अब बाबा गुरु घासीदास धाम कहिए: गिरौदपुरी और सोनाखान का बदलेगा नाम... सीएम ने दिए निर्देश...जानें अब क्या कहेंगे

Update: 2022-08-01 11:02 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध स्थल चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम अब बदल जाएगा। सीएम भूपेश बघेल ने इस पर सहमति दे दी है।

अब चंदखुरी का नाम माता कौशल्या धाम चंदखुरी होगा। चंदखुरी में विश्व का एकमात्र कौशल्या मंदिर है। यह श्रीराम वनपथ गमन पर्यटन परिपथ में भी शामिल है। इसी तरह गिरौदपुरी का नाम बाबा गुरू घासीदास धाम गिरौदपुरी होगा। गिरौदपुरी सतनाम पंथ के अनुयायियों की आस्था का बड़ा केन्द्र है। साथ ही, सोनाखान का नाम शहीद वीरनारायण सिंह धाम सोनाखान होगा। सोनाखान 1857 की क्रांति में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीरनारायण सिंह की जन्मस्थली है। राजपत्र में तीनों नए नामों का जल्द प्रकाशन होगा। बता दें कि जनप्रतिनिधियों ने सीएम से मिलकर इस संबंध में मांग रखी थी।


बता दें कि संसदीय सचिव चंद्रदेव राय, गुरूदयाल सिंह बंजारे, इंद्रशाह मंडावी, यूडी मिंज तथा विधायक बृहस्पत सिंह, गुलाब सिंह कमरो और डॉ. विनय जायसवाल ने सोमवार को मुख्यमंत्री से जनभावनाओं के अनुरूप गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने का आग्रह करते हुए इस संबंध में अपना पत्र सौंपा था। छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री डॉ. महंत रामसुंदर दास ने भी जनआस्था को देखते हुए हरेली के दिन 28 जुलाई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चंदखुरी का नाम माता कौशल्याधाम चंदखुरी करने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने इन मांगों पर त्वरित निर्णय लेते हुए इन स्थानों के नए नामकरण के निर्देश दिए हैं।


रायपुर से लगे चंदखुरी में विश्व का इकलौता कौशल्या मंदिर है। वहां माता कौशल्या के साथ भगवान श्रीराम अपने बालरूप में विराजे हैं। छत्तीसगढ़ को माता कौशल्या का मायका और श्रीराम का ननिहाल माना जाता है। राज्य शासन ने देश-प्रदेश के लाखों लोगों के श्रद्धा के केंद्र चंदखुरी को श्रीराम वन गमन पर्यटन परिपथ में शामिल कर वहां तालाब के बीच स्थित माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार और तालाब का सौंदर्यीकरण कराया है। तालाब के पास ही भगवान श्रीराम की विशालकाय प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में स्थित गिरौदपुरी सतनाम पंथ के लाखों अनुयायियों की आस्था का केंद्र है। यह बाबा गुरू घासीदास की जन्मस्थली और तपोभूमि है। सतनाम समाज और स्थानीय लोग लंबे समय से गिरौदपुरी को बाबा गुरू घासीदास धाम गिरौदपुरी के नाम से प्रतिष्ठित करने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने आज उनकी यह बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर दी है।

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में ही स्थित सोनाखान 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीरनारायण सिंह के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तारी के बाद 10 दिसम्बर 1857 को उन्हें रायपुर के जयस्तंभ चौक में फांसी दे दी गई थी। सोनाखान में जन्मे बिंझवार जनजाति के शहीद वीरनारायण सिंह की वीरता और गरीबों के लिए संघर्ष को अक्षुण्य रखने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि लंबे समय से सोनाखान का नाम उनके नाम से जोड़ने की मांग कर रहे थे। सोनाखान के शहीद वीरनारायण सिंह धाम सोनाखान के रूप में नए नामकरण से क्षेत्रवासियों और जनजाति समाज की पुरानी मांग पूरी हो रही है।

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