CG Liquor Price: जानिये शराब कब होगी सस्ती! छत्तीसगढ़ में अब ब्रांड तो सभी मिलेंगे मगर रेट पड़ोसी राज्यों से महंगा ही रहेगा...

CG Liquor Price: छत्तीसगढ़ में 5 साल बाद अब सभी ब्रांडों की शराब उपलब्ध होने की शुरूआत हो गई है। हफ्ते भर में लगभग सभी ब्रांड की शराब मिलने लगेंगी। पता चला है, ब्रांडेड शराब की 20 लाख पेटी छत्तीसगढ़ पहुंच गई है।

Update: 2024-09-11 07:57 GMT

CG Liquor Price: रायपुर। छत्तीसगढ़ के मदिरा प्रेमियों के लिए खुशखबरी है कि अब यहां उनकी पंसदीदा सभी ब्रांडों की शराब मिलने लगी है। कई दुकानों में ब्रांडेड शराब पहुंच गई है। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चार-पांच दिन में सभी ब्रांड के बीयर, व्हीस्की, स्कॉच, रम उपलब्ध हो जाएंगे। ब्रेवरेज कारपोरेशन ने ब्रांडेड अंग्रेजी शराब के लिए 34 कंपनियों से एग्रीमेंट किया है। 20 लाख पेटी शराब ब्रेवरेज कारपोरेशन में पहुंच गई है। दुकानों में इसकी वितरण भी प्रारंभ हो गई है।

रेट कम नहीं

पिछली सरकार ने शराब में लायसेंसी सिस्टम लागू किया था। इसमें बिचौलियों के जरिये शराब खरीदी जा रही थी। और जब बिचौलिये शराब बेचेंगे तो अपना मोटा कमीशन निकालेंगे ही। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, और उड़ीसा से 30 से 40 प्रतिशत महंगी शराब बेची जाने लगी। जबकि, बीजेपी सरकार में 2018 तक इन पड़ोसी राज्यों के बराबर ही मदिरा का रेट था। पिछले पांच साल में रेट बढ़ने से छत्तीसगढ़ को शराब से मिलने वाला राजस्व भी अपेक्षाकृत कम हुआ क्योंकि बीयर-बार के साथ ही बड़ी पार्टियों के लिए पड़ोसी राज्यों से शराब मंगाई जाने लगी। अब जबकि, शराब की व्यवस्था बदल गई है। लायसेंसी सिस्टम खतम होने के बाद अब ब्रेवरेज कारपोरेशन शराब की खरीदी कर रहा है। मगर रेट यथावत ही रहेगा। याने मार्केट में अब मनमाफिक ब्रांड मिल जाएंगे मगर रेट महंगा ही रहेगा। जानकारों का कहना है कि इससे पड़ोसी राज्यों से शराब की आवक बनी रहेगी। क्योंकि, बीयर-बार वाले 40 फीसदी महंगी दर से छत्तीसगढ़ से शराब क्यों खरीदेंगे।

मार्च से सस्ती?

शराब का सिस्टम बदलने के बाद पड़ोसी राज्यों के बराबर रेट होने के लिए मार्च तक की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। चर्चा है कि इस वित्तीय वर्ष का लभगग आधा समय निकल गया है। इसलिए सरकार अभी रेट कम नहीं करना चाहती। मार्च में जब पूरे एक साल के लिए सप्लाई का कंट्रेक्ट होगा, उस समय रेट पर विचार किया जाएगा।

अब शिकायत नहीं

छत्तीसगढ़ के मदिरा प्रेमियों को अब इस बात का इल्म नहीं रहेगा उनके राज्य में पसंदीदा ब्रांड की शराब नहीं मिलती। उच्चे ब्रांड वालों को बाहर से अपनी पसंद के ब्रांड मंगाने पड़ते थे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लायसेंसी सिस्टम खतम करने के बाद शराब प्रेमियों को ब्रांडों की दिक्कत नहीं आएगी। जाहिर है, छत्तीसगढ़ के मदिरा प्रेमियों को पिछले पांच साल बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

हायर ब्रांड गायब

इससे पहले स्थिति ये थी कि बाजार से मीडिल और हायर रेंज की शराब गायब थी। दुकान में जाओ तो कोई च्वाइस नहीं। देसी में तो चल जाता था मगर अंग्रेजी में लो स्टैंडर्ड की शराब मिलती थी। वो भी दूसरे राज्यों से 30 से 40 परसेंट अधिक दरों पर। पहुंच वाले बड़े लोग नागपुर या मध्यप्रदेश के सीमाई शहरों से पसंदीदा शराब मंगा लेते थे मगर मीडिल और लोवर क्लास को मन मारकर लोकल सप्लाई पर ही निर्भर रहना पड़ता था। दरअसल, पिछली सरकार ने नियम बदलकर एफएल-10 लागू कर दिया था। याने शराब खरीदी का काम लायसेंसी सिस्टम के तहत बिचौलियों को दे दिया गया था। और बिचौलिया वही माल यहां सप्लाई करते थे, जिसमें उन्हें मोटा कमीशन मिलता था। शराब पर अभी भी विदेशी कंपनियों का वर्चस्व है और लोगों को डिमांड भी विदेशी कंपनियों को रहती है। और विदेशी कंपनियों कमीशन देती नहीं। इसलिए, लोकल कंपनियों ने बिचौलियों को मुंहमांगा पैसा देकर छत्तीसगढ़ में अपना मोनोपल्ली कायम कर लिया था।

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