डॉ. पुर्णेंदु सक्सेना, प्रांत कार्यवाह चंद्रशेखर देवांगन, प्रांत प्रचारक प्रेमशंकर सिदार हैं. कृषि विश्वविद्यालय के पास एक भवन में यह बैठक होगी.

आरएसएस व भाजपा सहित सभी आनुषांगिक संगठनों की समन्वय बैठक के बाद प्रांतीय योजना बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि आरएसएस सहित अन्य करीब चार दर्जन संगठन मिलकर जो काम करेंगे, उसका लाभ राजनीतिक रूप से भाजपा को मिलेगा. इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हैं, इसलिए केंद्र में यह भी एक अघोषित एजेंडा हो सकता है. यह बैठक खत्म होगी और 16 अप्रैल को ही जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा डी लिस्टिंग के मुद्दे पर रैली निकाली जाएगी. इसमें धर्मांतरण करने वालों को जनजाति समाज को मिलने वाले लाभ से अलग करने की मांग की जाएगी. इसमें ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हों, इसकी जिम्मेदारी दी गई है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा है. उससे भी बड़ा डी लिस्टिंग का मुद्दा है, जिसमें मुस्लिम या ईसाई धर्म अपनाने वाले आदिवासियों को आरक्षण के तहत मिलने वाले लाभ बंद करने के लिए जनजाति सुरक्षा मंच आदिवासी समाज को एकजुट करने की कोशिश में जुटा है.

शाखाओं के विस्तार के लिए कार्ययोजना

आरएसएस की योजना बैठक में मुख्य रूप से शाखाओं के विस्तार की कार्ययोजना बनाई जाएगी. इसी के साथ अन्य आनुषांगिक संगठन व विभाग अपनी कार्ययोजना बताएंगे. बता दें कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में शताब्दी वर्ष की कार्ययोजना के मद्देनजर शाखाओं के विस्तार को महत्व दिया गया है. आरएसएस की नियमित रूप से जो कार्यक्रम होते हैं, उन्हें छोड़कर कोई भी बड़ी सभा या सम्मेलन नहीं किया जाएगा. पूरा फोकस शाखाओं के विस्तार पर होगा.

6 महीने के बाद विधानसभा चुनाव होंगे

आरएसएस की योजना बैठक पूरी तरह से संघ की ही गतिविधियों पर केंद्रित होती है, लेकिन उसका लाभ भाजपा को होता है. यही वजह है कि राजनीतिक गलियारे में भी आरएसएस की योजना बैठक की चर्चा शुरू हो गई है. 6 महीने बाद छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव है. आरएसएस के अलग-अलग संगठनों की गतिविधियों का लाभ भाजपा को चुनाव में मिलेगा. खासकर विश्व हिंदू परिषद, धर्म जागरण, जनजाति सुरक्षा मंच, वनवासी कल्याण आश्रम, सामाजिक सद्भाव और समरसता आदि की गतिविधियां भाजपा को राजनीतिक रूप से मदद पहुंचाती हैं.

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