Burning car in Bilaspur: तीन नहीं 2 युवती सहित 4 की जिंदा जलकर हुई मौत, जा रहे थे पार्टी करने रिसोर्ट, घड़ी चैन और कड़े से हुई पहचान...

Update: 2023-01-23 13:11 GMT

बिलासपुर। बिलासपुर के रतनपुर में हुए कार एक्सीडेंट और जिंदा जलकर मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पीएम रिपोर्ट में चार लोगों के जलकर मौत होने की पुष्टि हुई है। मृतकों में दो युवक और दो युवती शामिल है। चारों पार्टी करने के लिए निकले थे। इस दौरान उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। घटना के बाद कार के भीषण आग लग गई और कार सवार सभी चारों की जिंदा जलकर मौत हो गई। घटना रतनपुर थाना क्षेत्र के बेलगहना के ग्राम पोंडी और खैरा के बीच की है।

पुलिस ने शवों के पोस्टमार्टम व फॉरेंसिक जांच के बाद चौथे मौत की भी पुष्टि आज कर दी। चौथे शव की पहचान 22 वर्षीय विक्टोरिया आदित्य के रूप में हुई हैं। विक्टोरिया के पिता चेतन आदित्य केंद्रीय विद्यालय एनटीपीसी दर्री कोरबा में शिक्षक है। 

जानिए क्या था मामला

दरअसल, ये पूरी घटना शनिवार की है। सिविल लाइन निवासी मृतक अभिषेक कुर्रे ऑटो डीलर था और शनिवार को ही उसकी शादी बेमेतरा की एक लड़की से तय हुई थी। शादी तय होने की खुशी में अपने पत्रकार दोस्त पेंड्रा राजपुर निवासी शाहनवाज खान, कोरबा निवासी विक्टोरिया आदित्य और याशिका मनहर को पार्टी में इनवाइट किया था। सभी शाहनवाज खान की कार CG 10 bd 7861 में सवार होकर पहले अभिषेक कुर्रे के घर सिविल लाइन आये। इसके बाद एक पब में साथ पार्टी मनाई और फिर सभी शाहनवाज की कार में सवार होकर चपोरा के पास पचरा में स्थित गिन्नी रिसोर्ट जाने के लिए निकले थे। इस दौरान रतनपुर के ग्राम पोड़ी और खैरा के बीच पहुंचे ही थे कि उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई।

टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि, पूरा इंजन फट गया और कार में आग लग गई। साथ ही कार में रखा कई समान बाहर फेंका गया। इसके बाद किसी को बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिल सका। सभी की जलने से मौत हो गई। सुबह बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस और एफएसएल की टीम ने गाड़ी से कंकाल निकाले। पुलिस की माने तो मौके से 3 ही कंकाल की स्पष्ट पुष्टि हो पाई थी जबकि चौथे शव का कुछ स्पष्ट सुराग नहीं मिल सका था। परिजन, दोस्तों ने कुछ सामान के आधार पर शहनवाज खान, अभिषेक कुर्रे और याशिका मनहर के शव की पहचान की, जबकि चौथी युवती के शव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। 

विक्टोरिया आदित्य के घर की मिली थी चाबी लेकिन सुराग नहीं

थाना प्रभारी प्रसाद सिन्हा ने घटना के बाद मीडिया को बताया था कि एक युवती विक्टोरिया को लेकर अभी भी संदेह बरकरार है। मृतकों के दोस्तों ने जरुर पुष्टि की है कि युवती कार में थी। लेकिन, कार में सिर्फ तीन ही कंकाल स्पष्ट रूप से मिले हैं। हालांकि, युवती के घर की चाबी भी कार में मिली है। जिससे यह आशंका जताई जा रही कि उसकी भी मौत हो गई है। लेकिन, अब तक उसका कुछ पता नहीं चल पाया है। कुछ कंकाल कार के सीट से बुरी तरह छिपका हुआ था, जो उस युवती के होने की आशंका जताई जा रही है। दूसरी तरफ दुर्घटना की बात सुन विक्टोरिया आदित्य के पिता व परिजन बिलासपुर पहुँच गए थे। और अपनी बेटी के शव की मांग पुलिस से कर रहे थे।

दोनों युवतियां कर रही थी PSC की तैयारी 

याशिका मनहर पिता भवानी राम (22) निवासी बालको नगर भद्रा पारा जिला कोरबा की रहने वाली थी। उसने सेंट्रल यूनिवर्सिटी से बीए तक की पढ़ाई पूरी कर ली थी। जिसके बाद वह सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मंगला में फ्लैट लेकर रहती थी और पीएससी की तैयारी कर रही थी। उसके पिता प्राइवेट काम करते हैं।

दूसरी युवती 21 वर्षीय विक्टोरिया आदित्य कोरबा जिले के दर्री थाना क्षेत्र अंतर्गत एनटीपीसी कालोनी की रहने वाली थी। उसका परिवार मूल रूप से सक्ती जिले के जैजैपुर ब्लॉक के अंतर्गत एक गांव का रहने वाला है। उसके पिता चेतन आदित्य कोरबा में दर्री एनटीपीसी परिसर स्थित केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक है। विक्टोरिया घुरु घासीदास विश्वविद्यालय में बीए फाइनल ईयर की छात्रा थी। साथ ही वह पीएससी का कोचिंग भी कर रही थी। वह सरकंडा थाना क्षेत्र के नूतन चौक में सेंट्रल लाइब्रेरी के पास किराए का रूम लेकर रहती थी। इस दौरान उसकी मुलाकात याशिका से हुई थी और दोनो में दोस्ती हो गई। जबकि अभिषेक ने सीएमडी से अपनी पढ़ाई पूरी की थी।

पार्टियों के शौकीन होने के चलते पब डिस्को वगैरह में पार्टियों के दौरान ही समीर व अभिषेक से दोनों युवतियों की दोस्ती हुई थी। दोनों अक्सर इनके साथ पार्टी करने साथ आया करती थी।

नहीं खुला कार का दरवाजा

आसपास के प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि, घटना के तुरंत बाद ही कार में आग लग गई। आसपास के लोगों ने और वहां से गुजरने वाली गाड़ियों में सवार लोगों ने मदद के लिए अपनी ओर से बहत कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। आग इतनी बुरी तरह से कार को अपनी चपेट में ले चुकी थी कि, कई बार की कोशिशों के बाद भी कार का दरवाजा नहीं खोला जा सका।

क्या थी हादसे की वजह

पुलिस यह आशंका जता रही है कि, ड्राइविंग के दौरान शहनवाज खान की या तो झपकी लग गई होगी अथवा सामने से तेज रफ्तार में कोई गाड़ी आ गई होगी, जिस वजह से कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। पब से निकलने के चलते एक अंदेशा यह भी है कि वह नशे की हालत में रहा होगा।

डेढ़ साल में पूरा परिवार खत्म

मृतक अभिषेक कुर्रे के पिता की करीब डेढ़ साल पहले मौत हो चुकी है। वहीं, पिता की मौत के 6 माह बाद उसकी मां का भी निधन हो गया था। उसने सीएमडी से ग्रेजुएशन के बाद पहले पीएससी की तैयारी की थी पर सफलता न मिलने पर ऑटो डील का क़ाम करने लगा था। जबकि समीर उर्फ शाहनवाज पहले गाड़ियों की सर्विसिंग सेंटर चलाता था इस दौरान से दोनो में मित्रता थी। माता पिता की मौत के डेढ़ साल के अंदर ही अब अभिषेक ने भी सड़क हादसे में दम तोड़ दिया

घड़ी, चेन और कड़ा से हुई पहचान

हादसे के बाद जब मौके पर पुलिस और परिचित पहुंचे तो कार की स्थिति देख उनके पैरो तले जमीन ही खिसक गई। कार में सिर्फ लोहे का ढांचा बचा था। मृतकों के कंगाल भी सीट से बुरी तरह से छिपके हुए थे। शहनवाज की पहचान उसके गले की मोटी चेन, हाथ के कड़ा से हुई। जबकि अभिषेक की पहचान उसके हाथ की उस घड़ी से हुई, जो उसे शादी तय होने पर मिली थी।याशिका की पहचान भी उसके चेन से हुई। वहीं, लापता मानी जा रही युवती विक्टोरिया के कमरे की चाबी भी कार में मिली थी। जिससे यह आशंका जा रही थी कि वह भी कार में होगी और उसकी भी मौत हो गई होगी।

विक्टोरिया ने की थी मां से आखरी बार बात

इस हादसे की खबर लगते ही रतनपुर थाने में चारो युवक-युवती के परिजन पहुंच गए थे। इस दौरान पुलिस ने सारे कंकाल उन्हें दिखाए और उसे एफएसएल के पास जांच के लिए भेज दिए हैं। शहनवाज की मौत की खबर लगते ही शहर में सनसनी दौड़ गई. बताया जा रहा है कि, वह मिलनसार किस्म का था इस वजह से रविवार को लोग उसकी मौत की खबर को लेकर सकते में दिखे। वही शिक्षक की बेटी विक्टोरिया ने पार्टी के लिए बाहर जाने से पहले रात 11 बजे अपनी माँ से बात की थी। और उन्हें पार्टी के लिए पब में होने व फिर बाहर भी जाने की जानकारी दी थी।

आसपास के कैमरे में घटना कैद

बताया जा रहा कि, पास की एक दुकान में लगे सीसी कैमरे का फुटेज देखने के कार पेड़ से टकराते हुए और उसमें से आग निकलते दिख रहा. बताया जा रहा है कि, कार की रफ्तार इतनी अधिक थी कि किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिल पाया और तो और कार में इतनी तेजी के साथ आग लगी कि, कार सवार बाहर तक नहीं निकल पाए. कार की पेड़ से टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि उसमें रखा कुछ सामान भी गाड़ी के बार फेंका गया था. घटना के तुरंत बाद तीन शव की तो पुष्टि हो गई पर चौथे शव की पुष्टि नही हो पा रही थी। लोगो ने चारों को तो कार में सवार होकर जाते देखा था पर अंदेशा जताया जा रहा था कि विक्टोरिया कहीं बीच रास्ते मे उतर गई होगी। पुलिस उसकी तलाश में थी और उसके घर वाले भी बेटी की जानकारी मांग रहे थे।

पुलिस के द्वारा फॉरेंसिक जांच करवाई गई और पहचान परीक्षण करवाया गया। जिसमें पता चला कि ड्राइविंग सीट पर शाहनवाज उर्फ समीर खान था। उसके मित्रों जे चेन अंगूठी व घड़ी से उसके कंकाल की पहचान की। ड्राइविंग सीट के बगल में मिले कंकाल में एक चैन मिली है। जिसकी शिनाख्त याशिका मनहर के रूप में उसके पिता भवानी राम ने की है। ड्राइविंग सीट के पीछे कंकाल में एक कड़ा,चैन मिला। जिसकी पहचान अभिषेक के जीजा नीलेश ने की है।

गवाहों ने समीर, आदित्य व याशिका के साथ विक्टोरिया के भी जाने की भी जानकारी दी थी। पर विक्टोरिया के बॉडी पार्ट्स कार में नहीं मिल पाने के चलते उसकी पुष्टि नहीं हो पा रही थी।

पुलिस ने उसके परिजनों को स्थल निरीक्षण करवाया। जिसमें कार के पीछे सीट के पास एक चाबियों का गुच्छा मिला। जिसे विक्टोरिया के परिजनों ने उसके रूम की चाबी होना बताये। विक्टोरिया के मोबाइल का लास्ट लोकेशन भी घटनास्थल पर ही आया। पोस्टमार्टम में अभिषेक कुर्रे के कंकाल में एक फीमेल के बॉडी पार्ट्स का चिपका हुआ पाया जाना बताया गया। जिसके आधार पर दुर्घटना में उसके मौत की भी पुष्टि की गई है। 

वहीँ, ASP राहुलदेव शर्मा ने इस मामले में बताया कि मृतक चालक शाहनवाज खान उर्फ़ समीर था। ड्राइविंग सीट के बगल में मिला कंकाल याशिका मनहर, ड्राइविंग सीट के पीछे अभिषेक कुर्रे और उसके बाजू में विक्टोरिया आदित्य बैठी हुई थी।

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