CG अफसर को सस्पेंशन से राहत देने मंत्री तैयार नहीं, सचिव की नोटशीट लौटाई, NPG से बोले स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे...
CG स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने आज NPG News से कहा कि शिक्षक ट्रांसफर घोटाले में किसी को नहीं बख्शा जाएगा। ऐसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी कि आने वाले समय में इस तरह के भ्रष्टाचार करने से पहले लोग दस बार सोचें।
रायपुर। स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने बस्तर के प्रभारी ज्वाइंट डायरेक्टर एचआर सोम को सस्पेंशन से राहत देने से इंकार कर दिया है। सोम को सस्पेंशन पर पुनर्विचार करने सचिव ने मंत्री को नोटशीट भेजी थी। मंत्री ने इस पर चर्चा लिख नोटशीट लौटा दी है। चर्चा का मतलब यह होता है कि मंत्री ने इसे खारिज नहीं किया है मगर इसके लिए वे तैयार भी नहीं हैं। वे सचिव से बात करेंगे कि क्यों दागी ज्वाइंट डायरेक्टर को सस्पेंड न करने की सिफारिश की जा रही है। जबकि, पहले सोम को सस्पेंड करने की नोटशीट विभाग ने ही चलाई थी। मंत्री रविंद्र चौबे ने सोम को सस्पेंंड करने लिखा था। मगर विभाग ने अभी तक मंत्री के नोट पर कोई एक्शन नहीं लिया है। उधर, स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने आज एनपीजी न्यूज से कहा कि शिक्षक ट्रांसफर घोटाले में किसी को नहीं बख्शा जाएगा। ऐसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी कि आने वाले समय में इस तरह के भ्रष्टाचार करने से पहले लोग दस बार सोचें। बस्तर के जेडी एचआर सोम के मामले पर बोले...कोई मरौव्वत बरतने का सवाल ही नहीं उठता।
कमाल की खबरः मंत्री ने जिस डीईओ को निलंबित किया, उसे प्रमोशन देकर ज्वाइंट डायरेक्टर बना दिया गया
रायपुर। शिक्षक ट्रांसफर घोटाले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2713 शिक्षकों का ट्रांसफर निरस्त कर दिया। सूबे के पाचों कमिश्नरों की जांच रिपार्ट पर स्कूल शिक्षा विभाग ने ये कार्रवाई की है। इस प्रकरण में ताज्जुब का विषय यह है कि गलत ढंग से ट्रांसफर कराए शिक्षक निबट गए मगर जिसने ट्रांसफर किया, उस जिला शिक्षा अधिकारी का बाल बांका नहीं हुआ। बल्कि उसे प्रमोशन देकर प्रभारी ज्वाइंट डायरेक्टर बना दिया गया।
यह मामला बड़े मियां तो बड़े मियां...छोटे मियां शुभांअल्लाह की तरह का है। सहायक शिक्षकों का शिक्षक पद पर प्रमोशन देने के बाद ज्वाइंट डायरेक्टरों ने मोटी राशि लेकर नियम विरूद्ध ट्रांसफर कर दिया। जबकि, ज्वाइंट डायरेक्टर को इसका अधिकार ही नहीं है। ट्रांसफर पर प्रतिबंध लगा है, इसलिए बिनास मुख्यमंत्री के अनुमोदन के ट्रांसफर नहीं हो सकता। लेकिन, ज्वाइंट डायरेक्टरों ने इतना बड़ा खेला किया कि पूरा स्कूल शिक्षा विभाग हिल गया। आलम तो यह हो गया कि ज्वाइंट डायरेक्टरों ने किया तो किया ही, कई डीईओ भी बहती गंगा में डूबकी लगा लिए। इनमें जांजगीर के डीईओ एचआर सोम भी शामिल हैं। जांगजीर बिलासपुर संभाग में आता है। बिलासपुर जेडी की देखादेखी डीईओ ने भी बड़ी संख्या में शिक्षकों की पोस्टिंग बदल दी।
अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि डीईओ की करतूत का पता चलने पर उसके निलंबन की फाइल तत्कालीन मंत्री प्रेमसाय सिंह को भेजी गई। इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री चेंज हो गए। रविंद्र चौबे को यह विभाग मिल गया। डीईओ एचआर सोम की फाइल प्रेमसाय सिंह के यहां से देरी से आई, उससे पहले रविंद्र चौबे ने पांच में चार ज्वाइंट डायरेक्टरों को सस्पेंड कर दिया। उनकी जगह पर जिन्हें प्रभारी ज्वाइंट डायरेक्टर बनाकर भेजा गया, उनमें एचआर सोम का भी नाम था। सोम को बस्तर का प्रभारी जेडी अपाइंट कर दिया गया। प्रभारी जेडी की नियुक्ति के बाद सोम की फाइल प्रेमसाय सिंह के यहां से नए मंत्री रविंद्र चौबे के यहां पहुंची। उन्होंने गंभीर मामला समझते हुए सोम को सस्पेंड कर दिया। सस्पेंशन की फाइल जब मंत्रालय पहुंची तो अफसरों के होश उड़ गए।
सवाल यह उठता है कि सोम को जब निलंबित करने की नोटशीट मंत्री के यहां भेजी गई थी तो प्रभारी जेडी बनाने के लिए उनके नाम का प्रस्ताव कैसे भेज दिया गया। स्कूल शिक्षा विभाग अब इस घनचक्कर में फंस गया है कि सोम को प्रभारी जेडी बना दिया गया है तो उसे निलंबित कैसे किया जाए। इस वजह से मंत्री की नोटशीट पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।