कोर्ट में भी ठप होगा काम: महंगाई भत्ते के लिए तहसीलदारों के बाद अब न्यायिक कर्मचारी भी रहेंगे हड़ताल पर...
राज्य सरकार द्वारा 6% डीए की घोषणा को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने छल बताया है।
रायपुर। महंगाई और गृह भाड़ा भत्ते की मांग पर कर्मचारियों व शिक्षकों के साथ साथ तहसीलदार और न्यायिक कर्मचारी भी हड़ताल पर रहेंगे। यानी 22 अगस्त से जिला अदालतों में भी कामकाज प्रभावित होगा। तहसीलदार और पटवारियों के हड़ताल में जाने से राजस्व से जुड़े कोर्ट के काम भी प्रभावित होंगे। यदि हड़ताल लम्बे समय खिंचती है तो लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। न्यायिक कर्मचारियों के हड़ताल की सूचना के बाद अलग अलग जिला एवम सत्र न्यायाधीशों ने दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए हैं। हड़ताल में स्कूलों के साथ साथ कॉलेज के कर्मचारी भी रहेंगे। 22 अगस्त से हड़ताल पर जाने से पहले शनिवार को सभी प्रांताध्यक्ष व महामंत्रियों की राजधानी में बैठक रखी गई है। इधर, छुट्टियों के दौरान भी संगठन के पदाधिकारी छुट्टी के लिए आवेदन पत्र लेने के लिए अभियान चला रहे हैं। तीन दिन की छुट्टी के बाद सोमवार से दफ्तर खुलेंगे, लेकिन कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए 6% महंगाई भत्ता देने का ऐलान किया है, लेकिन कर्मचारी इससे सहमत नहीं हैं। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का जो निर्णय लिया है, उस पर संगठन अड़े हुए हैं। पांच दिन में ही सरकारी कामकाज ठप पड़ गया था। अनिश्चितकालीन हड़ताल की स्थिति में इस बार स्थिति काफी चिंताजनक हो जाएगी क्योंकि तहसील, कलेक्ट्रेट, अन्य विभाग और विभागाध्यक्ष भवन के कर्मचारियों के साथ साथ इस बार न्यायिक कर्मचारी भी हड़ताल पर रहेंगे। तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने भी हड़ताल पर रहने की सूचना दे दी है। इससे क्रिमिनल और सिविल दोनों कोर्ट के काम प्रभावित होंगे। यही नहीं, कोषालयीन कर्मचारी भी हड़ताल पर रहेंगे। इससे वेतन पेंशन के साथ साथ अलग अलग कामकाज के भुगतान भी अटकेंगे। इसका असर विकास कार्यों पर पड़ेगा।
हड़ताल को तोड़ने की नीयत से 6% डीए देने का षड्यंत्र
कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने हड़ताल को तोड़ने की नीयत से 6% डीए देने का ऐलान किया है। फेडरेशन के संयोयक कमल वर्मा, वन राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मिश्रा, प्रांताध्यक्ष आर के रिछारिया, बी पी शर्मा, राजेश चटर्जी, अजय तिवारी, चंद्रशेखर तिवारी, संजय सिंह एवं रोहित तिवारी का कहना है कि फेडरेशन के आंदोलन केंद्र के समान देय तिथि से 34 % डी ए तथा सातवें वेतन में एचआरए के लिए था। 30 मई 2022 को फेडरेशन ने मुख्य सचिव को कलेक्टर और तहसीलदार के माध्यम से चार चरणों में आंदोलन करने का नोटिस दिया था। इसके अनुसार ही 29 जून 2022 को पूरे प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारी एक दिन के सामूहिक अवकाश पर रहे।
शासन की ओर से सकारात्मक पहल नहीं होने के कारण 25 से 29 जुलाई 2022 तक 5 दिनों का निश्चितकालीन आंदोलन किया गया था। शासन द्वारा सकारात्मक पहल नहीं किए जाने से फेडरेशन ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की विधिवत सूचना मुख्य सचिव को दी थी। हड़ताल की सूचना के बाद सामान्य प्रशासन द्वारा चर्चा के लिए दो बार आमंत्रित किया गया था। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कर्मचारियों का पक्ष सचिव स्तर के अधिकारियों के समक्ष सुझाव सहित रखा था। इस पर सहमति व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से अंतिम चर्चा कराने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन साजिशपूर्ण तरीके से कर्मचारियों के हड़ताल को तोड़ने की नीयत से चक्रव्यूह बनाकर 6 % डीए कर्मचारियों को देने का प्लान बनाया गया।