साइबर क्राइम : डीजीपी जुनेजा ने कहा – NCRB के डाटा का विश्लेषण कर पता लगाएं साइबर अपराध का ट्रेंड क्या है

Update: 2023-03-13 14:16 GMT

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रायपुर. छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा ने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि साइबर अपराध से संबंधित एनसीआरबी के डाटा का विश्लेषण कर यह पता लगाना चाहिए कि देश-प्रदेश में साइबर अपराध का क्या ट्रेंड है. इससे साइबर अपराध की रोकथाम और जांच दोनों में मदद मिलेगी. डीजीपी जुनेजा साइबर अपराध पर रायपुर, दुर्ग व बस्तर रेंज के पुलिस अधिकारियों की 11 दिन की कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे.

पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर में सोमवार से साइबर अपराध पर कार्यशाला की शुरुआत हुई. सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (CDAC) और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान डीजीपी जुनेजा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आरोपियों द्वारा फिशिंग कर लोगों की व्यक्तिगत जानकारी लेकर, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड के जरिए ठगी के अपराध देखने को मिले हैं. इसके अलावा सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाकर पर्सनल अटैक, ऑनलाईन हरासमैंट जैसे अपराध भी राज्य में प्रकाश में आए हैं. डीजीपी ने कहा, सीडैक संस्था ने देश के महानगरों में इस क्षेत्र में काफी कार्य किया है. ऐसे प्रकरणों की केस स्टडी का अवलोकन करने से राज्य में घटित होने वाले अपराधों की विवेचना में काफी मदद मिल सकती है.

एडीजी तकनीकी सेवाएं प्रदीप गुप्ता ने कहा कि साइबर अपराध जिस गति से बढ़ा है, उस पर नियंत्रण लाया जाना पुलिस के लिए एक चुनौती है. यह अपराध आने वाले समय में और अधिक जटिल होने वाली है. ऐसी स्थिति में पुलिस अधिकारियों का स्किल लेवल बढ़ाया जाना आवश्यक है. वर्तमान समय में साइबर एक अनिवार्य कौशल है, जिसका सभी पुलिस अधिकारियों को ज्ञान होना चाहिए. हम एक कदम आगे रहेंगे तभी इस अपराध से निपटा जा सकता है. सीडैक के प्रशिक्षण का मॉड्यूल साइबर अपराध के समाधान की सभी आवश्यकताओं को पूरा करती है.


सीडैक के एसोसिएट डायरेक्टर अभिनव दीक्षित ने बताया कि सी-डैक मिनिस्टरी ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड इन्फरमेशन टेक्नालॉजी का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन है, जो स्वयं के प्रशिक्षण केंद्रों एवं अन्य अधिकृत प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से देश में आई टी इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के साथ-साथ साइबर अनुसंधान के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन कर रहा है. एकीकृत, सहयोगपूर्ण ढंग से समयोचित और आगामी प्रभाव के लिए शक्तिशाली प्रभावकारिता के साथ अनुसंधान के चुनौतीपूर्ण दूरगामी लक्ष्यों की प्राप्ति के प्रति सक्रिय पहल करना जैसे बहुआयामी, दूरदर्शी उद्देश्य स्थापित कर देश को विशिष्ट सेवाएं दे रहें हैं.

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य के तीन पुलिस रेंज क्रमशः रायपुर, दुर्ग व बस्तर से 25 पुलिस अधिकारियों को प्रतिभागियों के रूप शामिल किया गया है. कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर एडीजी हिमांशु गुप्ता, एसआरपी कल्लूरी, विवेकानंद सिन्हा, आईजी ओमप्रकाश पाल, एससी द्विवेदी, आरपी साय, डॉ. संजीव शुक्ला, आरिफ शेख, डीआईजी आरएन दाश, केएल ध्रुव, मनीष शर्मा सहित पुलिस मुख्यालय के अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, तकनीकी सेवाएं कवि गुप्ता ने किया.

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