CM Interview 2.0: सीएम भूपेश बघेल को पसंद है फिल्में देखना पर अब नहीं देख पाते, पढ़ें कितने बजे उठते हैं सीएम, सोने से पहले क्या करते हैं...

Update: 2022-12-17 09:46 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के चार साल पूरे होने पर छत्तीसगढ़ गौरव दिवस मनाया जा रहा है। आज की तारीख 17 दिसंबर 2018 को सीएम के रूप में शपथ ली थी। इन चार सालों में सीएम बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं लॉन्च की। सीएम बघेल मानते हैं कि सरकार का पहला लक्ष्य गरीब, किसान, मजदूर, महिलाएं और आदिवासियों की आय में वृद्धि करना था और सरकार इसमें सफल रही। NPG.News ने कांग्रेस सरकार के चार साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सीएम भूपेश बघेल से बात की। योजनाओं के साथ साथ उनकी दिनचर्या पर भी बात की। पेश है, बातचीत के अंश...

*सुबह कितने बजे होती है?

**जब नींद खुल जाए। वैसे 7.30 बजे तक उठ जाता हूं।

*फिर रात में कितने बजे सोते हैं।

**12-1 बजे तक ही सोने जाता हूं।

*सोने से पहले क्या करते हैं। फाइलों में दस्तखत या कुछ पढ़ते हैं।

**कभी कभार पढ़ लेता हूं।

*क्या पढ़ते हैं।

**महापुरुषों की जीवनी से जुड़ी किताबें। कुछ आध्यात्मिक या इतिहास की किताबें।

*फिल्में देखते हैं।

**फिल्में पसंद हैं। पहले बहुत देखता था। आजकल कहां फुरसत है। तीन घंटे कहां बैठ पाएंगे।

*कौन सी फिल्म पसंद है।

**शोले। अभिमान भी पसंद है। चुपके चुपके, आनंद अच्छी फिल्में हैं, जो पसंद है।

*मैच देखते हैं। क्रिकेट फुटबाल...

**मैच नहीं देख पा रहा। पहले खूब देखता था। कमेंट्री सुनता था। तब समय था।

*कौन से क्रिकेटर पसंद हैं।

**हम लोगों के समय गावस्कर थे। कपिल देव तब ऑलराउंडर बनकर आए थे। उस समय गावस्कर, वेंगसरकर, गुंडप्पा विश्वनाथ, कीर्ति आजाद, ये सब फेवरेट बैट्समेन। क्रिकेट खेल लेता हूं।

*सीएम की ऊर्जा का क्या राज है, जो सुबह से देर रात तक जुटे हुए हैं। भेंट मुलाकात में होते हैं, फिर रायपुर में कार्यक्रम में शामिल होते हैं, फिर दिल्ली-शिमला में...

**छत्तीसगढ़ और पार्टी के प्रति प्रेम है। यहीं से काम करने की ऊर्जा मिलती है।


CM Interview: लोग काम में लगे+आय में वृद्धि = नक्सली पीछे हटे

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार ने आज (17 दिसंबर 2022) को चार साल पूरे कर लिए। इन चार सालों के सफर, उपलब्धियों और चुनौतियों पर सीएम भूपेश बघेल ने NPG.News से खास बातचीत की। सीएम ने कहा कि चार साल का सफर राजनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा। परेशानियां आईं। कई तरह के संकट आए। सबका सामना किया। आगे पढ़ें, सीएम अपनी उपलब्धियां किसे मानते हैं और ढाई साल की बात पर उनका क्या कहना है। राज्यपाल अनुसुइया उइके के बारे में क्या राय है। 36 गढ़ में 36 जिले को लेकर सीएम का क्या कहना है...

लोगों की आय में वृद्धि हुई

जब सीएम से चार साल की उपलब्धियां पूछी गईं तो वे उत्साह के साथ कहते हैं, सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों की आय में वृद्धि हुई। चाहे वह मजदूर हो। किसान हों, महिला हों या आदिवासी हों। सरकार ने सबकी आय में वृद्धि करने का काम किया है। यह पहला लक्ष्य था और सफल भी हुए हैं।

दूसरी, तीसरी और चौथी उपलब्धियों में सीएम शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति का उल्लेख करते हैं। सीएम ने कहा, सारे काम ऑनगोइंग हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना का काम चल रहा है। यह सफल है। गोधन न्याय योजना ऑनगोइंग है। लघु वनोपज संग्रहण ऑनगोइंग है। हाट बाजार योजना सफल है। स्वामी आत्मानंद स्कूल हर साल बढ़ते ही जा रहा है। उसी प्रकार से राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत निर्माण कार्य चल ही रहा है। गोकुल, देवगुड़ी का निर्माण चल ही रहा है। ये सफल कार्यक्रम हैं।

2023 में कोई नई योजना लाएंगे?

इस सवाल के साथ ही सीएम का सीधा जवाब है कि यह पार्टी में तय होगा। चुनाव अभियान समिति बनेगी। चुनाव प्रचार समिति और घोषणा पत्र समिति बनेगी। सब मिलकर तय करेंगे। अकेले भूपेश बघेल सबकुछ थोड़ी तय करेगा।

इसे आगे बढ़ाते हुए जब यह सवाल किया गया कि 2023 में किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे, सीएम आत्मविश्वास के साथ कहते हैं, हमने चार साल जो काम किया है। अभी जो काम कर रहे हैं। उसे लेकर जाएंगे। घोषणा पत्र पार्टी बनाएगी।

चुनाव के लिए कोई ब्रह्मास्त्र? यह सुनकर सीएम मुस्कुराते हुए कहते हैं, ब्रह्मास्त्र में किसी के प्राण नहीं जाते हैं। ब्रह्मास्त्र हम लोग नहीं चलाएंगे।


पहले पहला सवाल, अब अंतिम

नक्सल मोर्चे पर सरकार की उपलब्धियों पर जब बात होती है, तब सीएम कहते हैं कि पहले (भाजपा शासन में) यह पहला सवाल होता था। अब अंतिम सवाल है। सीएम ने कहा, लोगों की आय में वृद्धि की। लोग काम में लग गए। नक्सल भर्ती में कमी आ गई। सड़कें बनीं। बिजली पहुंची। आंगनबाड़ी खुले। स्कूल खुले जो बंद थे। हाट बाजार क्लीनिक योजना शुरू हुई। लोगों की ऋण माफी हुई। लघु वनोपज की खरीदी हुई। फॉरेस्ट राइट के पट्टे मिले। सब अपने काम में लगे तो नक्सली तो पीछे चले गए। आय में वृद्धि में सब कुछ आ जाता है।

राज्यपाल अच्छीं पर एकात्म परिसर...

आरक्षण के मुद्दे पर सीएम बोले, लगातार उनका (राज्यपाल अनुसुइया उइके) रुख बदलता रहा। पहले तो यह कहा कि जिस दिन बिल आएगा, उसी दिन हस्ताक्षर करुंगी। उसके बाद कहा कि मैं सोची थी आदिवासी के लिए बिल आएगा। उसके बाद 10 बिंदू आ गया। एकात्म परिसर में बैठकर बिंदू लिखे जा रहे हैं, उसी को भेजा जा रहा है। राज्यपाल व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छी हैं, लेकिन ये जो हो रहा है, वह सिर्फ राजनीति हो रही है।

राज्यपाल को यह अधिकार है कि वह असीमित समय तक बिल को रोककर रख सकती हैं। राज्यपाल राष्ट्रपति के पास भेज सकती हैं। राज्यपाल लौटा भी सकती हैं। तीनों ऑप्शन है। चौथा वाला अधिकार क्षेत्र में नहीं है। अभी जो 10 बिंदू भेजे हैं, वह अधिकार क्षेत्र के बाहर है। यही बोल रहा हूं कि यह एकात्म परिसर से आया है।

विधेयक की मंजूरी में देरी बिल्कुल गलत है। इसे नहीं रोकना चाहिए। युवाओं के भविष्य के साथ इस प्रकार खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।

अब कोई नया जिला नहीं बनेगा

छत्तीसगढ़ में 36 जिले बनाने के संबंध में अब सीएम का कहना है कि अब जिला नहीं बनेगा, क्योंकि स्टैब्लिशमेंट के लिए समय नहीं बचा है। जिला बना देने से ही काम नहीं चलता। सारे कार्यालय खोलने पड़ते हैं। पद स्वीकृत करना पड़ता है। सारी चीजें हैं। हम केवल चुनाव के हिसाब से राजनीति नहीं करते, बल्कि जो भौगोलिक व सामाजिक व्यवस्था और लोगों की सुविधा को देखकर काम करते हैं।

धान का समर्थन मूल्य...

धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि को लेकर सीएम का कहना है, राजीव गांधी किसान न्याय योजना में प्रति एकड़ 9000 रुपए दे रहे हैं। समर्थन मूल्य बढ़ेगा तो रेट भी बढ़ जाएगा। पिछले समय 2540 पड़ा था। इस समय 2640 है। अगले साल समर्थन मूल्य में डेढ़ सौ रुपए की वृद्धि हो गई तो 2800 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास हो जाएगा।

नई उद्योग नीति का प्रभाव...

सीएम ने बताया, कांग्रेस सरकार नई उद्योग नीति लेकर आई। इससे नए उद्योग आए। भाजपा की सरकार में कितने उद्योग आए और हमारी सरकार में कितने उद्योग आए और कितने लोगों को रोजगार मिला, आप देख लें।

अपराध हुए पर अपराधी पकड़े गए...

राज्य में अपराधिक घटनाओं में वृद्धि पर सीएम ने कहा, अपराध हुए हैं। कोई इंकार नहीं कर सकता। आरोपी पकड़े भी गए हैं। पिछली सरकार में अपराधी पकड़े भी नहीं जाते थे। बैंक डकैती हो गई, कोई पकड़ा नहीं जाता था। जेल ब्रेक हो गया कोई पकड़ा नहीं गया। यह स्थिति थी। आज वह स्थिति नहीं है।

ढाई साल से कोई फर्क नहीं पड़ा

ढाई साल के कार्यकाल के कारण आउटपुट में कमी के सवाल पर सीएम कहना है कि इससे काम प्रभावित नहीं हुआ है। अब यह तो राजनीति में चलते रहता है। जो सत्ता में रहेंगे उन्हें हटाने की कोशिश होगी। परेशान करने की कोशिश होगी। उससे सरकार के कामकाज या आउटपुट में फर्क नहीं पड़ा।

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