ED रिमांड में अरविंद सिंह : कर्नाटक पुलिस ने धारा 120 बी हटाई तो सूर्यकांत तिवारी और खनिज अफसरों ने मांगी जमानत, दास की जमानत पर फैसला सुरक्षित

Update: 2023-06-20 14:46 GMT

ED Raid in Chhattisgarh 

रायपुर. छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ के कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार कारोबारी अरविंद सिंह को रिमांड अवधि खत्म होने पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया. ईडी ने जांच और पूछताछ के लिए फिर से रिमांड की मांग रखी, जिसे स्पेशल जज ने मंजूर कर लिया. अरविंद सिंह की 26 जून तक ईडी रिमांड की मंजूरी दी है. वहीं, कर्नाटक पुलिस द्वारा चार्जशीट में धारा 120 बी और 384 हटाने के बाद कोल परिवहन में कथित अवैध लेवी के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी, खनिज अधिकारी शिव शंकर नाग और संदीप नायक ने जमानत के लिए अर्जी लगाई है. सभी ने कर्नाटक में दर्ज केस से धारा 120 बी और 384 हटने के बाद कोई केस नहीं बनने का तर्क दिया है. इस मामले में 26 जून को सुनवाई होगी. 

दो दिन की बहस के बाद फैसला सुरक्षित

छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के सचिव व कमिश्नर निरंजन दास के अग्रिम जमानत आवेदन पर दो दिन की बहस के बाद स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस पर बुधवार को फैसला आ सकता है. दास की ओर से अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने पैरवी की. उन्होंने तर्क प्रस्तुत किया कि 120 बी का कोई केस नहीं बनता है. इस मामले में ईडी की ओर से कहीं केस रजिस्टर नहीं कराया गया है. 

छत्तीसगढ़ में आबकारी नीति अप्रैल 2019 में लागू हुई थी, जबकि दास ने मई 2019 में आबकारी सचिव और कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाली थी. दास के पास खरीदी बिक्री की जिम्मेदारी नहीं थी, वे प्रशासनिक कामकाज देखते थे. उनके नाम से कोई चैट भी नहीं मिला है. अधिवक्ता सिद्दीकी ने पीएमएलए एक्ट का हवाला देकर कहा कि दास की एंजियोग्राफी हो चुकी है. उन्हें किडनी की परेशानी है. उन्हें ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की भी समस्या है. इसके अलावा वे देश छोड़कर नहीं जा रहे हैं.

सूर्यकांत के खिलाफ चार्जशीट में धारा 120 बी और 384 नहीं

गौरतलब है कि कर्नाटक पुलिस ने छत्तीसगढ़ के कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के विरुद्ध बेंगलुरु के न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें धारा 120 बी और 384 को हटा दिया गया है. ईडी द्वारा बेंगलुरु के कादूगोड़ी वाइट फील्ड थाना में जुलाई 2022 में जो एफआईआर दर्ज करायी गयी थी, उसमें जांच के दौरान धारा 384 जोड़ी गयी थी. उक्त आपराधिक प्रकरण में धारा 120 बी और 384, पीएमएलए के अंतर्गत आती है. इन्हीं धाराओं के आधार पर सितंबर 2022 में ईडी ने सूर्यकांत तिवारी एवं अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किया था और बाद में अन्य लोगों की गिरफ्तारियां हुईं थी.

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