2121 गांवों में सिमटे नक्सली : नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की स्थिति में सुरक्षा बल, 589 गांवों को मुक्त कराया

चार साल में 314 बंद स्कूलों में फिर से पढ़ाई शुरू। नक्सलियों के डर के कारण बंद हो गया था इन स्कूलों का संचालन।

Update: 2023-01-12 09:47 GMT

NPG.News @ रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में पुलिस और सुरक्षा बलों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नए कैम्प स्थापित करने और लगातार ऑपरेशन के बाद नक्सली अब 2121 गांवों में सिमट गए हैं, जबकि पिछले चार सालों में 589 गांवों को नक्सलियों से मुक्त कराया गया है। नक्सल प्रभाव वाले अधिकांश गांव सुकमा और बीजापुर जिले के हैं, जो महाराष्ट्र और ओडिशा की सीमा से लगे हुए हैं। यहां नई रणनीति और कार्ययोजना के साथ पुलिस आगे बढ़ रही है।

हाल ही में छत्तीसगढ़ दौरे पर आए गृहमंत्री अमित शाह ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नक्सलवाद को खत्म करने की कोशिश का दावा किया। बस्तर पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस दिशा में तेजी से छत्तीसगढ़ पुलिस और अर्द्ध सैनिक बल जुटे हुए हैं। आदिवासी बहुल बस्तर में कुछ साल पहले तक जहां जनताना सरकार बनाने के लिए नक्सली अपने क्षेत्रों का विस्तार कर रहे थे, वहीं अब तेजी से इसमें कमी आ रही है। 2019 की स्थिति में बस्तर संभाग के 2710 गांवों में सीधे तौर पर नक्सलियों का कब्जा था।

नक्सलियों का प्रभाव क्षेत्र होने के कारण वहां रहने वाले आदिवासी भी नक्सलियों की मदद करने के लिए मजबूर थे। दुर्गम जंगल और पहाड़ियों में बसे इन गांवों तक पुलिस और सुरक्षा बलों की पहुंच काफी मुश्किल थी। सर्च और ऑपरेशन के लिए जवानों को घंटों पैदल चलना पड़ता। इन परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्र व राज्य सरकार की मदद से नए कैम्प स्थापित किए गए। पिछले चार साल में 54 नए सुरक्षा कैम्प और थाने खोले गए हैं। 2022 में रिकॉर्ड 18 कैम्प खोले गए। कैम्प खोलने के लिए उन स्थानों का चयन किया गया, जिसे नक्सली कॉरिडोर की तरह इस्तेमाल करते थे।

बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी दी। उनके साथ केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल और पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

314 बंद स्कूलें फिर से शुरू

अपने प्रभाव वाले गांवों में नक्सली स्कूलों को बम से उड़ा देते थे या शिक्षकों को परेशान करते थे। इन कारणों से बड़ी संख्या में स्कूलों को बंद कर दिया गया था। पिछले चार सालों में पुलिस ने नए कैम्प के जरिये नक्सलियों को पीछे धकेला और बंद स्कूलों को फिर से चालू कराया गया। अब तक 314 स्कूल फिर से चालू कराए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा स्कूल बीजापुर के हैं। बीजापुर में 186 बंद स्कूलों का फिर से संचालन शुरू किया गया है। इसी तरह सुकमा में 123, नारायणपुर में चार और दंतेवाड़ा में एक स्कूल का संचालन फिर से शुरू किया गया है।

शिक्षा के साथ बिजली की रौशनी

सुरक्षा बलों की मदद से शिक्षा के साथ ही बिजली की रौशनी पहुंचाने में भी बड़ी मदद मिली है। 197 दूरस्थ गांव में विद्युतीकरण शुरू किया गया है। इन गांवों में बिजली कंपनी के साथ-साथ सोलर पैनल के जरिए भी बिजली पहुंचाई जा रही है। अब गांव के लोग भी विकास कार्यों में पुलिस की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। दरअसल, पुलिस व सुरक्षा कैम्पों को ही इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट के लिए चुना गया है। कैम्प में शिक्षा, स्वास्थ्य, पीडीएस, बिजली, बैंक, आंगनबाड़ी केंद्र और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। इससे गांव के लोग जुड़ रहे हैं।

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