CG Assembly Elections 2023: पहले चरण में ज्‍यादा वोटिंग से किसे फायदा: पढ़‍िए... वोटिंग ट्रेंड के आधार पर रिजल्‍ट का अनुमान

CG Assembly Elections 2023: छत्‍तीसगढ़ में पहले चरण में 20 सीटों पर मतदान हो चुका है। ज्‍यादातर सीटों पर पिछले 4 चुनावों की तुलना में इस बार ज्‍यादा वोटिंग हुई है। सियसी गलियारों से लेकर चौक-चौराहों की बैठक में वोटिंग के आधार पर हार-जीत को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।

Update: 2023-11-09 08:11 GMT

CG Assembly Elections 2023: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में मतदान को लेकर इस बार खासा उत्‍साह देखा जा रहा है। पहले चरण की 20 सीटों पर 7 नवंबर को 78 प्रतिशत मतदान हुआ है। बस्‍तर की सभी सहित कुल 16 सीटों पर पिछले चुनावें की तुलना में इस बार अधिक वोटिंग हुई है। 4 सीटों पर 2018 की अपेक्षा कम मतदान हुआ है। इन 4 सीटों में कबीरधाम जिला की दोनों सीट पंडरिया और कवर्धा के साथ खैरागढ़- छुईखदान जिला की खैरागढ़ सीट और राजनांदगांव जिला की खुज्‍जी सीट शामिल है। बस्‍तर संभाग की सभी 12 सीटों पर इस बार रिकार्ड तोड़ वोटिंग हुई है।

वोटिंग के इस ट्रेंड का किस पार्टी को फायदा और किसको नुकसान होगा, इसको लेकर आंकलन का दौर शुरू हो चुका है। कुछ सियासी पंडित कह रहे हैं कि अधिक वोटिंग का सत्‍तारुढ़ पार्टी को फायदा होता है। वहीं, दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि अधिक वोटिंग का मतलब बदलाव है। हालांकि वोटिंग के आंकड़ों के आधार पर इस तरह का कोई ट्रेंड नजर नहीं आ रहा है। राज्‍य बनने के बाद से अब तक हुए चुनावों में लगभग हर बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है। कुछ सीटों पर कम वोटिंग के बावजूद दोनों तरफ से प्रत्‍याशी चुने गए हैं।

छत्‍तीसगढ़ अलग राज्‍य बनने के बाद पहली बार 2003 में विधानसभा का चुनाव हुआ था। इसके बाद राज्य में सत्‍ता बदल गई थी। इसके बाद 2008 में हुए दूसरे चुनाव में 2003 की तुलना में ज्‍यादातर सीटों पर मतदान कम हुआ। इसके बावजूद सत्‍तारुढ़ पार्टी को फायदा हुआ। 2013 में हुए चुनाव में पहले चरण की इन 20 सीटों पर जमकर वोटिंग हुई। 2003 और 2008 की तुलना में कई सीटों पर वोटिंग हाई रहा, लेकिन सत्‍ता पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। 2018 में फिर अधिक वोटिंग हुई और इस बार विपक्षी पार्टी को फायदा हुआ। इस पर हाई वोटिंग का किसे कितने फायदा हुआ है यह 3 दिसंबर को ईवीएम मशीनों के खुलने के बाद पता चलेगा।


इधर, जीत को लेकर कांग्रेस और भाजपा के अपने- अपने दावे

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि प्रथम चरण में भाजपा का खाता भी नहीं खुलेगा। बस्तर की 12 सीटें एक बार फिर से कांग्रेस जीत रही है। इस बार रमन सिंह भी राजनांदगांव से चुनाव हार रहे है। पहले चरण की सभी 20 सीटों पर कांग्रेस जीत रही है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र के अधिकांश वायदो को निभाया है, जनता का भरोसा 5 सालों में कांग्रेस के प्रति और बढ़ा है। यही कारण है कि जनता ने एक बार फिर कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है। कांग्रेस ने उत्साहपूर्वक मतदान करने के लिये मतदाताओं का आभार जताया है।

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि भाजपा का इंटरनल फीडबैक सिस्टम का सर्वे बता रहा है पहले चरण के नतीजे भाजपा के लिए बेहद उत्साहजनक होने जा रहे हैं लोगों ने बढ़ चढ़कर भाजपा के पक्ष में ही वोट किया है। पहले चरण की 20 सीटों में भाजपा के पक्ष में 15 से 18 सीटे आ रही है यह बीजेपी का इंटरनल सर्वे और उसका फीडबैक बता रहा है। डॉ. रमन ने मीडिया से कहा कि मैं आप सभी को यह नई जानकारी दे रहा हूं कि कांग्रेस के 3 मंत्री और उनके प्रदेश अध्यक्ष भी इस चुनाव में अपनी सीट नहीं बचा पा रहे हैं और बुरी तरह चुनाव हार रहे हैं।

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