जोगी-कांग्रेस साथ-साथ: जोगी कांग्रेस ने सावित्री मंडावी को दिया समर्थन, क्या 2023 का चुनाव भी लड़ेंगे साथ-साथ

पूर्व सीएम अजीत जोगी के साथ मनोज मंडावी के करीबी संबंध थे। जोगी शासन में मंडावी आधा दर्जन से ज्यादा विभागों के राज्यमंत्री थे।

Update: 2022-11-16 15:30 GMT

रायपुर। भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) यानी जोगी कांग्रेस ने कांग्रेस की प्रत्याशी सावित्री मंडावी को समर्थन देने का ऐलान किया है। जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रहे स्व. मनोज मंडावी के परिवार के साथ सालों पुराने पारिवारिक संबंधों का हवाला देकर सावित्री मंडावी के विरोध में प्रत्याशी नहीं उतारने की बात कही है। इस फैसले के बाद सियासी गलियारे में यह चर्चा छिड़ गई है कि क्या जोगी कांग्रेस के कांग्रेस में विलय का यह पहला स्टेप है। 2023 में होने वाले चुनाव से पहले डॉ. रेणु जोगी के नेतृत्व में जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय हो जाएगा। बता दें कि जोगी शासन में मनोज मंडावी गृह, जेल, परिवहन, पीडब्ल्यूडी सहित आधा दर्जन से ज्यादा विभागों के राज्यमंत्री थे, जबकि उस समय वे पहली बार के विधायक थे।


जोगी कांग्रेस के विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह के निष्कासन के मामले में जब डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी विधानसभा के स्पीकर डॉ. चरणदास महंत से मिले थे, उसी समय यह चर्चा शुरू हुई थी। धर्मजीत सिंह के निष्कासन के बहाने जोगी कांग्रेस ने कांग्रेस प्रवेश के लिए रास्ता खोलने की कोशिश की है। हालांकि अधिकृत तौर पर दोनों ही दलों की ओर से ऐसी कोई बातचीत नहीं की गई थी। सियासी पंडितों का कहना है कि आने वाले समय में डॉ. रेणु जोगी फिर से पहल कर सकती हैं।

भानुप्रतापपुर उपचुनाव में जोगी कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला लेकर फिर से इस बात को हवा दी है। दरअसल, डॉ. रेणु जोगी कांग्रेस छोड़ने के पक्ष में नहीं थीं, लेकिन तब तक जोगी कांग्रेस अस्तित्व में आ गई थी। छत्तीसगढ़ के पहले सीएम स्व. अजीत जोगी और कांग्रेस से निष्कासित किए गए अमित जोगी ने भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ चुनाव का ऐलान कर दिया था। कांग्रेस की ओर से अधिकृत रूप से डॉ. रेणु जोगी का निष्कासन नहीं किया गया, लेकिन कोटा से विभोर सिंह को टिकट देकर अपनी मंशा जता दी।

धर्मजीत सिंह के निष्कासन के संबंध में डॉ. रेणु जोगी और अमित जोगी विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत से मिले थे।

विधानसभा में कई बार कह चुकी हैं रेणु

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान होने वाली चर्चाओं में कई बार ऐसा वाकया हुआ, जब डॉ. रेणु जोगी कह चुकी हैं कि वे कांग्रेस से अलग नहीं होना चाहती थीं। पिछले साल अगस्त में रेणु जोगी की कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी हुई थी। हालांकि उसके बाद दोनों ही दल विलय की बात को नकारते रहे। सूत्रों के मुताबिक डॉ. रेणु जोगी के स्वास्थ्य को देखते हुए इस बार वे चुनाव लड़ने से इंकार कर सकती हैं। ऐसी स्थिति में वे अमित जोगी को आगे कर सकती हैं। इससे पहले वे कांग्रेस में विलय की पहल कर अमित को कोटा सीट से उम्मीदवार बनाने की शर्त रख सकती हैं। मरवाही उपचुनाव के दौरान जो वाकया हुआ, उसके बाद अब जोगी परिवार के लिए कोटा सबसे सुरक्षित सीट है।

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