CG High Court असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती बाधित: शर्तों को पूरा नहीं करने के बावजूद चयन के मामले में हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, नोटिस जारी
छत्तीसगढ़ पीएससी ने सहायक प्राध्यापक (नेत्र रोग) की सीधी भर्ती के लिए जारी किया था आवेदन
बिलासपुर, 25 मई 2022। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक (नेत्र रोग) की नियुक्ति के हाईकोर्ट के अंतिम फैसले से बाधित रहेगी। इस मामले में हाईकोर्ट ने निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं करने के बावजूद चयन के मामले में संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है।
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने फरवरी 2022 में सहायक प्राध्यापक पदों पर भर्ती के लिए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सा शिक्षा विभाग के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस पर दुर्ग की डॉ. विनन्ती मोतीराम कानगले और बिलासपुर की डॉ. प्रभा सोनवानी ने भी आवेदन किया था। विज्ञापन की कंडिका 3 के अनुसार किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज में संबंधित विषय में जूनियर रेजीडेंट 3 वर्ष और किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज में संबंधित विषय में सीनियर रेजीडेंट के रूप में एक वर्ष और अनुसूची 1 के खंड 4 के अनुसार एमडी/एमएस के समतुल्य माने गए डी एवं बी या डीएनबी प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त कार्य अनुभव के अलावा किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज में संबंधित विषय में सीनियर रेजीडेंट के रूप में एक वर्ष निर्धारित किया गया था।
डॉ. प्रभा सोनवानी ने सहायक प्राध्यापक नेत्र रोग के पद पर योग्यता धारी होने के कारण आवेदन प्रस्तुत किया, जिस पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयुक्त द्वारा अंतिम चयन सूची जारी की गई। इसमें डॉ. विनन्ती का चयन किया गया। डॉ. प्रभा का नाम अनुपूरक सूची में रखा गया।
इससे क्षुब्ध होकर डॉ. प्रभा ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के जरिए याचिका लगाई। याचिका में मुख्य आधार यह लिया गया कि डॉ. विनन्ती न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तीन वर्ष के अध्यापन अनुभव या डीएनबी प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त कार्य अनुभव के अलावा किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज में संबंधित विषय में सीनियर रेजीडेंट के रूप में एक वर्ष को पूरा नहीं करती। महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर के द्वारा एक सूची तैयार की गई, जिसमें उन डॉक्टरों का नाम था, जिन्होंने न ही प्रारंभिक चिकित्सा सेवा पूरी की थी, ना ही बांड अमाउंट जमा किया था। इस कारण विभाग द्वारा निलंबन की कार्यवाही की अनुशंसा की गई थी।
इसके अलावा डॉ. विनन्ती महाराष्ट्र की निवासी होते हुए और 2016 में शादी के बाद छत्तीसगढ़ राज्य का निवासी प्रमाण पत्र द्वारा आयु सीमा में छूट का लाभ ले रही हैं, जिसका प्रावधान नहीं है। इसमें हाईकोर्ट के जस्टिस पी. सैम कोशी ने इस याचिका की सुनवाई करते हुए उत्तरवादीगण को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। डॉ. विनन्ती की नियुक्ति हाईकोर्ट के अंतिम आदेश से बाधित रहने का आदेश पारित किया गया है।