खबर का असर: RES के अधीक्षण अभियंता को विभाग ने किया रिटायर, फर्जीवाड़े पर कार्रवाई अभी नहीं, देखें आदेश...

Update: 2022-10-07 15:16 GMT

रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आखिरकार जन्मतिथि में हेरफेर कर अपने पद पर बने अधीक्षण अभियंता सिम्पलीसियस टोप्पो को रिटायर कर दिया है। NPG.News ने 26 सितंबर को यह खबर प्रकाशित की थी। टोप्पो को रिटायर करने का आदेश 27 सितंबर का है। यानी खबर प्रकाशित होने के दूसरे दिन ही कार्रवाई कर दी गई थी, लेकिन विभाग के जिम्मेदार मामले को दबाए बैठे रहे। NPG.News को आदेश की कॉपी मिली है, जिसमें 3 मार्च 2022 की स्थिति में रिटायर करने का उल्लेख है। हालांकि, जन्मतिथि में छेड़छाड़ करने और 6 महीने तक विभाग को गुमराह कर वेतन लेने के मामले में कार्रवाई नहीं की गई है। आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि इस मसले पर अलग से निर्णय लिया जाएगा। देखें आदेश...




CG में यह गजब मामला: RES के सुप्रिंटेंडेंट इंजीनियर रिटायरमेंट की उम्र के 6 माह बाद भी नौकरी पर बने हुए, इस तरह किया 'खेल'

मनोज व्यास.रायपुर 26 सितंबर 2022।  ब्यूरोक्रेसी में रिटायरमेंट के बाद पोस्टिंग की खबरें तो आपने देखी-सुनी होगी, लेकिन क्या आपको ऐसा कोई वाकया देखने-सुनने में मिला है कि कोई अधिकारी अपने रिटायरमेंट की उम्र पूरी करने के 6 माह बाद भी अपने पद पर बना हो। यहां हम संविदा पोस्टिंग की नहीं, बल्कि स्थाई नौकरी की बात कर रहे हैं। इसी मामले की थाने में रिपोर्ट हुई और पुलिस ने इस बात की पुष्टि कर दी हो कि गड़बड़ी हुई है, फिर भी विभाग के अफसर आंख मूंदकर बैठे हों...। अब ज्यादा भूमिका बांधने के बजाय सीधे मुद्दे पर आते हैं।

नाम सिम्लिसियस टोप्पो। पद अधीक्षण अभियंता। विभाग RES यानी ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी। स्थान अंबिकापुर। जन्मतिथि-? जन्मतिथि पर ही तो खेल हुआ है। दरअसल, अधीक्षण अभियंता सिम्लिसियस टोप्पो जिनकी जन्मतिथि 06 मार्च 1960 है, में छेड़छाड़ कर 06 मार्च 1967 कर दिया। हम यह दावे के साथ इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि राखी पुलिस की जांच में यह बात साबित हुई है। यही नहीं, विभाग की ओर से 2006 और 2008 में जो वरिष्ठता सूची जारी की गई है, उसमें भी जन्मतिथि 06 मार्च 1960 ही दर्ज है।

इस मसले को लेकर राखी थाने में 10 जून को नरेश गड़पाल नाम के एक्टिविस्ट ने शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने जब जांच शुरू की तब यह बात सामने आई कि टोप्पो की जन्मतिथि 06 मार्च 1960 ही है। पुलिस ने इस बात की पुष्टि माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव को पत्र लिखकर की है। इसे लेकर राखी थाना प्रभारी ने एक अगस्त 2022 को RES के ईएनसी एके राही को पत्र लिखा। थाना प्रभारी ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि सर्विस बुक के पहले पेज पर साफ तौर पर दिख रहा है कि टोप्पो ने छेड़छाड़ कर 1960 को 1967 कर दिया है। इन्होंने (टोप्पो ने) हायर सेकंडरी की परीक्षा 1979 में पास की है। विकास आयुक्त कार्यालय से जो वरिष्ठता सूची जारी की गई थी, उसमें भी जन्मतिथि 06 मार्च 1960 दर्ज है। थाना प्रभारी ने इस मामले में ईएनसी से टोप्पो के अलावा अन्य दोषियों की नामजद जांच कर रिपोर्ट देने की मांग की, जिससे सबके खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा सके।

पहले यह पढ़ें कि जिम्मेदारों का क्या कहना है...NPG.News ने इस मसले पर जब राखी थाना प्रभारी लक्ष्मी जायसवाल से बात की तो उन्होंने बताया कि वे रोड सेफ्टी क्रिकेट की ड्यूटी पर हैं, इसलिए थाने जाकर रिपोर्ट देखकर बता पाएंगे कि विभाग की ओर से कोई जवाब आया कि नहीं? इसके बाद हमने RES के चीफ इंजीनियर (स्थापना) रामसागर से बात की तो उन्होंने बताया कि वे लंबी छुट्टी पर हैं। हमने उनसे पूछा कि इस मसले पर आपके अलावा अधिकृत रूप से कौन जानकारी दे पाएंगे तो उन्होंने ईएनसी से बात करने की सलाह दी। ईएनसी एके राही से जब बात हुई, तब उन्होंने बताया कि उनकी ओर से शासन को सिम्लिसियस टोप्पो को रिटायर करने के लिए पत्र लिखा गया है। फिलहाल सिम्लिसियस टोप्पो छुट्टी पर चल रहे हैं और उनके स्थान पर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को जिम्मेदारी दी गई है। इससे आगे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना को कॉल किया। साथ ही, वाट्सएप पर भी मैसेज कर पूछा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया है।


अब बता रहे हैं कि विभाग क्यों संदेह के घेरे में है...सिम्लिसियस टोप्पो ने अपनी जन्मतिथि में छेड़छाड़ की है, यह राखी थाने की पुलिस को ही नहीं, बल्कि विभाग को भी पहले से पता था। विभाग ने टोप्पो को जन्मतिथि प्रमाणित करने के लिए तीन बार पत्र लिखा। इसके बाद टोप्पो ने यह कहकर असमर्थता जाहिर कर दी कि उनकी अंकसूची गुम हो गई है। विभागीय जानकारों का कहना है कि वरिष्ठता सूची और सेवा पुस्तिका के आधार पर जन्मतिथि से संदेहास्पद स्थिति निर्मित हुई। इसे साबित करने की जिम्मेदारी टोप्पो की थी, लेकिन टोप्पो ने यह करने से एक तरह से मना कर दिया। ऐसी स्थिति में विभाग के पास यह अधिकार था कि वह टोप्पो से आहरण-वितरण का अधिकार छीन लेने। यानी वित्तीय अधिकार छीन लेते या वेतन पर रोक लगा देते। लेकिन ऐसा नहीं किया गया।विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर इसलिए भी सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि जैसे पुलिस ने माध्यमिक शिक्षा मंडल से जानकारी मांगकर जन्मतिथि की पुष्टि की, वैसा कर सकते थे या A.G. की पे-स्लिप से भी जन्मतिथि की पुष्टि हो जाती। ऐसा भी नहीं किया गया। फिलहाल अफसर यह तर्क दे रहे हैं कि वे छुट्टी पर हैं, लेकिन यह सच है कि रिटायरमेंट की उम्र सीमा पूरी करने के बाद भी अपने पद पर बने हुए हैं।

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