BJP में 50 का फॉर्मूला: अरुण साव की टीम में यंग पदाधिकारियों को जगह... गणेश चतुर्थी के बाद कभी भी ऐलान
छत्तीसगढ़ भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के बाद अब प्रदेश, जिले से लेकर मंडलों तक बदलाव की तैयारी।
रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को बदलने के बाद अब प्रदेश की कार्यकारिणी से लेकर जिले और मंडलों तक की टीम में बदलाव की तैयारी है। प्रदेश की नई टीम की घोषणा गणेश चतुर्थी को या गणेश पक्ष के दौरान हो सकती है। इसके लिए 50 का फॉर्मूला तय किया गया है। यानी भाजपा में अधिकांश चेहरे 50 साल से नीचे के होंगे। दरअसल, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव 54 साल के हैं। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल 57 साल के हैं, इसलिए नई कार्यकारिणी में 50 से कम उम्र के नेताओं को ही लिया जाएगा।
सेकंड लाइन तैयार करेंगे
भाजपा में सेकंड लाइन तैयार करने के लिए कवायद तेज हो गई है। इसी कड़ी में अरुण साव को अध्यक्ष बनाने के बाद अब यंग कार्यकर्ताओं को आगे लाने की तैयारी है। पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, पूर्व अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक आदि की भूमिका अब मार्गदर्शक की रहेगी। सबसे ताकतवर कमेटी कोर ग्रुप में इन नेताओं की रायशुमारी के बाद ही अहम रणनीतिक फैसले लिए जाएंगे।
एक साल चली पूरी प्रक्रिया
छत्तीसगढ़ भाजपा में जो बदलाव किए जा रहे हैं, उसकी रूपरेखा एक साल पहले चिंतन शिविर में रखी गई थी। पिछले साल 31 अगस्त व 1-2 सितंबर को बस्तर में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था। इस शिविर में नेताओं ने खुलकर कमियों को सामने रखा था। इसके बाद समाज के अलग-अलग वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की बात आई थी। ओबीसी वर्ग को शामिल करने के बाद अब सामान्य वर्ग को भी प्रमुख पदों पर शामिल करने की तैयारी है, जिससे सभी को प्रतिनिधित्व दिया जा सके।
पुरंदेश्वरी-नितिन की फीडबैक
बदलाव में बड़ी भूमिका छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नबीन की भी रही। दरअसल, कार्यकर्ताओं की ओर से संगठन को लगातार यह फीडबैक दिया गया कि 15 साल तक जिन चेहरों ने राज किया, उन्हें रिपीट करने के बजाय नए लोगों को मौका दिया जाए। 2018 में हार के पीछे यह भी बड़ी वजह थी। प्रभारी ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखी, जिसके बाद फैसला लिया गया।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं की भूमिका
अरुण साव एबीवीपी के कार्यकर्ता रहे हैं। वे मुंगेली ईकाई के अध्यक्ष रहे। इसके बाद बिलासपुर विभाग और संभाग प्रमुख, प्रांत सहमंत्री व राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य की जिम्मेदारी निभाई। अब उनकी टीम में एबीवीपी से जुड़े कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा, जो अभी भाजपा में सक्रिय हैं। आरएसएस के भी पदाधिकारियों की फीडबैक के आधार पर भी पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
युवा मोर्चा के लिए सबसे ज्यादा जोड़-तोड़
भाजपा में युवा मोर्चा के लिए सबसे ज्यादा जोड़ तोड़ की स्थिति है। प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के लिए ओबीसी को मौका देने के बाद युवा मोर्चा बड़ा प्रोफाइल है। इस पर आदिवासी या सामान्य वर्ग को मौका दिया जा सकता है। इनमें जिन नामों पर बात हो रही है, उसमें आदिवासी वर्ग से रवि भगत, भूपेंद्र नाग, सामान्य वर्ग से प्रखर मिश्रा, रितेश गुप्ता और ओबीसी से गुंजन प्रजापति शामिल हैं। पूर्व आईएएस व प्रदेश मंत्री ओपी चौधरी के नाम के भी कयास लगाए जा रहे हैं।