Bilaspur Apollo Hospital Fire Accedent: CG- ब्रेकिंग: बिलासपुर अपोलो हॉस्पिटल में हाहाकार : आगजनी के बाद इमरजेंसी मरीजों को भी लौटाया जा रहा, पहले से भर्ती मरीज के परिजनों को मिलने से रोका जा रहा

Update: 2023-04-20 16:18 GMT

Bilaspur Apollo बिलासपुर. आगजनी की घटना के बाद अपोलो अस्पताल में इलाज की इमरजेंसी व्यवस्था भी चरमरा गई है। नए आने वाले मरीजों की सीधे भर्ती नहीं किया जा रहा है। बल्कि उन्हें इमरजेंसी वार्ड के बाहर ही बिना इलाज के दूसरे अस्पताल भेजा जा रहा है। इस कारण गंभीर स्थिति में एडमिट होने आने वाले मरीजों का एडमिशन नहीं हो पा रहा है। उन्हें दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है। कुल मिलाकर अपोलो में इलाज की व्यवस्था लड़खड़ा गई है।

उमरिया जिले के नौरोजाबाद के रहने वाले 70 वर्षीय सुरेश प्रसाद रिटायर्ड एसईसीएल कर्मी हैं। उन्हें बीपी शुगर समेत दमा की बीमारी है। उन्हें दमा की बीमारी के चलते सांस लेने में तकलीफ हो रही है। स्थिति बिगड़ने पर उन्हें स्कार्पियो से मध्यप्रदेश से अपोलो (स्कार्पियो क्रमांक mp 17 cc 5814) लाया गया। पर आपातकालीन गेट से जब उन्हें अंदर भर्ती करने के लिए ले जाया जा रहा था तब उन्हें अंदर जाने से गार्ड व मेडिकल स्टाफ ने रोक दिया। परिजनों द्वारा स्थिति गम्भीर होने की बात कहने पर एक डॉक्टर बाहर आये और उन्हें चेक किया। इस दौरान उन्हें सांस लेने में ज्यादा ही तकलीफ शुरू हो गई। जिसके चलते उन्हें तुरंत अपोलों के एम्बुलेंस से किम्स अस्प्ताल में बाहर से ही भेज दिया गया।

इस संबंध में अपोलों प्रबंधन का कहना है कि इमरजेंसी ( आपात काल) की साफ सफाई चल रही है। जिसके चलते फिलहाल थोड़ी देर के लिए उसे बंद कर दिया गया है, एडमिशन नही लेने जैसी कोई बात नही है। साथ ही अपोलों का यह भी कहना है कि किसी भी वार्ड को बंद नही किया गया है सभी वार्ड में मरीजों का इलाज जारी है। जहां आग लगी है, उस वार्ड को बस खाली करवाया गया है।

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पर आगजनी के चलते मरीजों को पहले बाहर निकाल कर मैदान में रख दिया गया था। अब उन्हें तो अलग- अलग वार्डो में शिफ्ट किया गया है पर उनके परिजनों को अंदर नही जाने दिया जा रहा है। मरीज के परिजन बाहर ही है। कई बार मरीजों के परिजनों व गार्डों के मध्य अंदर जाने को लेकर नोक- झोंक भी हो रही है। बाहर इंतजार कर रहे परिजनों का कहना है कि न तो अंदर ही जाने दिया जा रहा है और न ही अंदर भर्ती हमारे परिजनों की स्थिति ही बताई जा रही है। न ही फोन पर उनसे संपर्क करवाया जा रहा है, जिसके चलते हम सब परेशान हैं। कुल मिलाकर फिलहाल आगजनी से अपोलों की व्यवस्था चरमरा गई है।

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