CG फर्जी निश्चेतना विशेषज्ञ गिरफ्तार : ओडिशा के डॉक्टर का सर्टिफिकेट इस्तेमाल कर कई बड़े अस्पतालों में दे रहा था सेवाएं, पुलिस भी चौंकी
रायपुर. ओडिशा के एक डॉक्टर का सर्टिफिकेट इस्तेमाल कर धमतरी के एक युवक ने अपनी तस्वीर और नाम के साथ वरिष्ठ निश्चेतना विशेषज्ञ (एनेस्थियोलॉजिस्ट) का सर्टिफिकेट तैयार कर लिया और रायपुर, बलौदाबाजार और भाठापारा में ऑन कॉल ड्यूटी देने लगा. शिकायत के बाद कसडोल थाने की पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. अब तक जो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है, उसमें कई नामी अस्पतालों में फर्जी डॉक्टर निश्चेतना विशेषज्ञ यानी सर्जरी से पहले बेहोशी का इंजेक्शन देने वाले विशेषज्ञ डॉक्टर के रूप में सेवा दे रहा था.
कसडोल स्थित आद्या हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. आरएस जोशी ने थाने में फर्जी निश्चेतना विशेषज्ञ की शिकायत दर्ज कराई थी. डॉ. जोशी ने छत्तीसगढ़ मेडिकल कौंसिल की वेबसाइट पर जब कथित डॉ. गौरी श्याम नंदा के संबंध में जानकारी हासिल की, तब उन्हें डॉक्टर पर संदेह हुआ. शिकायत मिलने पर पुलिस ने प्रारंभिक जांच की और कथित डॉक्टर गौरी श्याम नंदा को हिरासत में लिया. पूछताछ में पता चला कि कथित डॉक्टर नंदा का असली नाम श्याम कोसले (40 वर्ष) है और वह धमतरी जिले के कुरूद के गांव बंगोली का रहने वाला है.
कसडोल थाना प्रभारी केसी दास ने बताया कि श्याम कोसले ने डॉ. गौरी श्याम नंदा की सर्टिफिकेट हासिल किया. इसके बाद अपनी तस्वीर लगाकर प्रैक्टिस करने लगा. फिलहाल वह बलौदाबाजार स्थित श्रीराम हॉस्पिटल में एक साल से सेवाएं दे रहा था. इसके अलावा उसने पूछताछ में बताया कि वह बलौदाबाजार के आनंद हॉस्पिटल, ओमकार हॉस्पिटल, वाजपेई नर्सिंग होम, भाठापारा के वर्मा हॉस्पिटल भाटापारा और रायपुर के मित्तल हॉस्पिटल में भी सेवाएं दे चुका है. आरोपी द्वारा दी गई जानकारी के हिसाब से आगे की जानकारी जुटाई जा रही है.
मरीजों की जान से इतना बड़ा खिलवाड़
किसी भी बीमारी की जब सर्जरी करने की जरूरत पड़ती है तो सर्जन के साथ-साथ निश्चेतना विशेषज्ञ (एनेस्थिसियोलॉजिस्ट) की अहम जिम्मेदारी होती है. सर्जरी शुरू होने से पहले एनेस्थिसियोलॉजिस्ट इंजेक्शन लगाता है. यह बेहद गंभीर काम है, क्योंकि जिस हिस्से की सर्जरी होती है, उस हिस्से की निश्चेतना का ध्यान रखना होता है. ज्यादा मात्रा होने पर पैरालिसिस या कोमा का खतरा होता है. मरीज की जान भी जा सकती है. यही वजह है कि बड़ी सर्जरी के दौरान एनेस्थिसियोलॉजिस्ट को भी साथ रखा जाता है. इसके बावजूद फर्जी डॉक्टर ऑन कॉल ड्यूटी पर सेवाएं दे रहा था. यही नहीं, कई नामी हॉस्पिटल बाकायदा सेवाएं ले रहे थे.