CG News: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को CM भूपेश की बड़ी सौगात, 5000 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण, वार्षिक आय की सीमा और ऋण की सीमा को बढ़ाया गया
रायपुर। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आभार सम्मेलन में पहुंचे सीएम भूपेश ने कई बड़ी घोषणाएं की। आभार सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश ने 500 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा,हमारी बहनें जहां भी मिलती थीं कहती थीं कि एक कार्यक्रम कराइए, हम सब आपको धन्यवाद देना चाहते हैं। आज साइंस कालेज मैदान में हजारों की तादाद में आई हैं, मैं आज आपका आभार व्यक्त करता हूं।
आप इतनी अधिक संख्या में आई हैं, उसके लिए मैं आपका आभारी हूं। आपने बिना कोई संकोच के जिन परिस्थितियों में काम किया है, उसके लिए मैं आपका अभिनंदन करता हूं। आपने सरकार के प्रति जो आभार प्रकट किया, ये आभार हमारा नहीं बल्कि मैं आप सभी को पौने तीन करोड़ जनता की ओर से मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं। आपका काम मानवता की सेवा है और इससे बड़ा कोई धर्म नहीं है।
पूरे देश में अकेला छत्तीसगढ़ है जहां सरकार ने निर्णय लिया कि मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हाथ में कोरोना किट में पहुंचाया। आठ दिन के भीतर ही कोरोना नियंत्रित होना शुरू हो गया। कोरोना काल में ऐसा कोई वर्ग नहीं है जिससे मैने बात नहीं की है, आप लोगों ने साहस व धैर्य के साथ जो काम किया है उसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं।
हमारी बहनें जहां भी मिलती थीं कहती थीं कि एक कार्यक्रम कराइए, हम सब आपको धन्यवाद देना चाहते हैं। आज साइंस कालेज मैदान में हजारों की तादाद में आई हैं, मैं आज आपका आभार व्यक्त करता हूं। आप इतनी अधिक संख्या में आई हैं, उसके लिए मैं आपका आभारी हूं। आपने बिना कोई संकोच के जिन परिस्थितियों में काम किया है, उसके लिए मैं आपका अभिनंदन करता हूं।
आपने सरकार के प्रति जो आभार प्रकट किया, ये आभार हमारा नहीं बल्कि मैं आप सभी को पौने तीन करोड़ जनता की ओर से मितानित और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं। आपका काम मानवता की सेवा है और इससे बड़ा कोई धर्म नहीं है।
पूरे देश में अकेला छत्तीसगढ़ है जहां सरकार ने निर्णय लिया कि मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हाथ में कोरोना किट में पहुंचाया। आठ दिन के भीतर ही कोरोना नियंत्रित होना शुरू हो गया। कोरोना काल में ऐसा कोई वर्ग नहीं है जिससे मैने बात नहीं की है, आप लोगों ने साहस व धैर्य के साथ जो काम किया है उसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं।
हमारी बहनों की वजह से कुपोषण 37 फीसदी से घटकर 31 फीसदी हो गया है। प्रारंक्षिक शिक्षा और प्रारंभिक स्वास्थ्य एक बड़ी चुनौती है जिसमें आप बहनों के सहयोग की अपेक्षा होगी। जिस प्रकार से कुपोषण के खिलाफ आपने लड़ाई लड़ी उसी प्रकार से हमने मलेरिया के खिलाफ संघर्ष किया है। छत्तीसगढ़ में कभी लिंग भेद नहीं रहा और केरल के बाद हमारा प्रदेश दूसरे स्थान पर है। यहां कभी भी बेटियों को बोझ नहीं समझा गया, आज महिलाएं घर की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में लगी हुई हैं।
हमने शासकीय कर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया है, श्रमिकों को भी 7000 सालाना देने की शुरूआत की है। बेरोजगार साथियों को हम 2500 रूपए प्रतिमाह दे रहे हैं, मई दिवस पर हमने श्रमिकों के लिए बड़े फैसले लिए हैं। श्रमिक, शासकीय कर्मचारी, किसान व बहनों के सम्मान में हमने कोई कसर नहीं छोड़ा है।