CG भूख से मौत : पहाड़ी कोरवा परिवार की सामूहिक आत्महत्या के मुद्दे पर राज्यपाल से मिले भाजपा के सांसद-विधायक, कहा – 20 साल पीछे चला गया छत्तीसगढ़

Update: 2023-04-10 07:41 GMT

रायपुर. छत्तीसगढ़ के जशपुर में पहाड़ी कोरवा परिवार की सामूहिक आत्महत्या के मामले में भाजपा के सांसद-विधायकों ने सोमवार को राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन से भेंट की और उच्च स्तरीय जांच की मांग की. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपकर नेताओं ने कहा कि पहाड़ी कोरवा परिवार की भूख से मौत हुई थी. इस मामले में अब राज्य शासन-प्रशासन की ओर से सामूहिक आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है.

जशपुर जिले के बगीचा ब्लॉक के सामरबार गांव में 2 अप्रैल को पहाड़ी कोरवा के परिवार के चार लोगों की फंदे से लटकती हुई लाश मिली थी. इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साव ने जांच समिति बनाई थी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, वरिष्ठ आदिवासी नेता रामविचार नेताम, कृष्णकुमार राय, सरगुजा संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव, सुनील गुप्ता और रायमुनि भगत थे. जांच समिति ने 7 अप्रैल को सामरबार गांव का दौरा किया था.

भाजपा की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि फरवरी महीने से पहाड़ी कोरवा परिवार को केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले अतिरिक्त चावल का आबंटन नहीं किया गया है. पीएम आवास स्वीकृत होने के बाद आवास नहीं मिला. गांव में पीने का पानी उपलब्ध नहीं है. डेढ़ किलोमीटर दूर एक हैंडपंप से पीने का पानी पीते हैं. जल जीवन मिशन के अंतर्गत पानी की व्यवस्था नहीं की गई है. पहाड़ी कोरवा परिवार की सामूहिक आत्महत्या के पीछे भूख और गरीबी ही कारण है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ 20 साल पीछे चला गया है.


राज्यपाल से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष साव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व विधानसभा स्पीकर धरमलाल कौशिक, वरिष्ठ आदिवासी नेता रामविचार नेताम, सांसद सुनील सोनी, विधायक पुन्नूलाल मोहले, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, केदार कश्यप, संजय श्रीवास्तव, विकास मरकाम आदि मौजूद थे.



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