BJP से 10 सवाल: पीसीसी अध्यक्ष ने कहा- कांग्रेस ने साढ़े तीन साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया, पीएम आवास का करें घेराव

Update: 2022-08-23 14:58 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजयुमो के आंदोलन पर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पलटवार किया है। मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने साढ़े तीन साल में पांच लाख युवाओं को रोजगार दिया है, जबकि 15 साल के शासनकाल में रमन सरकार ने या केंद्र की सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा नहीं किया। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ताओं को सीएम हाउस घेरने के बजाय पीएम हाउस का घेराव करना चाहिए। पीसीसी अध्यक्ष ने भाजपा से 10 सवाल पूछे हैं-

छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थी, तब बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत थी। कांग्रेस के राज में अभी 0.78 प्रतिशत है। देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्य में आंदोलन क्यों?

2014 में भाजपा ने हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। साढ़े आठ साल में 17 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था। भाजयुमो इसके लिये पीएम आवास का घेराव कब करेगा?

हर साल दो करोड़ रोजगार का वायदा करने वाली मोदी सरकार ने पिछले 8.5 साल में मात्र सवा सात लाख लोगों को रोजगार दिया है। इसके विपरीत भूपेश सरकार ने 3.5 साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया है। रोजगार देने का रिकार्ड मोदी सरकार का खराब है, फिर आंदोलन मोदी सरकार के खिलाफ क्यों नहीं कर रहे हैं?

2003 के विधानसभा चुनाव में हर शिक्षित बेरोजगार को 500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का वादा भाजपा ने किया था। 15 साल सरकार चलाने के बाद भी एक भी बेरोजगार को भाजपा ने बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया था। भाजपा इसके लिए भाजपा लोगों से माफी कब मांगेगी?

2003 में ही हर आदिवासी परिवार में से एक को सरकारी नौकरी देने का वायदा भाजपा ने किया था लेकिन नहीं दिया। इसके लिए भाजपा प्रायश्चित रैली कब करेगी?

2003 में ही भाजपा ने वादा किया था स्वरोजगार देने हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध देने वाली गाय देंगे। किसी भी आदिवासी को भाजपा ने 15 सालों तक गाय नहीं दिया। इस वादाखिलाफी के लिए भाजपा कब शर्मिंदगी व्यक्त करेगी?

राज्य में भाजपा के 15 साल के सरकार में युवाओं के लिए सरकारी नौकरी भर्ती बंद कर दिए थे। आउटसोर्सिंग के नाम पर सरकारी विभागों में प्रदेश के बाहर के लोगों को आधी अधूरी तनख्वाह पर ठेके पर भर्तियां की जाती थी। आज छत्तीसगढ़ में रमन के 15 साल की तुलना में सरकारी नौकरी में भर्तियों का औसत प्रतिवर्ष तिगुना से भी अधिक है फिर भी भाजपा का यह आंदोलन बेशर्मी नहीं है?

रमन राज में 15 साल तक छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी के द्वार बंद थे। आउट सोर्सिंग के माध्यम से ठेके पर भर्तियां होती थी। छत्तीसगढ़ पीएससी तब भाजपा ने युवाओं को रोजगार देने की कार्ययोजना क्यों नहीं बनाया था? ठेके की भर्ती का विरोध क्यों नहीं किया? कांग्रेस राज में तो सरकारी नौकरी में नियमित भर्तियां हो रही है।

2018 में भाजपा शासन में मात्र 18 लाख किसान धान बेचते थे। आज 2022 में 26 लाख किसान धान बेच रहे हैं तो क्या यह रोजगार में वृद्धि नहीं है? गौठानों में 13 हजार महिला समूहों की 1 लाख से अधिक महिलाओं को मिलने वाले रोजगार को भाजपा रोजगार क्यों नहीं मानती? यह रोजगार रमन राज के समय क्यों नहीं पैदा किए गए?

आने वाले तीन साल में मात्र 10 लाख रोजगार का लक्ष्य केंद्र सरकार ने रखा है। इसके विपरीत कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में पिछले पौने चार साल में 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया और आने वाले पांच साल में 15 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित कर छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया है। मोदी सरकार देश में रोजगार देने में फिसड्डी साबित हुई है। छत्तीसगढ़ भाजपा के पास इसका क्या जवाब है?

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