CG दत्तक ग्रहण केंद्र की मैनेजर गिरफ्तार: मासूम बच्चों से मारपीट करने वाली मैनेजर को पुलिस ने हिरासत में लिया, अधिकारी सस्पेंड

Update: 2023-06-05 11:09 GMT

कांकेर/ रायपुर. मासूम बच्चों के साथ मारपीट करने वाली दत्तक ग्रहण केंद्र की मैनेजर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. मैनेजर सीमा द्विवेदी के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है. इससे पहले कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एनजीओ दत्तक ग्रहण अभिकरण की मैनेजर / समन्वयक के खिलाफ अपराध दर्ज करने की बात कही थी. वहीं, एनजीओ को सस्पेंड कर दिया है. इसी मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग के विशेष सचिव पोषण चंद्राकर ने तत्कालीन प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रशेखर मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है. देखें आदेश...


विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण की समन्वयक सीमा द्विवेदी के खिलाफ अपराध क्रमांक 182/23 में धारा 323, 75 किशोर न्याय (बालकों के देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम और एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया है. बता दें कि शिकायतों के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग के डायरेक्ट्रेट की टीम ने छापेमारी कर जांच की थी. इस टीम ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी है. इसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है.

मैनेजर बॉयफ्रेंड का गुस्सा उतारती है मासूमों पर

कांकेर. बिन मां-बाप के बच्चे... समाज में ऐसे जुमले उन बच्चों के लिए इस्तेमाल होते हैं, जिनके मां-बाप नहीं होते. लोग उन्हें बेचारे की तरह देखते हैं. ऐसे बच्चों को मां-बाप का प्यार मिले, इसलिए सरकार ने दत्तक ग्रहण केंद्र शुरू किया. जब तक इन बच्चों को गोद लेने वाले कोई माता-पिता नहीं मिल जाते, तब तक इनके मां-बाप की जिम्मेदारी एक एनजीओ को सौंपी गई है. ये कोई निशुल्क सेवा नहीं करते, बल्कि उन्हें महिला एवम बाल विकास विभाग द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है.

ये वीडियो आप देखेंगे तो लगेगा कि दत्तक ग्रहण केंद्र की मैनेजर ही किस तरह मासूम बच्चों को बेरहमी से पीटकर उनकी मासूमियत का कत्ल कर रही है. वीडियो देखकर आपका भी खून खौल उठेगा. वजह और भी हैरान और परेशान करने वाली है. यह सब मैनेजर अपने बॉयफ्रेंड से झगड़े के बाद करती है. मैनेजर का नाम है सीमा द्विवेदी, जो एक एनजीओ की ओर से पदस्थ है. यहां सिर्फ मैनेजर ही नहीं, बल्कि महिला बाल विकास अधिकारी का भी कृत्य जान लीजिए. मैनेजर की शिकायत महिला बाल विकास अधिकारी से हो चुकी है और उक्त अधिकारी, जिनका नाम सीएस मिश्रा बताया जा रहा है, ने सिर्फ 50 हजार लेकर इन मासूमों पर बेरहमी का लाइसेंस दे दिया. अब जब वीडियो सामने आया है तो कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने मीडिया से जांच और कार्रवाई की बात कही है.

8 कर्मचारियों की नौकरी गई, क्योंकि विरोध किया

दत्तक ग्रहण केंद्र में 0 से 6 साल के बच्चे हैं. इन बच्चों की गतिविधियों को निगरानी हो सके, इसलिए कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे रात को बंद कर दिए जाते हैं, क्योंकि देर रात कोई युवक आता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये युवक और कोई नहीं, बल्कि मैनेजर का बॉयफ्रेंड है. ऐसा नहीं है कि बच्चों के साथ मारपीट का किसी ने विरोध नहीं किया. आठ कर्मचारियों ने ऐसी हिमाकत की, जिसके बदले उन्हें काम से हटा दिया गया.

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