हड़ताल को झटका..! शिक्षक संगठनों का शामिल होने से दो टूक इंकार, फेडरेशन पर मनमानी का आरोप लगाते शिक्षक नेता बोले...अपनी मांगों को लेकर अलग से करेंगे आंदोलन

Update: 2022-08-19 14:25 GMT

रायपुर। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के 22 अगस्त से प्रस्तावित बेमियादी हड़ताल को इस खबर से झटका लग सकता है....शिक्षक संगठनों ने बकायदा बयान जारी कर हड़ताल में शामिल होने से इंकार कर दिया है। इसमें छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसियेशन, शालेय शिक्षक संघ अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे और नवीन शिक्षक संघ के अध्यक्ष विकास राजपूत शामिल हैं।

तीनों नेताओं ने प्रेस को बयान जारी कर कहा है कि 22 अगस्त के अनिश्चितकालीन आंदोलन में शिक्षक संवर्ग शामिल नही होगा। हड़ताल का हम नैतिक समर्थन करते है। शिक्षक संवर्ग द्वारा डीए और एचआरए के लिए 25 जुलाई से किये गए अनिश्चितकालीन आंदोलन के दौरान फेडरेशन ने अपने हड़ताल को निश्चितकालीन मानकर आगे नही बढ़ाया। जिससे अब मात्र 6 फीसदी डीए वृद्धि का आदेश जारी हुआ। फेडरेशन की बड़ी चूक यही थी कि कर्मचारियों की भावना अनुरूप समय पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय नही लिया गया और अंततः कर्मचारियों का बड़ा नुकसान हो गया।

फेडरेशन ने शिक्षको के प्रथम नियुक्ति तिथि से पेंशन, वेतन विसंगति, क्रमोन्नति, पदोन्नति के विषय को शामिल न कर अनियमित कर्मचारियो के नियमितीकरण व रसोइया संघ के मांगो को शामिल किया। इसलिए भी फेडरेशन के आंदोलन से शिक्षक संवर्ग ने किनारा करने का निर्णय लिया है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ, नवीन शिक्षक संघ द्वारा 25 जुलाई से 2 सूत्रीय मांग देय तिथि से लंबित मंहगाई भत्ता व देय तिथि से एचआरए को सातवें वेतन के आधार पर पुनरीक्षित करने की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन आंदोलन किया गया था, जिसके बाद 30 जुलाई को बूढ़ा तालाब रायपुर में जंगी प्रदर्शन व आक्रोश रैली निकालकर हजारो शिक्षको ने मंहगाई भत्ता व एचआरए की मांग को सरकार तक पहुचाने में सफल हुए थे।

संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत ने कहा कि कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा 5 दिन 25 से 29 जुलाई के आंदोलन को अनिश्चितकालीन आंदोलन में तब्दील नही करने के कारण मांग व आंदोलन कमजोर हुआ, जिसका नुकसान प्रदेश के 4 लाख 50 हजार कर्मचारियों को उठाना पड़ा और मात्र 6þ क्। जारी हुआ। शिक्षक नेताओं का कहना है, वे फेडरेशन में शामिल भी नही है, साथ ही फेडरेशन प्रमुख ने 22 अगस्त से हड़ताल में शामिल होने उनसे चर्चा भी नही की है और न ही निष्पक्ष बैनर, सामूहिक नेतृत्व व समान भूमिका की हड़ताल में स्थिति निर्मित की है। ऐसे में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ, नवीन शिक्षक संघ हड़ताल से पृथक है। 30 जुलाई को बूढ़ा तालाब रायपुर में जंगी प्रदर्शन व आक्रोश रैली का व्यापक असर हुआ जिसके कारण मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर जीएडी द्वारा सूचना देकर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, शालेय शिक्षक संघ, नवीन शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल को मंत्रालय में चर्चा हेतु आमंत्रित किया गया।

अधिकारियों के साथ बैठक में पक्ष रखते हुए छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने देय तिथि से 12 फीसदी मंहगाई भत्ता एकमुश्त देने व एचआरए को पुनरीक्षित करने मांग पुरजोर तरीके से रखने के साथ ही नियम विरुद्ध वेतन कटौती आदेश को निरस्त करने कहा था। बैठक में स्पष्ट कहा था कि 12 फीसदी से कम डीए दिया जाना उचित नही होगा। तीनों नेताओं ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए उन्हें भी आमंत्रित किया गया था किंतु कम डीए दिए जाने के संकेत के कारण मुख्यमंत्री जी से भेंट करना उचित नही था।

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