CEO गिरफ्तार: फर्जी शादियां कराने का आरोप... मंत्री के हैं रिश्तेदार, ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई करते हुए तीन को पकड़ा

Update: 2022-02-03 11:58 GMT

भोपाल 3 फरवरी 2022। मध्य प्रदेश की ईओडब्ल्यू ने विदिशा जिले की सिरोंज जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ शोभित त्रिपाठी सहित तीन को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने पूर्व की शादियों और जिनकी शादी नहीं हुई, उनके नाम पर सरकारी योजनाओं का करोड़ों रुपए निकालकर सरकारी राशि को हजम कर लिया था। इस शिकायत के बाद त्रिपाठी को 4 जनवरी को सस्पेंड कर दिया गया था। आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने आज इनकी गिरफ्तारी की। शोभित त्रिपाठी राज्य सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव के रिश्तेदार बताए जाते हैं।

दरअसल, सिरोंज जनपद में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आरोपियों की मिलीभगत से कई गलत शादियों की राशि निकाली गई। कई ऐसे लोगों के नाम इस योजना की राशि निकाली गई जिन्हें यह पता ही नहीं चला कि उनके नाम पर योजना लाभ लेकर सरकारी राशि निकाल ली गई। इन लोगों के खातों में राशि भेजे जाने की जगह आरोपियों ने दूसरे खातों में राशि जमा करा ली। ऐसे लोगों के नाम को भी योजना मेंं भी शामिल किया जिनकी पूर्व में शादियां हो चुकी थीं। कोविड महामारी की पहली और दूसरी लहर में जब कम शादियां हुईं थीं तब इन लोगों ने छह हजार की संख्या में सरकारी योजना का लाभ देना बताकर उनके नाम की राशि निकाली। यह मामला सिरोंज के विधायक उमाकांत शर्मा के विधानसभा में उठाए जाने पर सामने आया था जिसमें विधानसभा अध्यक्ष गिरोश गौतम ने भी आर्श्चय व्यक्त किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभागों की समीक्षा के दौरान शोभित त्रिपाठी को निलंबित करने के आदेश दिए थे। 

EOW ने अपनी जांच में पाया कि ये घोटाल लॉकडाउन के दौरान किया गया। कोविड महामारी के कारण जब पूरे प्रदेश में लॉकडाउन था और शादियों पर प्रतिबंध था तब उस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिरोंज रहते हुए शोभित त्रिपाठी ने कथित रूप से 14 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के बीच लगभग 3500 हितग्राहियों को विवाह सहायता योजना के नाम पर 18 करोड़ 52 लाख 32 हजार रुपए बांट दिये। भाजपा के विधायक उमाकांत शर्मा ने यह मामला विधानसभा में उठाया था और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने ही इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। ईओडब्ल्यू ने इस मामले की जांच की और शोभित को दोषी पाया। सिरोंज वाले मामले में शोभित त्रिपाठी के साथ ही दो अन्य अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया है। 

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