डायरेक्टर कौन-कौन? IAS-IPS के बाद राज्य प्रशासनिक और पुलिस सेवा की दखल बढ़ी, जानें राजपत्रित अधिकारी क्यों हैं नाराज...

Update: 2023-01-13 11:59 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अलग-अलग विभागों में डायरेक्टर व अन्य पदों पर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बाद अब राज्य प्रशासनिक व पुलिस सेवा की दखल बढ़ने से राजपत्रित अधिकारी नाराज हैं। इसे लेकर वे मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मिलेंगे और अपनी बात रखेंगे। राजपत्रित अधिकारियों की मांग है कि विभागीय कैडर के सीनियर अधिकारी को ही डायरेक्टर बनाया जाए।

दरअसल, इस विवाद की शुरुआत हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की सीएम भूपेश बघेल से हुई मुलाकात में रखी गई मांगों से हुई। राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के अधिकारियों ने डायरेक्टर स्तर के 20 और 5 कलेक्टरों के पद समयमान वेतनमान पाने वाले राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए आरक्षित करने की मांग रखी थी। राजपत्रित अधिकारियों की आमसभा में यह मुद्दा जोर-शोर से उठा। उनका कहना था कि विभागीय कैडर के सीनियर अधिकारियों को डायरेक्टर बनाया जाए।

छत्तीसगढ़ में इससे पहले विभाग के ही सीनियर अधिकारी को डायरेक्टर बनाया जाता रहा है। इससे पहले प्रताप कृदत्त कृषि, पीपी सोती पंचायत, उमेश द्विवेदी जनसंपर्क, डॉ. एसएस गहरवार पशुपालन विभाग के डायरेक्टर रह चुके हैं। फिलहाल विभागीय कैडर से कोई भी डायरेक्टर नहीं हैं।


छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष कमल वर्मा के मुताबिक वार्षिक आमसभा में इन मुद्दों पर काफी गंभीरता से चर्चा की गई। राजस्थान सहित कुछ राज्यों में विभागीय कैडर के अधिकारियों को ही डायरेक्टर बनाने की जानकारी आई है। इसके विपरीत छत्तीसगढ़ में पहले आईएएस को जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद आईपीएस और आईएफएस को डायरेक्टर बनाया गया। अब राज्य प्रशासनिक सेवा को जिम्मेदारी दी जा रही है। यहां तक कि डायरेक्ट्रेट में एडिशनल डायरेक्टर जैसे पदों पर भी प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को बैठाया जा रहा है। इन मुद्दों को लेकर 17 जनवरी को प्रदेशभर में सीएम भूपेश बघेल और सीएस अमिताभ जैन के नाम पर ज्ञापन दिया जाएगा।

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