पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट : कर्मचारियों की वेतन विसंगति पर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कर रही पिंगुआ कमेटी, प्रमुख सचिव ने दी जानकारी

Update: 2023-04-06 08:17 GMT

रायपुर. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की 14 सूत्रीय मांगों में से अधिकांश पर पिंगुआ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. अलग-अलग संवर्ग की वेतन विसंगति को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की जा रही है. प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ ने फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि अधिकांश बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार हो चुकी है. वेतन विसंगति को दूर करने के लिए तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट बनाई जा रही है, इसलिए देर हो रही है. वे जल्द ही अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देंगे.

राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों व उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव पिंगुआ से भेंट की और उन्हें 14 सूत्रीय मांगों पर शीघ्र ही रिपोर्ट सौंपने का आग्रह किया. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 6 महीने बाद चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी, इसलिए कर्मचारियों के हित में रिपोर्ट को शीघ्र तैयार कर शासन को सौंपे, जिससे समय रहते आदेश जारी हो सके.

फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि कर्मचारियों के हित में हरसंभव कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में प्रमुख सचिव से प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की और शीघ्र रिपोर्ट तैयार करने का आग्रह किया है. फेडरेशन की ओर से भी वेतन विसंगति के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी दी गई है, जिससे रिपोर्ट बनाने में आसानी हो. प्रमुख सचिव ने आश्वस्त किया है कि वे जल्द ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपेंगे.

ये हैं फेडरेशन की 14 मांगें

1. लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति का निराकरण. साथ ही, शिक्षक व स्वास्थ्य संवर्ग सहित अन्य कर्मचारी संवर्ग की वेतन विसंगति का निराकरण किया जाए.

2. प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों को जुलाई 19 का 5 प्रतिशत व जनवरी 20 का 4 प्रतिशत कुल 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जाए.

3. छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 का बकाया एरियर्स, चार किस्त के भुगतान के लिए आदेश जारी किया जाए.

4. सभी विभागों में लंबित संवर्गीय पदोन्नति, क्रमोन्नति, समय मान व तृतीय समय मान वेतनमान का लाभ समय सीमा में प्रदान किया जाए.

5. सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी व सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाए.

6. शासकीय सेवा के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारियों व अधिकारियों के परिवार को राजस्थान सरकार की तर्ज पर 50 लाख अनुग्रह राशि स्वीकृति आदेश जारी किया जाए. कोरोना ड्यूटी में लगाए गए शासकीय सेवकों को कोरोना भत्ता दिया जाए.

7. अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए. सेवा से पृथक अनियमित कर्मचारियों को बहाल किया जाए.

8. जन घोषणा पत्र में उल्लेखित चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाए. साथ ही, घोषणा पत्र में उल्लेखित अन्य मांगों को पूरा किया जाए.

9. छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के मूल वेतन के आधार पर 10 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता सहित अन्य समस्त भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जाए.

10. राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाए.

11. तृतीय श्रेणी के पदों पर 10 प्रतिशत के बंधन को मुक्त करने हुए समय सीमा के भीतर अनुकंपा नियुक्ति के समस्त लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जाए.

12. कार्यभारित / आकस्मिक सेवा के कर्मचारियों को समान वेतन के रिक्त पदों पर समायोजित करते हुए नियमित कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते व पेंशन का लाभ दिया जाए.

13. प्रदेश के पटवारियों को पदोन्नति व लैपटाप के साथ उनके कार्यालयों में कम्प्यूटर की समस्त सुविधा दी जाए.

14. पेंशनरों को त्वरित भुगतान के लिए 20 वर्षों से लंबित राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 को विलोपित कर पेंशनरी दायित्वों का मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के बीच तत्काल बंटवारा किया जाए. साथ ही, सेंट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल भारतीय स्टेट बैंक गोविंदपुरा भोपाल से पृथक कर रायपुर छत्तीसगढ़ में स्थापित कर छत्तीसगढ़ के प्रकरणों का निपटारा किया जाए.

(छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने 30 दिसंबर 2020 को सीएम भूपेश बघेल को यह पत्र दिया था.)

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