CG में झारखंड के विधायक: सोरेन की कुर्सी पर खतरा मंडराया तो विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट करने की तैयारी, लग्जरी बसों से रवाना...

Update: 2022-08-27 09:05 GMT

रांची/रायपुर। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी पर खतरा मंडराया तो अब विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। सीएम हाउस में बैठक के बाद विधायक लग्जरी बसों में सवार होकर निकले हैं। विधायकों के साथ सीएम सोरेन का भी काफिला है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि सीएम भी छत्तीसगढ़ आएंगे या कहीं और जाएंगे।

दरअसल, सीएम सोरेन की विधानसभा की सदस्यता के संबंध में चुनाव आयोग ने अपनी सिफारिश राज्यपाल रमेश बैस को भेजी है। इसमें क्या है, यह पूरी तरह सामने नहीं आया है, क्योंकि राजभवन से कोई भी सूचना बाहर नहीं आई है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि आयोग ने सोरेन की विधायकी रद्द करने की सिफारिश की है। इससे सीधी तौर पर सीएम की कुर्सी डगमगा गई है। विशेषज्ञों का मत है कि सीएम के सदस्यता खत्म होने के बाद भी विधायक दल का निर्णय मानना होगा, लेकिन राज्यपाल का रुख स्पष्ट नहीं होने के कारण महागठबंधन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रहेगी या जाएगी, इस पर प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। यूपीए के सारे विधायकों को एकजुट रखने के लिए राज्य से बाहर शिफ्ट किया जा रहा है। इसके लिए सीएम हाउस में बैठक बुलाई गई थी। विधायकी जाने के बाद सीएम सोरेन को राज्यपाल रमेश बैस उन्हें पद से इस्तीफा देने को कह सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष को भी इसकी अधिसूचना दी जा सकती है। सोरेन ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था कि कुर्सी के भूखे हम लोग नहीं है, बस जन कल्याण के लिए एक संवैधानिक व्यवस्था के तहत हमें चलना पड़ता है। आज सीएम हाउस में यूपीए के सारे विधायकों को बुलाया गया था, जिसमें कई सांसद भी शामिल हुए। बैठक में सीएम सोरेन भी पिछली गेट से पहुंचे। इसी दौरान बैठक में शामिल होने आई कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय की गाड़ी की डिक्की खुल गई, जिसमें सूटकेस के साथ खाने-पीने का सामान था, जिससे मीडिया तक जानकारी लीक हो गई। कई और विधायक भी सूटकेस लेकर पहुंचे।

विधायकों को ले जाने के लिए तीन लग्जरी बस भी पहुंची थी, जो सीएम हाउस से विधायकों को लेकर निकल चुकी है। इसका नेतृत्व हेमंत सोरेन के भाई दुमका विधायक बसंत सोरेन कर रहे हैं। साथ में, पुलिस सुरक्षा भी है। पीछे की गाड़ी में सीएम सोरेन खुद चल रहे हैं। अब संख्या बल के हिसाब से जेएमएम पार्टी को राज्यपाल सरकार बनाने को आमंत्रित कर सकते हैं।

इसके पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बैठक में अंदर जाने से पहले कहा था कि तैयार रहने में कोई बुराई नही हैं। विधायकों को एकजुट रखने के लिए छतीसगढ़ शिफ्ट किया जा सकता है। बसें अभी खूंटी की ओर जा रही है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि सिर्फ 33 विधायक इनके पास से जा रहे हैं। 10-11 विधायकों से इनका सपंर्क अभी भी नहीं है।

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